नोबेल का शांति पुरस्कार मारिया कोरिना मचाडो को दिया गया है। उन्हें यह पुरस्कार वेनेजुएला में लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए उनके संघर्ष के लिए दिया गया है। पुरस्कारों की घोषणा शुक्रवार को नार्वे की राजधानी ओस्लो में की गई। इस साल नोबेल के शांति पुरस्कार के लिए नार्वेजियन नोबेल कमेटी को 338 नॉमिनेशन मिले थे जिसमें से 244 व्यक्ति थे और 94 संगठन शामिल थे।
हालांकि, पिछले कुछ महीनों से डोनाल्ड ट्रंप के नाम को लेकर काफी चर्चा चल रही थी। पुरस्कारों की घोषणा के कुछ समय पहले ही रूस ने भी इस बात को लेकर सहमति जतायी थी कि डोनाल्ड ट्रंप के कार्यों को देखते हुए उन्हें शांति के लिए नोबेल पुरस्कार दिया जा सकता है।
कौन हैं मारिया कोरिना मचाडो
मारिया कोरिना मचाडो वेनेजुएला की विपक्ष की नेता हैं। पेशे से वह इंडस्ट्रियल इंजीनियर रही हैं और 2011 से 2014 के बीच नेशनल एसेंबली ऑफ वेनेजुएला की निर्वाचित सदस्य रही हैं। उन्होंने 2002 में वोट मॉनीटरिंग ग्रुप सुमेट के संस्थापक के रूप में राजनीति में प्रवेश किया। वह वेन्टे वेनेजुएला राजनीतिक पार्टी की राष्ट्रीय संयोजक हैं।
साल 2018 में उन्हें बीबीसी की दुनिया की 100 महत्त्वपूर्ण महिलाओं में भी स्थान मिला था। साल 2025 में टाइम्स मैगजीन ने दुनिया की 100 सर्वाधिक प्रभावशाली महिलाओं में स्थान मिला था। वह वेनेजुएला के विपक्षी नेताओं का प्रमुख चेहरा हैं यहां तक कि वेनेजुएला की मौजूदा निकोलस मादुरो सरकार ने उनके वेनेजुएला के बाहर जाने पर भी रोक लगा रखी है।
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