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BRICS देशों पर 100% टैरिफ लगाने की ट्रंप की धमकी, क्या होगा असर

ट्रंप ने ब्रिक्स देशों पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है। ब्रिक्स देशों में भारत भी शामिल है। अगर ऐसा होता है तो इसका क्या असर पड़ सकता है।

Donald Trump । Photo Credit: PTI

डोनाल्ड ट्रंप । Photo Credit: PTI

सोमवार को शपथ ग्रहण के साथ ही डोनाल्ड ट्रंप ने बड़े फैसले लेने शुरू कर दिए हैं। बर्थराइट सिटीजनशिप को समाप्त करने का आदेश जहां एक तरफ चर्चा का विषय बन गया वहीं दूसरी तरफ ट्रंप के ब्रिक्स देशों पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की चेतावनी ने भी खूब सुर्खियां बटोरीं।

 

दरअसल, ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर ब्रिक्स नेशन अमेरिका के साथ व्यापार संतुलन नहीं करेंगे तो अमेरिका उन पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाएगा। बता दें कि ब्रिक्स देशों में भारत भी शामिल है।

 

ट्रंप ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'ब्रिक्स छह सात देश हैं...हमारे साथ खेल करने की कोशिश कर रहे हैं...अगर वह ऐसा करते हैं तो उनके लिए अच्छा नहीं होगा।' उन्होंने कहा, 'हम दूसरे देशों पर टैरिफ और टैक्स लगाएंगे ताकि अपने देश के लोगों को अमीर बना सकें।'

 

इसमें उन्होंने गलती से स्पेन को भी शामिल कर लिया जबकि ब्रिक्स देशों में दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, रूस, भारत और चीन शामिल हैं।

ब्रिक्स मुद्रा की योजना

दरअसल, ब्रिक्स देश दुनिया में व्यापार के लिए डॉलर पर निर्भरता को खत्म करने के लिए ब्रिक्स करेंसी बनाने पर विचार कर रहे हैं। हालांकि, भारत ने कभी भी खुलकर इसको अपना समर्थन नहीं दिया है, या कहें कि भारत ने इस पर अनिच्छा जाहिर की थी। ट्रंप ने उस वक्त भी चेतावनी दी थी।

पुतिन ने भी किया था आह्वान

बता दें कि 15वें ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान पुतिन ने भी डॉलर निर्भरता को कम करने का आह्वान किया था। उन्होंने कहा था कि सदस्य देशों को राष्ट्रीय मुद्राओं में लेन-देन को बढ़ावा देना चाहिए और बैंकों के बीच सहयोग को बढ़ाया जाना चाहिए।

क्या होगा असर

हालांकि ट्रंप के टैरिफ हाइक को लेकर इंडिया टुडे को दिए एक इंटरव्यू में आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि यह पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

 

उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि ट्रंप की टैरिफ को बढाने की धमकियां पूरी दुनिया में  दिक्कत पैदा कर सकती हैं और अमेरिका के लिए, मुझे नहीं लगता कि वे उतने फायदेमंद होंगे जितना प्रशासन मानता है। आंशिक रूप से इसलिए क्योंकि सामान अमेरिका के बाहर एक कारण से बनाए जाते हैं - उन्हें बाहर बनाना सस्ता है, फिर टैरिफ लगाकर उन्हें अमेरिका में वापस लाने की कोशिश आमतौर पर काम नहीं करती है।'

 

यह भी पढ़ेंः ट्रंप नहीं इन राष्ट्रपतियों ने जारी किए ढेर सारे एक्जीक्युटिव ऑर्डर

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