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प्रदूषण से बचें, मनाएं ग्रीन दिवाली: खुशियों संग रखें पर्यावरण का ध्यान

दिवाली खुशियों और रोशनी का त्योहार है, लेकिन पटाखों से प्रदूषण बढ़ जाता है, खासकर दिल्ली-एनसीआर में। इसलिए पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए ग्रीन दिवाली मनाना बेहतर ऑप्शन है।

Green Diwali

ग्रीन दिवाली, AI Generated Image

दिवाली रौशनी, खुशियों और समृद्धि का त्योहार है। लोग खुब सारे पकवान, मिठाई, पटाखे और दिये जलाकर आज दिवाली का पर्व मनाएंगे। दिवाली में पटाखे फोड़ने की वजह से पॉल्युशन बढ़ जाता है। खासकर दिल्ली- एनसीआर में प्रदूषण का लेवल इतना बढ़ जाता है कि यहां सांस लेना भी मुश्किल होने लगता है। पर्यावरण और अपने स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर ग्रीन दिवाली मनाना एक अच्छा और बेहतर ऑप्शन हो सकता है। ग्रीन दिवाली मनाने के आसान तरीके को जानते हैं-  


पहले तो यह समझते हैं कि ग्रीन दिवाली है क्या? ग्रीन दिवाली फेस्टिवल मनाने का स्मार्ट और सस्टेनेबल तरीका माना जाता है। इसका मतलब है कि त्योहार ऐसे मनाया जाए जिससे इसकी रौनक भी न जाए और पर्यावरण को भी किसी तरह का नुकसान न पहुंचे। आइए जानते हैं वे कौन-कौन से तरीके है जिससे आप ग्रीन दिवाली मना सकते हैं--

 

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1. पॉल्यूशन फैलाने वाले पटाखों से बचें

 

पटाखों से साउंड और एयर पॉल्युशन होता है जिससे बच्चे, बूढ़े और अस्थमा के मरीजों के लिए बहुत खतरनाक होता है। इससे बचने के लिए ग्रीन पटाखे जलाए जा सकते हैं। जैसे केवल CSIR-NEERI का लोगो और QR कोड वाले ग्रीन पटाखों का ही इस्तेमाल करें, जो 30-40% कम प्रदूषण फैलाते हैं। सीड बम/बीज बम खरीदें, जिनमें बीज वाले कैप्सूल होते हैं। इन्हें फोड़ने पर प्रदूषण नहीं, बल्कि हरियाली फैलती है।

 

2. दीये और रौशनी का इस्तेमाल

 

बिजली की सजावटी लाइट्स की जगह पारंपरिक तरीकों को अपनाएं। मिट्टी के दीये जलाएं। यह पर्यावरण के अनुकूल हैं और दीये बनाने वालों को इससे रोजगार भी मिलता है। दीयों को जलाने के लिए सरसों का तेल या देसी घी इस्तेमाल करें। ये केमिकल मोम (पैराफिन वैक्स) वाली मोमबत्तियों की तुलना में धुआं कम छोड़ते हैं और वातावरण को साफ करने में भी मदद करते हैं। बिजली की झालरों की जगह एलईडी लाइट्स का इस्तेमाल करें, जिससे कम एनर्जी खर्च होती हैं।


3. इको-फ्रेंडली सजावट अपनाएं

 

अपने घर को प्लास्टिक और आर्टिफिशियल चीजों से सजाने से बचें। केमिकल कलर की जगह फूलों (गेंदा, गुलाब), चावल के आटे, हल्दी, कुमकुम या अनाज का उपयोग करके रंगोली बनाएं। सजावट के लिए प्लास्टिक के बजाय ताजे फूल, केले के पत्ते, जूट, कागज या कपड़े से बनी हैंडमेड क्राफ्ट का इस्तेमाल करें। घर के एंट्री गेट पर तुलसी, मनी प्लांट या एरिका पाम के पौधे रखें। यह सुंदरता बढ़ाने के साथ-साथ हवा को भी साफ रखता है। 

 

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4. गिफ्ट और पैकेजिंग में बदलाव लाएं

 

गिफ्ट और पैकेजिंग में प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करें। मार्केट में प्लास्टिक पैक्ड मिठाई की जगह घर पर बनी मिठाई (गुड़, नारियल या ओट्स की स्वीट्स) दें। गिफ्ट में पौधे, बीज बम, हैंडमेड कैंडल्स, मिट्टी के बर्तन या हैंडमेड क्राफ्ट जैसे सामान दें। गिफ्ट पैक करने के लिए प्लास्टिक रैपर के बजाय न्यूज पेपर, कपड़े, जूट या ब्राउन बैग का ही इस्तेमाल करें।

 

5. कचरे का सही निपटान

 

कूड़े के ढेर या प्लास्टिक को बिल्कुल न जलाएं। इससे एयर पॉल्युशन और बढ़ता है। घर से निकलने वाले कचरे को गीला, सूखा और ई-कचरा (इलेक्ट्रॉनिक) में अलग-अलग करके रीसायकल के लिए दें।

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