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क्या अमेरिका से भिड़ जाएगा ये देश, 45 लाख सैनिक क्यों तैनात कर रहा?

डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में वेनेजुएला के साथ तनातनी बढ़ती जा रही है। अमेरिका ने किसी भी हद तक जाने की बात कही तो वहीं वेनेजुएला 45 लाख मिलिशिया सैनिकों की तैनाती करने जा रहा है।

Donald Trump and Nicolas Maduro.

डोनाल्ड ट्रंप और निकोलस मादुरो। ( Photo Credit: X/@realDonaldTrump/@NicolasMaduro)

अमेरिका और वेनेजुएला के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। डोनाल्ड ट्रंप की वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो से नहीं बनती है। 10 जनवरी को मादुरो ने तीसरी बार और 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप ने दूसरी बार राष्ट्रपति पद की शपथ ली। ट्रंप के पिछले कार्यकाल में दोनों नेताओं के बीच खूब तू-तू, मैं-मैं होती रही है। ट्रंप ने मादुरो को सत्ता से हटाने की भरसक कोशिश की मगर सफलता नहीं मिली।

 

ट्रंप ने मादुरो के करीबी लोगों की संपत्ति जब्त की। वेनेजुएला के तेल पर प्रतिबंध लगाया। ट्रंप ने पहले कार्यकाल में मादुरो की गिरफ्तारी में सहायता करने पर 15 मिलियन डॉलर का इनाम घोषित किया। अब ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में अमेरिका और वेनेजुएला के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। मामला सैन्य तैनाती तक पहुंच गया है। 

 

डोनाल्ड ट्रंप मादुरो को तानाशाह और नाजायज शासक कहते हैं। उन पर दुनिया के सबसे बड़े नशा तस्कर होने का आरोप लगाते हैं। हाल ही में ट्रंप ने निकोलस मादुरो की गिरफ्तारी में सहायता करने वाली सूचना देने पर इनाम की राशि दोगुनी कर दी है। पहले 25 मिलियन डॉलर का इनाम था। अब अगर किसी ने मादुरो की गिरफ्तारी में सहायता की तो उसे अमेरिका 50 मिलियन डॉलर का इनाम देगा। बता दें कि अमेरिका और वेनेजुएला के बीच 2019 से राजनयिक संबंध नहीं हैं।

 

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मादुरो तैनात करेंगे 45 लाख मिलिशिया सैनिक

इनाम की राशि दोगुना करने के बाद ट्रंप प्रशासन ने लैटिन अमेरिका और कैरिबियन में तैनात सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है। इसके बाद निकोलस मादुरो ने भी बड़ा एक्शन लिया है। उन्होंने पूरे देश में 45 लाख मिलिशिया सैनिकों की तैनाती का एलान किया है। मादुरो का कहना है कि कोई भी साम्राज्य वेनेजुएला की पावन धरती को छू नहीं पाएगा। 

 

निकोलस मादुरो ने कहा का कि इस हफ्ते पूरे क्षेत्र में 45 लाख से अधिक मिलिशिया सैनिकों की तैनाती का फैसला लिया है। मिलिशिया तैयार, सक्रिय और सशस्त्र है। 2005 में पूर्व राष्ट्रपति ह्यूगो चावेज ने वेनेजुएला मिलिशिया बनाया था। हालांकि औपचारिक गठन पांच साल बाद यानी 2010 में हुआ था। मिलिशिया बोलिवेरियन राष्ट्रीय सशस्त्र बल (एफएएनबी) का हिस्सा है। ग्लोबल फायर पावर वेबसाइट के मुताबिक 145 देशों की सूची में वेनेजुएला सैन्य शक्ति के मामले में 50वें स्थान पर आता है।

अमेरिका ने भी भेजे अपने सैनिक

अमेरिका ने वेनेजुएला के आसपास नौसैनिक गतिविधियां तेज कर दी हैं। उसका कहना है कि नशीले पदार्थों की तस्करी रोकने की खातिर यह कदम उठाया है। मगर वेनेजुएला के करीब तीन अमेरिकी विध्वंसक और करीब चार हजार सैनिक पहुंच चुके हैं। वेनेजुएला की समुद्री सीमा लगभग 2500 किमी लंबी है।

तो कुछ भी कर सकता है अमेरिका!

डोनाल्ड ट्रंप मादुरो पर नशा तस्करी का आरोप लगाते हैं। अब नशे का बहाना बनाकर अमेरिका ने वेनेजुएला के आसपास अपनी सैन्य तैनाती तेज कर दी है। सैन्य जमावड़े के बारे में व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बहुत स्पष्ट हैं। वह हमारे देश में ड्रग्स की घुसपैठ रोकने और जिम्मेदार लोगों को सजा दिलाने की खातिर अमेरिकी शक्ति के हर पहलू का इस्तेमाल करने को तैयार हैं। लेविट ने यह भी कहा कि मादुरो वेनेजुएला के वैध राष्ट्रपति नहीं है। मादुरो की सरकार ने नशा तस्करी के आरोपों को खारिज कर दिया। 

वेनेजुएला पर 25 फीसदी टैरिफ

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल में वेनेज़ुएला से तेल या गैस खरीदने वाले देशों पर 25 फीसदी टैरिफ लगाया। डोनाल्ड ट्रंप किसी भी प्रकार से वेनेजुएला की सरकार की कमाई के जरिये को तबाह करना चाहता है। पिछले कार्यकाल में वेनेजुएला के तेल पर आर्थिक प्रतिबंध से भारी आर्थिक संकट उपजा था। महंगाई और अन्य कारणों से लगभग 77.7 लाख से अधिक लोगों को अपना देश छोड़ना पड़ा था।

 

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जनता को भड़काने की कोशिश कर चुके ट्रंप

फरवरी 2019 में ट्रंप ने मादुरो के खिलाफ वेनेजुएला के लोगों से उठ खड़े होने की अपील की थी। ट्रंप ने कहा था, 'अपने देश को आजाद करो। अब समय आ गया है कि सभी वेनेज़ुएला देशभक्त एकजुट होकर काम करें।' 2020 में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि मादुरो एक नाजायज शासक हैं। वह एक ऐसे तानाशाह हैं, जो अपने लोगों पर अत्याचार करते हैं। मगर मादुरो की तानाशाही पर पकड़ को तोड़ दिया जाएगा।

चीन से नजदीकी, अमेरिका में टेंशन

डोनाल्ड ट्रंप अपने पहले कार्यकाल से ही वेनेजुएला पर दबाव बनाने की रणनीति के तहत काम कर रहे हैं। लाख कोशिशों के बावजूद अभी तक निकोलस मादुरो को अमेरिका हटा नहीं पाया है। निकोलस मादुरो 2013 से वेनेजुएला की सत्ता पर काबिज है। 2019 में ट्रंप ने वेनेजुएला के विपक्षी नेता जुआन गुएदो का समर्थन किया था। इसके बाद वेनेजुएला ने आधिकारिक तौर पर अमेरिका से रिश्ते तोड़ लिए थे। मादुरो चीन के काफी करीब है। चीन भी वेनेजुएला के तेल का सबसे बड़ा खरीदार है। चीन के साथ मादुरो की नजदीकी को अमेरिका बड़ा खतरा मानता है। 

 

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