अमेरिका ने G7 देशों और यूरोपियन यूनियन से अपील की है कि वे चीन और भारत पर भारी टैरिफ लगाएं। भारत और चीन रूस से तेल खरीद रहे हैं, जो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को खटक रहा है। अमेरिका का कहना है कि भारत और चीन से मिलने वाले फंड का इस्तेमाल, रूस, यूक्रेन के खिलाफ जंग में कर रहा है। डोनाल्ड ट्रंप मानते हैं कि यह व्यापार व्लादिमीर पुतिन की ताकत बढ़ा रहा है, जिससे यूक्रेन की मुसीबत बढ़ रही है।
G7 देशों के वित्त मंत्रियों की बैठक में अमेरिका ने यह अपील की है। मीटिंग में रूस पर और सख्त प्रतिबंध लगाने की बात हुई है। जो देश, रूस के साथ व्यापार कर रहे हैं उन पर और टैरिफ लादने की बात जी7 देश कर रहे हैं। वित्त मत्रियों की इस बैठक की अगुवाई कनाडा के वित्त मंत्री फ्रांस्वा-फिलिप शैंपेन ने की है।
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G7 देशों ने प्रतिबंधों पर क्या कहा?
कनाडा के वित्त मंत्री फ्रांस्वा-फिलिप शैंपेन ने रूस के जब्त किए गए संसाधनों को यूक्रेन की रक्षा के लिए इस्तेमाल करने पर जोर दिया। उन्होंने अपने आधिकारिक बयान में कहा, 'रूस पर दबाव बढ़ाने के लिए कई आर्थिक कदमों पर बात हुई है। प्रतिबंध, टैरिफ और ट्रेड पर चर्चा हुई है। अब ये उन देशों पर लगेंगे जो रूस की जंग को समर्थन दे रहे हैं।'
अमेरिकी ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेन्ट ने साथी देशों से कहा, 'केवल एकजुट होकर ही हम व्लादिमीर पुतिन की ओर से छेड़ी गई जंग को रोक सकते हैं। उनकी फंडिंग तभी रुकेगी, जब व्यापार रुकेगा। इससे यूक्रेन में बेकसूर लोगों की हत्या रुकेगी।'
यूएस ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव जेमिसन ग्रीर ने भी यही बातें कहीं हैं। शुक्रवार को ही यूएस ट्रेजरी विभाग ने साफ कहा है कि G7 और EU को चीन और भारत से आयातित सामानों पर ज्यादा टैरिफ लगाना चाहिए, जिससे ये देश रूसी तेल की खरीद बंद करें।
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टैरिफ की वजह से भारत-अमेरिकी रिश्तों में आई दरार
टैरिफ की वजह से ही भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों में दरार आई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ही भारत के आयात पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया था। रूस से व्यापार करने पर अलग से 25 प्रतिशत टैरिफ लगा, जिससे कुल टैरिफ 50 फीसदी हो गया। ट्रंप चाहते हैं कि भारत, रूस के साथ व्यापार खत्म कर दे। वह रूस के सस्ते क्रूड तेल को न खरीदने का दबाव बना रहे हैं। भारत ने यह दबाव मानने से इनकार किया है।
चीन पर दरियादिली दिखा रहे ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप, राष्ट्रपति, अमेरिका:-
हम दोनों देशों के बीच ट्रेड बैरियर्स को सुलझाने के लिए बातचीत जारी रख रहे हैं।
एक तरफ ट्रंप भारत से समझौता करने को तैयार नहीं हैं, वह चीन को राहत दे रहे हैं। बीजिंग के साथ उनकी व्यापार वार्ता चल रही है। भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते अब तल्ख दौर में पहुंच रहे हैं। भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की ओर से एक-दूसरे को दोस्त बताया जा रहा हो लेकिन इस दोस्ती में दरार आई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी:-
भारत और अमेरिका करीबी दोस्त और नेचुरल पार्टनर हैं। मुझे भरोसा है कि हमारी ट्रेड नेगोशिएशंस नई ऊंचाइयों को छुएंगी।
क्या भारत ने बंद कर दिया है तेल खरीदना?
नहीं। भारत संप्रभु देश है, अपनी शर्तों पर व्यापार करता है। भारत सरकार ने कहा है कि हमारी ऊर्जा जरूरतें रूस के साथ व्यापार करने के लिए बाध्य करती हैं। रूस हमें सस्ता तेल देता है।
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G7 देश कौन से हैं?
दुनिया के सबसे विकसित देशों का यह समूह है। इस संगठन में 6 देश और EU आता है। जी7 देश दावा करते हैं कि वे दुनिया की अर्थव्यवस्था चलाते हैं। इन देशों के नाम हैं-
- कनाडा
- फ़्रांस
- जर्मनी
- इटली
- जापान
- यूनाइटेड किंगडम
- संयुक्त राज्य अमेरिका
G7 की बैठक में क्या-क्या हुआ?
- G7 मीटिंग में यूरोप ने रूस पर 19वें प्रतिबंध पैकेज को फाइनल करने की बात की
- ब्रिटेन ने 100 रूसी ऑयल टैंकरों और कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए
- ऑलेकिन EU को भारत के साथ फ्री ट्रेड डील की उम्मीद है
- ट्रंप कह चुके हैं कि पुतिन पर उनकी धैर्य की सीमा खत्म हो रही है