भारत और मॉरीशस ने कई सेक्टर्स में पार्टनरशिप को मजबूत करने के लिए एग्रीमेंट साइन किया है। दोनों देशों के बीच आठ समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इसमें समुद्री सुरक्षा, लोकल करेंसी में व्यापार इत्यादि शामिल था।
पीएम मोदी ने ग्लोबल साउथ के विकास और सुरक्षा पर भी नया विजन पेश किया। पीएम मोदी ने अपनी मॉरीशस यात्रा के दूसरे और अंतिम दिन वहां के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया और बहुत सारे विकास के मुद्दों की घोषणा की।
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ग्लोबल साउथ के विकास के लिए
मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीन चंद्र रामगुलाम से बातचीत के बाद उन्होंने ग्लोबल साउथ के लिए एक नया विजन 'महासागर'(Mahasagr, Mutual and Holistic Advancement for Security and Growth Across Regions) पेश किया। यह विजन ऐसे समय में आया है जब चीन हिंद महासागर में लगातार अपने प्रभाव को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।
पीएम मोदी ने कहा, 'हम लोग मॉरीशस के साथ सुरक्षा को लेकर हर तरह का सहयोग करने को प्रतिबद्ध हैं।'
पहले थी 'सागर' पॉलिसी
महासागर विजन सागर (SAGAR) पॉलिसी के आधार पर बनाया गया है जिसका अर्थ है सिक्युरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन। इसकी घोषणा पीएम मोदी ने सबसे पहले साल 2015 में की थी। हिंद महासागर में इसी के आधार पर भारत ने बाकी देशों के साथ संबंधों को बढ़ाया है।
मीडिया को दिए बयान में पीएम मोदी ने कहा, 'हमने पूरे क्षेत्र के स्थायित्व और संपन्नता के लिए सागर विजन के आधार पर काम किया है। मैं यह बात कहना चाहता हूं कि ग्लोबल साउथ के विकास के लिए विजन सागर नहीं महासागर होगा।'
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नया एप्रोच
उन्होंने कहा कि नया एप्रोच विकास के लिए व्यापार, धारणीय विकास के लिए क्षमता निर्माण और परस्पर सुरक्षा के लिए होगा। इसके तहत टेक्नॉलजी शेयरिंग, रियायती दर पर लोन और ग्रांट के आधार पर किया जाएगा।