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पेट दर्द, कब्ज को मामूली ना समझें, हो सकती है आंत की गंभीर बीमारी

इरिटेबल बाउल सिंड्रोम का मुख्य कारण खराब खानपान है। आइए इरिटबेल बाउल सिंड्रोम के लक्षणों के बारे में जानते हैं।

Irritable Bowel Syndrome

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Freepik)

खराब खान पान की वजह से सेहत को नुकसान पहुंचता है। खासौतर से पेट और आंत संबंधी बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। पिछले कुछ सालों में इरिटेबल बाउल सिंड्रोम बीमारी के मामले तेजी से बढ़े हैं। देश में 4 से 11 प्रतिशत तक लोग इस बीमारी से पीड़ित है। यह एक गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिसऑर्डर है जो कि आपकी बड़ी आंत को नुकसान पहुंचता है। यह बीमारी मुख्य रूप से अनहेल्दी डाइट लेने की वजह से होती है।

 

इस बारे में हमने जयपुर, न्यूट्रीप्लस की डायरेक्टर और सीनियर क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट डॉक्टर अंजलि फाटक से बात की। उन्होंने बताया कि आईबीएस के मरीजों को क्या खाना चाहिए और किन चीजों को खाने से परहेज करना चाहिए।

 

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इरिटेबल सिंड्रोम के लक्षण

  • पेट दर्द और ऐंठन
  • गैस की समस्या
  • पेट फूलना
  • भूख कम लगना
  • कब्ज की समस्या

इरिटेबल बाउल सिंड्रोम का कारण

डॉक्टर अंजिल ने बताया, 'यह बीमारी मुख्य रूप से स्ट्रेस की वजह से होती है। स्ट्रेस के समय में ब्ल्ड का सर्कुलेशन सबसे ज्यादा दिमाग में होता है जिस वजह से गट अच्छे से काम नहीं कर पाता है और इससे गट ब्रेन एक्सेस डिसफंक्शन होता है। ऐसा स्ट्रेस की वजह से होता है'।

 

उन्होंने आगे कहा, 'FODMAP (Fermentable, Oligosaccharides, Disaccharides, Monosaccharides And Polyols) वाली चीजों को खाने से इरिटेबल सिंड्रोम हो सकता है। ये एक तरह का शुगर है जो छोटी आंत में एब्जॉर्ब नहीं होता है और बड़ी आंत में जाकर फर्मेंट होता है जिस वजह से पेट दर्द, गैस, सूजन और डायरिया की समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा जो लोग अधिक मात्रा में फल खाते हैं उन्हें भी आईबीएस की दिक्कत हो सकती है। जिन लोगों की गुलटेन वाली चीजें नहीं पचती है उन्हें आईबीएस होने का खतरा रहता है'।

 

डॉक्टर अंजलि ने बताया, 'जो लोग अधिक मात्रा में प्रोसेस्ड फूड, जंक फूड और मैदे वाली चीजें खाते हैं, उन लोगों को भी आईबीएस होने का खतरा रहता है क्योंकि मैदा आंत में चिपक जाता है और पेट अच्छा से साफ नहीं हो पाता है। कुछ लोग बहुत जल्दी जल्दी खाना खाते हैं, ये लोग अपने खाने को चबाते नहीं है जिस कारण से सलाइवा (लार) मिक्स नहीं होता है और खाना अच्छे से नहीं पचता है। दरअसल, सलाइवा शरीर में इंजाइम्स की तरह काम करता है जो खाने को पचाने में मदद करता है।

 

इसके अलावा जो लोग प्रो बायोटिक का सेवन नहीं करते हैं उनके शरीर में गुड बैक्टीरिया नहीं बनते हैं। इस वजह से कब्ज और गैस की समस्या हो सकती हैं।

 

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आईबीएस के मरीज क्या खाएं क्या ना खाएं

  • डाइट में फर्मेंटेड फूड, मैदे वाली चीजें, डेयरी प्रोडक्ट्स को शामिल ना करें।
  • डाइट में सॉल्युबल फाइबर वाली चीजें खाएं जैसे ओट्स, चीया सीड्स। इनसॉल्युबल  फाइबर वाली चीजों को खाने से परहेज करें।
  • शरीर को हाइड्रेटेड रखें।
  • प्रोबायोटिक खाएं।
  • बैंलेस और हेल्दी डाइट लें।
  • छोटी छोटी मील्स खाएं।
  • मैग्निशियम वाली चीजों का सेवन करें।
  • योगा और मेडिटेशन करें।
  • लहसुन, प्यास, बीन्स, राजमा आदि का सेवन ना करें।

 

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