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भारत ने बनाई मलेरिया के खिलाफ पहली वैक्सीन, कैसे करेगी काम?

ICMR ने 5 भारतीय कंपनियों को मलेरिया की वैक्सीन एडाफाल्सीवैक्स बनाने की मंजूरी दे दी है। यह वैक्सीन सिर्फ बीमारी से बचाने का ही नहीं संक्रमण को फैलने से भी रोकेगी।

malaria vaccine

प्रतीकात्मक तस्वीर, Photo Credit: freepik

मलेरिया एक खतरनाक बीमारी है। भारत में हर साल इस बीमारी से लाखों मौतें होती हैं। अब इस गंभीर बीमारी के खिलाफ एक बड़ा ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने 5 भारतीय कंपनियों को देश में पहली मलेरिया की वैक्सीन एडाफाल्सीवैक्स बनाने की मंजूरी दी है। विशेषज्ञों के मुताबिक यह वैक्सीन मलेरिया को खत्म करने के लिए बेहद कारगर साबित होगी। इस वैक्सीन के जरिए भारत को 2030 तक मलेरिया मुक्त बनाने का मिशन है।

 

एडफाल्सीवैक्स वैक्सीन मलेरिया के सबसे खतरनाक पैरासाइट प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम से बचाएगा। यह वैक्सीन खास तरीके से काम करता है। यह सिर्फ मेलरिया से ही नहीं बचाएगा बल्कि दूसरों को फैलने से भी रोकेगा। यह वैक्सीन मेलिरिया के पैरासाइट को खून में पहुंचने से पहले ही रोक देता है।

 

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भारत में बनेगा मलेरिया का पहला टीका

आईसीएमआर ने इस वैक्सीन को बनाने के लिए 5 कंपनियों को लाइसेंस दिया है। इस वैक्सीन की कीमत बहुत कम होगी ताकि आम लोग इसे आसानी से खरीद सकें। ये कंपनियां जब वैक्सीन बनाएंगी उसके बाद टेस्ट होगा और फिर इस्तेमाल किया जाएगा। भारत का लक्ष्य है कि 2027 तक यह वैक्सीन बन जाए और 2030 तक मलेरिया मुक्त बनाया जाए। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत को साल 2024 में 'हाई बर्डन इंपैक्ट' वाली लिस्ट से हटा दिया था। यह दिखाता है कि भारत में मलेरिया के रोकथाम के लिए लगातार काम हो रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक 2017 से लेकर 2024 तक के बीच में मामलों और मौतों में 78% से अधिक की कमी आई है। 

मलेरिया से कैसे बचें?

बारिश के मौसम में मच्छरों से होने वाली बीमारी के मामले सबेस ज्यादा आता है। इस लिस्ट में मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया शामिल है। मलेरिया बीमारी फीमेल एनाफिलिस मच्छर के काटने से होती है। जब यह मच्छर किसी व्यक्ति को काटता है तो वह पैरासाइट उस व्यक्ति के शरीर में पहुंच जाता है। सबसे पहले यह पैरासाइट लिवर में पहुंचता है और धीरे-धीरे ब्लड में रहकर शरीर को नुकसान पहुंचाने लगता है। 

 

इसी कारण से मलेरिया के लक्षण दिखने लगते हैं जिसमें बुखार, थकान, कंपकंपी, उल्टी, दस्त, सिरदर्द और कमजोरी शामिल है। इस बीमारी को हल्के में लेने की गलती न करें। यह लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। मलेरिया की अभी तक कोई वैक्सीन नहीं आई है

 

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मेलरिया फैलाने वाले 5 तरह के पैरासाइट होते हैं

  • प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम
  • प्लाज्मोडियम मलेरिया
  • प्लाज्मोडियम विवैक्स
  • प्लाज्मोमोडियम ओवेल
  • प्लाजमोडियम नोलेसी

भारत में प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम और प्लाज्मोडियम विवैक्स सबसे आम पैरासाइट है जो गंभीर लक्षण के कारण बन सकते हैं

मलेरिया से बचने के उपाय

  • मच्छरदानी लगाकर सोएं
  • घर के आसपास पानीजमने दें
  • शाम के समय में दरवाजों और खिड़कियों पर जाली लगवाएं
  • सूखी पत्तियां और कचरा साफ रखें
  • पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें
  • मॉसक्विटो रेपेलेंट क्रीम लगाएं
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