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जन्म से मिलने वाली नागरिकता खत्म करेंगे ट्रंप, समझिए भारत पर असर

अमेरिका के भावी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि वह जिस दिन अपना काम संभालेंगे उसी दिन बर्थराइट सिटिजनशिप के नियम को खत्म करवा देंगे। समझिए इससे क्या होगा।

Donald Trump

डोनाल्ड ट्रंप, Photo: Donald Trump X Handle

डोनाल्ड ट्रंप अलग तरह से फैसले लेने और फिर उसे लागू करवाने के लिए किसी भी हद तक जाने वाले नेता के रूप में जाने जाते हैं। अमेरिका में दूसरे देशों के लोगों की वैध और अवैध तरीके से बढ़ती संख्या लंबे समय से चिंता का विषय है। डोनाल्ड ट्रंप इस समस्या से निपटने का वादा करते आए हैं। अब उन्होंने कहा है कि सत्ता संभालने के पहले ही दिन वह बर्थराइट सिटिजनशिप का नियम खत्म कर देंगे। इसका मतलब यह है कि अभी तक जिनको जन्म के साथ ही अमेरिका की नागरिकता मिल जाती है, वह नियम आगे नहीं रहेगा। ट्रंप के इस फैसले से लाखों भारतीयों और भारतीय मूल के लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं।

 

अमेरिकी चुनाव में जीत के बाद डोनाल्ड ट्रंप ही भविष्य के राष्ट्रपति हैं। वह जनवरी में शपथ लेंगे। ट्रंप ने पहले ही कहा है कि वह लगभग 150 साल पुराने नियमों को बदलने जा रहे हैं। अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन के तहत अमेरिका में नागरिकता के नियम बदले गए थे। इन नियमों के तहत कोई भी शख्स अगर अमेरिकी की धरती पर पैदा होता है तो उसे अमेरिका का नागरिक माना जाएगा। इसमें यह भी नहीं देखा जाता कि उस बच्चे के माता-पिता वैध रूप से अमेरिका आए या अवैध रूप से। डोनाल्ड ट्रंप इन नियमों को बकवास बताते हुए इन्हें खत्म करने की वकालत करते रहे हैं।

क्या है बर्थराइट नागरिकता?

 

दुनिया के हर देश में नागरिकता मिलने के अलग-अलग तरीके होते हैं। उदाहरण के लिए, भारत में भारतीय नागरिकों के बच्चे अपने आप भारत के नागरिक माने जाते हैं। इसी तरह अमेरिका का कानून कहता है कि कोई भी शख्स जो अमेरिका की धरती पर पैदा होता है, उसे अमेरिका का नागरिक माना जाएगा। यह कानून दशकों से लागू है और इसका फायदा उठाकर कई देशों के लाखों लोग अमेरिका के नागरिक बन चुके हैं। मौलिक रूप से इसका प्रावधान उन लोगों के लिए रखा गया था जो पहले दास थे और उनकी आने वाली पीढ़ियों को भारत की नागरिकता दी जानी थी।

 

ट्रंप और उनके समर्थकों का मानना है कि इस नियम का दुरुपयोग हो रहा है और अमेरिका का नागरिक बनने के मानक और कठिन होने चाहिए। इसी हफ्ते एक इंटरव्यू में डोनाल्ड ट्रंप ने फिर दोहराया था कि जैसे ही वह अपना कार्यभार संभालेंगे वैसे ही बर्थराइट सिजिटनशिप को खत्म कर देंगे। हालांकि, यह भी रोचक बात है कि डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में भी इस मुद्दे को उठाया था लेकिन तब इस ओर कोई कदम नहीं उठाया गया। इस बार कहा जा रहा है कि इस मामले की संवैधानिक और कानूनी अड़चनें समझने के बावजूद डोनाल्ड ट्रंप इसे खत्म करने की बात कह रहे हैं।

असर क्या होगा?

 

माना जा रहा है कि अगर डोनाल्ड ट्रंप इन नियमों को खत्म कर देते हैं तो इसका असर लाखों लोगों पर पड़ेंगे। Pew रिसर्च का मानान है कि लगभग 48 लाख भारतीय-अमेरिकी लोग इससे प्रभावित होंगे क्योंकि इसमें से 16 लाख लोग अमेरिका में ही पैदा हुए हैं। ऐसे में डोनाल्ड ट्रंप के इन नए नियमों से ये लोग अमेरिका के नागरिक ही नहीं रह जाएंगे। इस बात को ट्रंप भी मानते हैं। उन्होंने यह कहा भी था कि इस नियम को खत्म किए जाने के बाद परिवार अलग हो जाएंगे और जिन लोगों के पास नागरिकता नहीं होगी उन्हें उनके देशों में भेजा जा सकता है। यह भी बता दें कि अमेरिका ही नहीं, ऐसे लगभग 30 देश हैं जहां बर्थराइट के हिसाब से नागरिकता मिलती है। 

 

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