ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को ड्रोन देने वाले तुर्की में अब अज्ञात ड्रोन से हड़कंप मचा है। पिछले 24 घंटे में दो अज्ञात ड्रोन मिलने से हड़कंप है। अब इन ड्रोन को राजधानी अंकारा ले जाया जाएगा, ताकि इनके बारे में अधिक जानकारी जुटाई जा सके। इससे पहले 15 दिसंबर को अंकारा के करीब एल्मादाग जिले में एक ड्रोन देखा गया था। हालांकि इसके बाद ड्रोन को मार गिराया गया था। प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक यह ड्रोन रूस के हैं।
एक दिन पहले यानी शुक्रवार (19 दिसंबर) को तुर्की में एक अन्य ड्रोन देखा गया था। बाद में यह ड्रोन हादसाग्रस्त हो गया। 24 घंटे के भीतर ही बालिकेसिर शहर के पास एक अन्य ड्रोन खाली खेत में पड़ा मिला। अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि यह दोनों ड्रोन कब गिरे। हाल्क टीवी के मुताबिक दोनों ड्रोनों को अंकारा ले जाया गया है। शनिवार की घटना के साथ यह तुर्की में ड्रोन देखे जाने की तीसरी घटना है। खासकर सभी ड्रोन राजधानी के आसपास दिख रहे हैं।
यह भी पढ़ें: युनूस को 24 घंटे का अल्टीमेटम, हादी के हत्यारों को पकड़ो नहीं तो...
- पहला ड्रोन: अंकारा के करीब एल्मादाग जिले में मिला।
- दूसरा ड्रोन: शुक्रवार को इजमित शहर के पास मिला।
- तीसरा ड्रोन: बालिकेसिर शहर के नजदीक पड़ा मिला।
तुर्की के गृह मंत्रालय ने क्या बताया?
राजधानी समेत अलग-अलग हिस्सों में अज्ञात ड्रोन दिखने से तुर्की में खौफ का माहौल है। लोग देश की हवाई सुरक्षा के प्रति चिंतित हैं। पूरे मामले की जांच तुर्की के गृह मंत्रालय ने शुरू कर दी है। मंत्रालय की शुरुआती जांच बताती है कि यह रूस के ओरलान 10 ड्रोन हैं। इनका इस्तेमाल निगरानी और टोही के काम में किया जाता है। काला सागर से करीब 30 किमी दूर स्थित इजमित शहर में मिला ड्रोन भी रूस का है।
कई फ्लाइट डायवर्ट
15 दिसंबर को राजधानी के नजदीक ड्रोन दिखने के बाद अंकारा एयरपोर्ट का संचालन कुछ समय बंद रहा। वहीं कुछ फ्लाइट्स को डायवर्ट करना पड़ा। विपक्ष समेत अब लोग पूछ रहे हैं कि ड्रोन इतनी अंदर तक कैसे घुसे? तुर्की के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि काला सागर से तुर्की के एयरस्पेस में घुसने के बाद ड्रोन नियंत्रण से बाहर हो गया था। एक खाली जगह पर जाकर दुर्घटना का शिकार हो गया।
यह भी पढ़ें: बांग्लादेश में हादी सुपुर्द-ए-खाक, राष्ट्रकवि की कब्र के बगल में दफनाया गया
क्यों तुर्की तक पहुंच रहे रूसी ड्रोन?
कुछ दिन पहले तुर्की की समुद्री सीमा के करीब रूस के दो तेल टैंकरों पर हमला किया गया था। इसकी जिम्मेदारी यूक्रेन ने ली। तब से काला सागर रूस और यूक्रेन के बीच जंग का मैदान बना है। तुर्की की सीमा काला सागर से लगी है। तनाव बढ़ने के बाद तुर्की ने रूस और यूक्रेन से युद्ध अन्य क्षेत्रों में न फैलने देने की अपील की। तुर्की राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने चेतावनी दी कि इससे पूरा इलाका संघर्ष का मैदान बन सकता है। हाल ही में यूक्रेन के ओडेसा बंदरगाह के करीब तुर्की के एक जहाज को भी निशाना बनाया गया है।