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दुनिया की 'घटती' आबादी से बेचैन क्यों हैं एलन मस्क?

एलन मस्क ने दुनिया की घटती आबादी पर चिंता जताई है। उन्होंने घटती आबादी को क्लाइमेट चेंज से भी बड़ा खतरा बता दिया है। उन्होंने क्या-क्या कहा है, आइए जानते हैं।

Elon Musk

SpaceX के CEO एलन मस्क। (Photo Credit: X, Elon Musk)

अमेरिकी अरबपति एलन मस्क ने दक्षिण कोरिया, जापान और सिंगापुर जैसे देशों में घटती आबादी को लेकर चिंता जाहिर की है। उन्होंने सिंगापुर को लेकर कहा है कि यहां की घटती आबादी सबसे ज्यादा खतरे में है। उन्होंने कहा है कि सिंगापुर आने वाले दिनों में खत्म हो जाएगा। 

एलन मस्क ने सिर्फ दक्षिण कोरिया, जापान और सिंगापुर का ही जिक्र नहीं किया है, उन्होंने भारत और चीन की भी कम बच्चे पैदा करने के क्रेज पर चिंता जताई है। एलन मस्क का कहना है कि अगर आबादी कम होगी तो यह क्लाइमेट चेंज से बड़ी चुनौती बनकर सामने आएगी।

'इंसानियत के लिए खतरा है घटती आबादी'
एलन मस्क ने टेस्ला ओनर्स सिलिकॉन वैली अकाउंट की ओर से शेयर किए गए एक ग्राफ में जनसंख्या के जोखिमों पर बात की है। एलन मस्क ने कहा, 'घटती जनसंख्या इंसानियत के लिए सबसे बड़ा खतरा है।'

किस ग्राफ का हवाला दे रहे हैं एलन मस्क?
एलन मस्क ने एक ग्राफ शेयर किया है। ग्राफ में बताया गया है कि भआरत और चीन की संख्या में बड़ी गिरावट आने वाली है। ग्राफ में बताया गया है कि सन 2100 तक भारत की आबादी 40 करोड़ तक घट जाएगी, वहीं चीन की आबादी 70 करोड़ से ज्यादा घट जाएगी। 



किन देशों की बढ़ेगी आबादी?
ग्राफ में बताया गया है कि नाइजीरिया जैसे देश की आबादी ज्यादा बढ़ेगी। इस देश की आबादी सदी के अंत तक चीन को पार सकती है। एलन मस्क बार-बार जनसंख्या घटने को लेकर दुनिया को आगाह करते रहते हैं। वह घटती आबादी की वजह कम प्रजनन दर, बूढ़ी आबादी और प्रवासन जैसे वजहों को मानते हैं। एलन मस्क बार-बार कहते हैं कि आबादी घट रही है। 

एलन मस्क क्यों बेचैन हैं?
एलन मस्क का मानना है कि जनसंख्या में गिरावट का असर अर्थव्यवस्था के लिए खतरा पैदा करेगा। एलन मस्क ने कहा है कि 'जनसंख्या में गिरावट सभ्यता के लिए ग्लोबल वार्मिंग से कहीं बड़ा खतरा है।' 



घटती आबादी के जोखिम क्या हैं?
एलन मस्क ने दुनिया की घटती आबादी को लेकर चिंता जाहिर की है। उनका कहना है कि जनसंख्या में गिरावट के आर्थिक और तकनीकी असर भी देखने को मिलेगी। वह चाहते हैं कि दुनिया में लोग आबादी बढ़ाएं। यूरोप और जापान जैसे बूढ़े देशों में कम प्रजनन क्षमता की वजह से आर्थिक विकास प्रभावित होता है।

ग्लोबल वार्मिंग से बड़ा खतरा घट रही आबादी
साल 2022 में भी उन्होंने जनसंख्या में गिरावट को ग्लोबल वार्मिंग से बड़ा खतरा बताया था। उन्होंने X पर लिखा, 'कम जन्म दर की वजह से जनसंख्या में गिरावट सभ्यता के लिए ग्लोबल वार्मिंग से कहीं बड़ा खतरा है। इन शब्दों को याद रखें।'

एलन मस्क ने यह भी लिखा कि इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि ग्लोबल वार्मिंग कोई खतरा नहीं है। एलन मस्क का मानना है कि प्रजनन दर में वैश्विक तौर पर गिरावट आ रही है। एलन मस्क का कहना है कि कई देशों में अब प्रजनन दर जनसंख्या स्थिरता के लिए जरूरी 2.1 रिप्लेसमेंट रेशियो से भी कम है।

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