अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को घोषणा की कि वे अधिकांश देशों पर लगाए गए नए 'रेसिप्रोकल' टैरिफ को 90 दिनों के लिए रोक रहे हैं। हालांकि, चीन के लिए टैरिफ दर बढ़ाकर 125% कर दी गई है। ट्रंप के अनुसार, 75 से अधिक देशों ने अमेरिका के साथ बातचीत की इच्छा जताई है, जिससे यह निर्णय लिया गया। इस अवधि में, अधिकांश देशों के लिए टैरिफ दर 10% होगी, जबकि वाहनों जैसे कुछ उत्पादों पर 25% टैरिफ लागू रहेगा। चीन के लिए टैरिफ में यह वृद्धि तत्काल प्रभाव से लागू होगी।
पिछले कुछ दिनों से, रिपब्लिकन नेताओं और अधिकारियों ने ट्रंप से टैरिफ को फिलहाल रोकने के लिए कहा था, क्योंकि उन्हें संभावित ट्रे़ड वॉर की वजह से वैश्विक मंदी के आने का डर था। हालांकि, ट्रंप अपने निर्णय पर कायम थे। बॉन्ड बाजार में गिरावट के कारण ट्रेजरी विभाग की बढ़ती चिंता ने ट्रंप को टैरिफ नीति में बदलाव करने पर मजबूर किया।
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चीन पर लगाए रखा टैरिफ
ट्रंप ने दुनिया के बाकी देशों के लिए तो टैरिफ पर रोक लगा दी लेकिन चीन पर बढ़े हुए टैरिफ को बनाए रखने के फैसले पर अडिग रहे। इसका कारण बताते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि चीन ने वैश्विक बाजारों के प्रति सम्मान नहीं दिखाया है। उन्होंने कहा, ‘चीन को यह समझना होगा कि अमेरिका और अन्य देशों का शोषण अब स्वीकार नहीं किया जाएगा।’ ट्रंप ने यह भी कहा कि चीन एक समझौता करना चाहता है, लेकिन उन्हें नहीं पता कि इसे कैसे करना है।
अमेरिकी शेयर बाजारों में उछाल
ट्रंप की घोषणा के बाद, अमेरिकी शेयर बाजारों में तेजी देखी गई। एसएंडपी 500 में 9.5% की वृद्धि हुई, जो 1940 के बाद से तीसरी सबसे बड़ी एक दिन में होने वाली वृद्धि है। डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 2,962 अंक (7.9%) बढ़ा, और नैस्डैक में 12.2% की वृद्धि हुई। यह उछाल दिखाता है कि निवेशकों के बीच ट्रेड वॉर को लेकर चिंता कम हुई है।
भारत पर प्रभाव
ट्रंप द्वारा भारतीय आयात पर लगाए गए 26% टैरिफ के कारण भारतीय बाजारों में गिरावट आई थी। अब, 90 दिनों की रोक के साथ, भारतीय शेयर बाजारों को राहत मिल सकती है, और नई दिल्ली को अमेरिका के साथ व्यापार समझौते पर काम करने का समय मिलेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता चल रही है, और उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच एक लाभदायक बहुपक्षीय व्यापार समझौता जल्द ही संपन्न होगा।
आगे की राह
ट्रंप के इस निर्णय के बावजूद, चीन और अमेरिका के बीच व्यापार तनाव बना हुआ है। चीन ने अमेरिकी उत्पादों पर अपने टैरिफ बढ़ाकर 84% कर दिए हैं, जिससे ट्रेड वॉर और बढ़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह तनावपूर्ण स्थिति आगे भी जारी रह सकती है, और दोनों देशों को अपने मतभेद सुलझाने के लिए बातचीत करनी होगी।
इस प्रकार, राष्ट्रपति ट्रंप का यह निर्णय वैश्विक व्यापार परिदृश्य में महत्वपूर्ण बदलाव लाने वाला है। आने वाले दिनों में, यह देखना दिलचस्प होगा कि यह निर्णय वैश्विक अर्थव्यवस्था और विभिन्न देशों के साथ अमेरिका के व्यापार संबंधों को कैसे प्रभावित करता है।