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एक से अधिक बीमारी वाले मरीजों के लिए खतरनाक है कोरोना

कोरोना एक बार फिर भारत में पैर पसार रहा है। कोरोनावायरस को- मॉर्बिड मरीजों के लिए बेहद खतरनाक है। आइए समझते हैं।

corona cases in india

प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Freepik)

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भारत में कोरोना एक बार फिर तेजी से पैर पसार रहा है। देश के विभिन्न राज्यों में कोविड 19 के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इस लिस्ट में महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, गुजरात, गुरुग्राम और फरीदाबाद का नाम शामिल है। हाल ही में गुरुग्राम में तीन और फरीदाबाद में 2 लोग कोरोना के चपेट में आए हैं। 22 मई तक देश में कुल 257 एक्टिव केस मिले हैं। इनमें से 53 मामले मुंबई में हैं। कोरोना के बढ़ते हुए केस पर सरकार का कहना है कि स्थितियां चिंताजनक नहीं है।

 

दिल्ली में 23 लोग कोरोना से संक्रमित हो गए हैं। दिल्ली सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए अस्पतालों को एडवाइजरी जारी की है। इस नोटफिकेशन में सभी अस्पातलों को अलर्ट रहने और कोविड से निपटने के लिए पूरी तैयारी रखने के लिए निर्देश दिए गए हैं। मुंबई में 53 लोग संक्रमित हैं जिनमे से 2 की मौत हो गई। हालांकि ये दोनों को मॉर्बिड मरीज थे।

 

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क्या होता है को मॉर्बिडिटी

 

को- मॉर्बिडिटी (जब किसी व्यक्ति को एक ही समय में एक अधिक बीमारी हो जाती है) आम बात है। उदाहरण के लिए एक ही व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज दोनों हो सकते हैं। कोरोना काल में भी को मॉर्बिडिटी वाले मरीजों की सबसे ज्यादा मौतें हुई थी। 

 

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किन कारणों से होती है को मॉर्बिडिटी

 

कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जा सकती हैं। अगर एक व्यक्ति को पहले से एक बीमारी है तो दूसरी बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है।

 

लाइफ्टाइल- खराब खान पान, धूम्रपान, शराब के सेवन के साथ फिजिकल एक्टिविटी की कमी की वजह से कई बीमारियों को खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा जैसे जैसे उम्र बढ़ती है बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। बुढ़ापे में ज्यादातर लोगों को एक से अधिक बीमारियां हो जाती हैं। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की रिपोर्ट में बताया गया कि अलग अलग को मॉर्बिडिटी के इलाज के लिए अलग सॉल्यूशंस है।

 

को मॉर्बिडिटी कोरोना के मरीजों के लिए है जानलेवा

 

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की स्टडी के मुताबिक, साल 2020 में एक रिपोर्ट आई थी जिसमें बताया गया था कि जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज दोनों ही बीमारियां थी उनकी कोरोना के समय में सबसे ज्यादा मौत हुई थी। इसके अलावा जिन लोगों की उम्र 65 साल से ज्यादा और को मॉर्डिबिटी से ग्रस्ति थे। उनकी हालात बेहद नाजुक थी।

 

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जे. एन 1 वेरियंट

 

सिंगापुर, थाईलैंड, हांग-कांग में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट के सब वैरिएंट जेएन 1 को जिम्मेदार बताया जा रहा है। यह कोई नया वायरस नहीं है। इसके लक्षण भी पुराने वाले जैसी ही है।

 

जे.एन 1 वेरियंट के लक्षण

  • सूखी खांसी
  • गले में खराश
  • बुखार
  • नाक बहना
  • सिरदर्द
  • थकान या कमजोरीडायरिया

कोराना का यह वैरियंट ज्यादा खतरनाक नहीं है। कोरोना से संक्रमित लोगों को सभी सावधानियां बरतनी चाहिए। सर्दी होने पर भीड़ में मास्क पहनें। बार बार हाथ धोना चाहिए।

 

Disclaimer: यह आर्टिकल इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारियों पर आधारित है। विस्तृत जानकारी के लिए आप अपने किसी डॉक्टर की सलाह लें।

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