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पहले जेल भेजा, अब ISKCON वाले संतों को भारत नहीं आने दे रहा बांग्लादेश

बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से ही अल्पसंख्यक हिंदुओं को प्रताड़ित किया जा रहा है। अब भारत आने की कोशिश कर रहे संतों को रोक दिए जाने का मामला सामने आया है।

ISKCON

लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं ISKCON से जुड़े लोग, Image Source: ISKCON

एक तरफ बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू निशाने पर हैं, संत गिरफ्तार हो रहे हैं और अब बांग्लादेश ने मनमानी शुरू कर दी है। ISKCON से जुड़े 63 संतों को बांग्लादेश ने भारत आने से रोक दिया है। हैरान करने वाली बात यह है कि जिन संतों को रोका गया है उनके पास वैध पासपोर्ट और वीजा भी हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, कोलकाता ISKCON ने बताया है कि शनिवार शाम और रविवार सुबह ये संत भारत आना चाहते थे लेकिन इन्हें सीमा पार करने की अनुमति ही नहीं दी गई। बांग्लादेशी अधिकारियों का कहना है कि इन लोगों की गतिविधियां संदिग्ध हैं इसलिए इन्हें रोका गया है। कुछ दिनों पहले ही भारत ने साफ-साफ कहा था कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यों की रक्षा करना वहां की अंतरिम सरकार का कर्तव्य है। 

 

देखा गया है कि ISKCON के मुख्य पुजारी निन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के बाद से ही इस संस्था से जुड़े लोग निशाने पर हैं। बांग्लादेश में खतरा महसूस करने के बाद ISKCON के सदस्य भारत में दाखिल हो रहे थे। अब बांग्लादेश की पुलिस ने दर्जनों संतों को भारत जाने से रोक लिया है जबकि इन संतों का कहना है कि उनके पास सारे दस्तावेज मौजूद हैं। बताया गया है कि जिन्हें रोका गया है वे बेनापोल बॉर्डर से भारत में दाखिल होना चाहते थे लेकिन बांग्लादेशी पुलिस और अधिकारियों ने उन्हें लौटा दिया। एक बांग्लादेशी अधिकारी ने इस बारे में कहा, 'हमने पुलिस की स्पेशल ब्रांच से बात की और पूछा कि इन लोगों को बॉर्डर पार करने दिया जाए या नहीं। इन लोगों के पास वीजा और पासपोर्ट तो थे लेकिन यात्रा के लिए जरूरी अनुमति नहीं थी। बिना अनुमति के ये लोग नहीं जा सकते थे इसलिए इन्हें लौटा दिया गया।'

क्या है पूरा मामला?

 

जिन लोगों को रोका गया है, उसमें से एक का कहना है, 'हम भारत में एक धार्मिक आयोजन के लिए जा रहे थे लेकिन हमें बिना कोई वजह बताए ही लौटा दिया गया।' अधिकारी संदिग्ध गतिविधियों का जिक्र तो कर रहे हैं लेकिन वे अब तक ये नहीं बता पाए हैं कि संदिग्ध गतिविधि के रूप में इन संतों ने क्या किया है। ISKCON कोलकाता के वाइस प्रेसिडेंट राधाराम दास का कहना है, 'ये संत बांग्लादेश इस्कॉन की अलग-अलग यूनिट का हिस्सा हैं। मैं हैरान हूं कि किस आधार पर ये लोग उन संतों को रोक सकते हैं जिनके पास वीजा, पासपोर्ट और अन्य सभी दस्तावेज मौजूद हैं।'

 

बता दें कि ISKCON बांग्लादेश के मुख्य पुजारी चिन्मय प्रभु को राजद्रोह के आरोप में बांग्लादेश में गिरफ्तार किया गया है। चिन्मय प्रभु समेत ISKCON से जुड़े 17 लोगों के बैंक खातों को भी एक महीने के लिए फ्रीज कर दिया गया है। रविवार को दुनियाभर के 150 से ज्यादा इस्कॉन सेंटर पर लोगों ने बांग्लादेश में हो रही इन गतिविधियों के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस्कॉन ने मांग की है कि संयुक्त राष्ट्र इसमें हस्तक्षेप करे।

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