भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिकों ने कीर स्टार्मर को उनके 'एशियन ग्रूमिग गैंग' वाले टर्म के इस्तेमाल पर घेरा है। सेक्सुअल ग्रूमिंग पर बोलकर कीर स्टार्मर बुरी तरह फंस गए हैं। लोगों का कहना है कि जिस अपराध में उनका दोष ही नहीं है, उसमें क्यों हिंदुस्तानी समुदाय का नाम घसीटा जा रहा है।
सोमवार को कीर स्टार्मर ने 'एशियन ग्रूमिंग गैंग' शब्द का इस्तेमाल किया था। एलन मस्क के तंज से बचने के लिए उन्होंने इस शब्द का इस्तेमाल किया था। उन्होंने इस तथ्य को नकार दिया था कि ज्यादातर ग्रूमिंग गैंग के आरोपी पाकिस्तानी मूल के हैं।
क्यों भड़के हैं हिंदुस्तानी मूल के लोग?
यूके हिंदू काउंसिल के चीफ कृष्णभान ने कीर स्टार्मर के इस बयान पर नाराजगी जाहिर की है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा है, 'हम इस बात से निराश हैं कि प्रधानमंत्री ने इस जघन्य अत्याचार को एशियाई शब्द से छुपाने का विकल्प चुना। हमारी हिंदू और सिख लड़कियां भी उनकी शिकार थीं।
जय शाह फ्रेंड्स ऑफ इंडिया सोसाइटी इंटरनेशनल यूके के प्रवक्ता हैं। उन्होंने भी ब्रिटिश पीएम से सवाल किया, 'एशियाई का मतलब वियतनामी, श्रीलंकाई, जापानी और हिंदुस्तानी है। हमें इन गिरोहों का हिस्सा क्यों माना जाना चाहिए?'
जय शाह ने कहा, 'कीर स्टार्मर को साफ करना चाहिए कि वह कौन हैं। ऐसे बयान अपमानजनक हैं, यह एशिया का अपमान है। जब ग्रूमिंग गिरोह की बात आती है, तो हम एशियाई हैं, जब वे कश्मीर के बारे में बात करते हैं, तो हम अचानक भारतीय हो जाते हैं।'
जय शाह ने कहा, 'राजनेता पीड़ितों के बजाय अपराधियों की रक्षा करते दिखते हैं। अगर कोई ब्रिटिश व्यक्ति एशिया में कोई अपराध करता है तो उस अपराधी को यूरोपीय तो नहीं कहते हैं।'
सिख संगठनों के नाराजगी की क्या वजह है?
सिख संगठनों ने भी ब्रिटिश पीएम के बयानों पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि एशियाई ग्रूमिंग गैंग बोलकर उन्होंने सबका अपमान किया है। यह बेहद निराशाजनक है। समस्या यह है कि अपराधियों की जातीयता और धर्म का जिक्र नहीं किया जा सकता है।
सिख यूथ यूके की चीफ दीपा सिंह ने कहा, 'हमने सिख पीड़ितों के हजारों मामलों को निपटाया है। हमने शोषित और उपेक्षित सिख लड़कियों को बचाया है। इन लड़कियों को इन गिरोहों ने उत्पीड़ित किया था।' सिख यूथ यूके 15 साल से ऐसे अपराध से पीड़ित बच्चियों की मदद करने वाला संगठन है।
ग्रूमिंग गैंग के खिलाफ भारतीयों में आक्रोश
हिंदू काउंसिल यूके और सिख फेडरेशन यूके जैसी संस्थाएं इन अपराधों को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाती हैं। बाल यौन शोषण के बहस में सिख और हिंदुओं को भी एशियाई का जाता है। राजनेता उनके खिलाफ अपमानजनक बयान देते हैं, गिरोह का तमगा देते हैं। इसे लेकर भारतीय समुदाय में आक्रोश है।
'पाकिस्तान' पर UK की चुप्पी
पाकिस्तान के लोग ऐसे अपराधों में ज्यादा संलिप्त हैं। ग्रूमिंग गैंग की रिपोर्ट में भी यह बातें सामने आई हैं। हिंदू और सिख संगठनों का आरोप है कि ब्रिटिश राजनेता, पाकिस्तानी मूल के वोट को हासिल करने के लिए ऐसे बयान देते हैं। वे साफ-साफ पाकिस्तान का नाम लेने से बचते हैं। रॉदरहैम की लेबर पार्टी की नेता सारा चैंपियन ने साल 2018 में कहा था कि ब्रिटेन को श्वेत लड़कियों का ब्रिटिश पाकिस्तानी रेप करते हैं। उन्हें इस बयान की वजह से एक अहम पद गंवाना पड़ा था।