logo

ट्रेंडिंग:

भारतवंशियों पर भरोसा कम, क्या मजबूर थे डोनाल्ड ट्रम्प?

डोनाल्ड टम्प जब साल 2017 से 2021 के बीच पहली बार अमेरिका के राष्ट्रपति बने तो उनके प्रशासन में भारतीय मूल के लोगों को कई अहम पद मिले। इस बार सिर्फ एक चेहरा उन्होंने चुना है।

Elon Musk

डोनाल्ड ट्रम्प और विवेक रामास्वामी। (तस्वीर- facebook.com/VivekGRamaswamy)

अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव इस बार बेहद दिलचस्प रहा। भारतवंशी कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रम्प की इस सियासी लड़ाई में कई चेहरे ऐसे रहे जिन्हें जीतने के बाद नवनिर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति ने दरकिनार कर दिया। डोनाल्ड ट्रम्प, व्हाइट हाउस के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और उन्होंने अपने पसंदीदा चेहरों को भी चुन लिया है, जिनके सहारे वे सरकार चलाने वाले हैं।

डोनाल्ड ट्रम्प अपने पूरे चुनावी कैंपेन में प्रवासियों के मुद्दों पर बेहद सख्त रहे। उन्होंने अमेरिका से चुन-चुनकर प्रवासियों को निकालने की बात कही है। इसके लिए ट्रम्प एलियन एनिमि एक्ट 1798 तक लागू करने का दावा कर रहे हैं। 20 जनवरी को वे व्हाइट हाउस पर आधिकारिक रूप से काबिज होंगे। वे राष्ट्रपति पद और गोपनीयता की शपथ इसी दिन लेंगे। 

ट्रम्प के भारतवंशियों से कतराने की वजह क्या है?

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल लॉ में रिसर्च स्कॉलर रहे दीपक कुमार बताते हैं कि ट्रम्प के पहले कार्यकाल की तुलना में इस कार्यकाल में भारतवंशियों की संख्या कम है। अमेरिका में अवैध रूप से दाखिल होने वाले भारतीयों की एक बड़ी संख्या है। एक वजह ये भी हो सकती है कि वे भारतवंशियों को कोई अहम जिम्मेदारी देने से इसलिए भी डर रहे हों कि सरकार के भीतर ही प्रतिरोध के स्वर न गूंजने पाए। 

डॉ. दीपक बताते हैं कि डोनाल्ड ट्रम्प के कई ऐसे फैसले होने वाले हैं, जिन्हें भारतीय मूल के लोग सहजता से स्वीकार नहीं कर सकते हैं। व्यापार, प्रवासन, वीजा नीतियों को लेकर ट्रम्प बेहद सख्त हैं। वे भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ाने वाले हैं, वे रूस के साथ दोस्ती की वजह से प्रतिबंध बढ़ाने वाले हैं। उन्हें रूस का रक्षा मसौदा नहीं पसंद है। डोनाल्ड ट्रम्प, एचबी-1 वीजा पॉलिसी में छेड़छाड़ कर सकते हैं। भारतीय मूल के लोग इस पर विरोध जता सकते हैं, यही वजह है कि ट्रम्प ने इस बार कम लोगों को अपनी सरकार में तरजीह दी है।

ये आंकड़े ohss.dhs.gov पर उपलब्ध हैं। 

 

 

डॉ. दीपक ने ऑफिशियल होमलैंड सिक्योरिटी स्टेटिस्टिक्स के आधिकारिक आंकड़े का जिक्र करते हुए बताया कि अमेरिका में अवैध प्रवासी समस्या बन चुके हैं। साल 2022 तक कुल अवैध प्रवासियों की संख्या वहां 10,90,000 तक पहुंच गई थी। साल 2018 से 2022 के बीच सबसे ज्यादा अवैध प्रवासी मेक्सिको से आए थे। साल 2022 में ही 4810000 प्रवासी अमेरिका में मेक्सिको के रास्ते घुसे थे। एक अनुमान के मुताबिक साल 2022 तक भारत के अवैध प्रवासियों की संख्या 220000 तक पहुंच गई थी। 

ohss.dhs.gov पर ये आंकड़े उपलब्ध हैं।

 


ट्रम्प का इकलौता भारतवंशी चेहरा कौन?
विवेक रामास्वामी को डोनाल्ड ट्रम्प ने गवर्नमेंट ऑफ एफिशिएंसी की जिम्मेदारी सौंपी है। इस काम में उनके साथ एलन मस्क भी हैं। विवेक रामास्वामी अमेरिकी राष्ट्रवाद के पक्षधर हैं और ट्रम्प के वफादार बन गए हैं। वे रिपब्लिकन पार्टी के लिए राष्ट्रपति पद की रेस में शामिल रहे हैं। वे अमेरिका में अमेरिका का मूल सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के समर्थक हैं। वे ओहायो में पैदा हुए और हावर्ड और येल जैसे विश्वविद्यालयों में पढ़ाई की। उनकी संपत्ति 63 करोड़ डॉलर से ज्यादा है। विवेक रामास्वामी के पिता वी गणपति रामास्वामी हैं। उनका परिवार केरल से आया था।  

vivek ramaswamy
विवेक रामास्वामी, अमेरिका में नया सांस्कृतिक राष्ट्रवाद शुरू करना चाहते हैं। (तस्वीर- facebook.com/VivekGRamaswamy)

