अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रविवार (5 जनवरी) को व्हाइट हाउस में एक समारोह आयोजित किया। इसमें राजनीति, मनोरंजन, खेल और अन्य क्षेत्रों से आने वाले 19 बड़े हस्तियों को सम्मानित किया गया। इन सभी को राष्ट्रपति अवॉर्ड का सम्नान मिला।
इसमें- हिलेरी क्लिंटन, जॉर्ज सोरोस, अर्जेंटीना के फुटबॉलर लियोनेल मेस्सी, मानवविज्ञानी जेन गुडॉल और अभिनेता डेनजेल वाशिंगटन जैसी बड़ी हस्तियां शामिल हुए। ऐसे में आइये जानते है कि इस अवॉर्ड का महत्व क्या है और इसके लिए कैसे तय होते हैं नाम?
यू.एस. प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम क्या है?
प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम संयुक्त राज्य अमेरिका का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जिसे अक्सर किसी व्यक्ति के जीवनकाल में किए गए कार्यों के सम्मान में दिया जाता है। नवंबर 2024 की कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस की रिपोर्ट के अनुसार, इसकी शुरुआत राष्ट्रपति हैरी एस. ट्रूमैन ने 1945 में किया था। बाद में 1963 में राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने इसका नाम बदल दिया। इस अवॉर्ड के तहत देश का राष्ट्रपति किसी भी व्यक्ति को सम्मान इन तीन शर्तों के हिसाब से दे सकता हैं।
- पहला- संयुक्त राज्य अमेरिका की सुरक्षा या राष्ट्रीय हितों में काम किया हो।
- दूसरा- विश्व शांति के हित में काम किया हो।
- तीसरा- सांस्कृतिक या अन्य महत्वपूर्ण सार्वजनिक या निजी प्रयासों में विशेष रूप से सराहनीय योगदान दिया हो।
कैसा दिखता है यह अवॉर्ड?
पांच कोने वाले यह पदक अमेरिका के फ्लैग को दर्शाता है। सफेद स्टार के चारों और पांच सुनहरे ईगल होते हैं। इसके सेंटर में 13 सुनहरे स्टार वाला एक नीला सर्कल लगा होता है और पट्टी नीले रंग की होती है।

प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम अवॉर्ड का नाम कैसे तय होता हैं?
इस पदक को पाने के लिए योग्यताएं बहुत मायने रखती हैं। सीआरएस रिपोर्ट के अनुसार, 'प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम अवॉर्ड किसको मिलना चाहिए, इसके नामांकित करने और चुनने के लिए कोई औपचारिक प्रक्रिया नहीं है। कार्यकारी आदेश 13 मार्च, 1970 के तहत राष्ट्रपति द्वारा अपनी पहल पर चुने गए किसी भी व्यक्ति को पदक देने की पूरी छूट है। रिपोर्ट में कहा गया है कि नामों का चयन अक्सर अमेरिकी राष्ट्रपति के राजनीतिक और व्यक्तिगत हितों को दर्शाता है।