और किन चेहरों पर ट्रम्प ने जताया है भरोसा?
रॉबर्ड एफ कैनेडी जूनियर को ट्रम्प ने हेल्थ एंड ह्युमन सर्विस (HHS) का स्टेट सिक्रेटरी चुना है। वे पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी के भतीजे हैं। गवर्नमेंट ऑफ एफिशिएंसी की जिम्मेदारी एलन मस्क और विवेक रामास्वामी के कंधों पर हैं। विवेक रामास्वामी भारवंशी हैं। दोनों मिलकर, अमेरिका के संघीय बजट को 7 ट्रिलियन डॉलर से घटाकर 2 ट्रिलियन डॉलर पर ले आएंगे। दिलचस्प बात ये है कि टेस्ला, स्पेस एक्स और स्टारलिंक जैसी कंपनियों के मालिक एलन मस्क की कंपनियों को अमेरिका सरकार ने कई कॉन्ट्रैक्ट दिए हैं।


करीबियों पर मेहरबान नजर आए ट्रम्प
डिपार्टमेंट ऑफ वेटर्न अफेयरर्स की जिम्मेदारी डग कॉलिन्स के कंधों पर है। जब डोनाल्ड ट्रम्प पर महाभियोग लगाया गया था, तब इन्होंने ट्रम्प की बहुत मदद की थी। सेक्रेट्री ऑफ स्टेट की जिम्मेदारी मार्को रूबियो को दी गई है। वे फ्लोरिडा के सिनेटर हैं और उन्हें चीन के बढ़ते वैश्विक प्रभाव से बचने के लिए रणनीति तैयार करने की भी जिम्मेदारी मिली है। डिफेंस सेक्रेट्री, पीट हेगसेथ बने हैं। वे अमेरिका के रक्षा विभाग की जिम्मेदारी संभालेंगे। उनकी जिम्मेदारी मध्य पूर्व एशिया के तनाव और यूक्रेन-रूस जंग पर नजर रखने की भी है। नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर माइक वाल्ट्ज बनाए गए हैं। ये पहले स्पेशल फोर्स के अधिकारी रहे हैं, अब ट्रम्प के सलाहकार होंगे। चीन और रूस के धुर आलोचर माइक वाल्ट्ज, ट्रम्प के करीबी हैं।  जॉन रेटक्लिफ को CIA का डायरेक्टर बनाया गया है। वे ट्रम्प के वफादार हैं। डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस तुलसी गबार्ड को बनया गया है। वे डोमोक्रेटिक पार्टी में आकर ट्रम्प की करीबी बन गई हैं। उन्हें अमेरिका की 18 इंटेलिजेंस एजेंसियों पर नजर रखना होगा। 

टेस्ला के CEO एलन मस्क। (तस्वीर- x.com/elonmusk)

ट्रम्प के सहयोगियों के काम हैं निराले
डोनाल्ड ट्रम्प की सरकार में एटॉर्नी जनरल की भूमिका में मेट गेट्ज हैं। उन पर सेक्स ट्रैफिकिंग के गंभीर आरोप लग चुके हैं। जस्टिस डिपार्टमेंट ने उनके खिलाफ जांच ही आगे नहीं बढ़ाई।  होमलैंड सिक्योरिटी सिक्रेटरी की जिम्मेदारी क्रिस्टी नियोम को दी गई है। वे ट्रम्प की प्रवासी नीतियों को लागू कराएंगी। उन्होंने अपने कुत्ते को ही मार डाला था, सिर्फ यह दिखाने के लिए वे कठिन निर्णय ले सकती हैं। इस पर खूब विवाद हुआ था। यूनाइटेड नेशन एंबेसडर के लिए ट्रम्प ने एलिस स्टेफानिक पर भरोसा जताया है। वे इजरायल समर्थक हैं और ईरान विरोधी हैं। डोनाल्ड ट्रम्प ने माइक हुकाबी को इजरायल का एंबेसडर चुना है।  डोनाल्ड ट्रम्प ने ली जेल्दिन को पर्यावरण सुरक्षा एजेंसी की जिम्मेदारी दी है। सूसी वील्स को व्हाइट हाउस चीफ ऑफ स्टाफ की जिम्मेदारी दी है। 

पिछले टर्म में किन भारतवंशियो को ट्रम्प ने दी थी अहम जिम्मेदारी?
डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने पिछले कार्यकाल में काश पटेल को रिपब्लिकन हाउस स्टाफर नियुक्त किया था। निक्की हेली को ट्रम्प ने यूएन एंबेसडर बनाया था। वे साउथ कैलिफोर्निया की गवर्नर भी रही थीं। इस बार ट्रम्प ने उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं दी। ट्रम्प ने राज शाह को व्हाइट हाउस का डिप्टी प्रेस सचिव बनाया था। 

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap