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कभी-कभी पीते हैं शराब? लिवर सिरोसिस हो सकता है, रेडियोलॉजिस्ट ने सबूत दिया

कुछ कहते हैं कि वे नियमित शराब नहीं पीते, कभी-कभी पीते हैं। कभी-कभी शराब पीने वाले लोगों के लिवर का हाल क्या होता है, आइए समझते हैं।

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सांकेतिक तस्वीर। Photo Credit: Sora

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कुछ लोग हर दिन शराब पीते हैं, कुछ लोग कभी-कभी। जो कभी-कभी शराब पीते हैं, अक्सर कहते हैं कि उन्हें क्या होगा, वह तो कभी-कभी वाले हैं। आम धारणा यह है कि कम मात्रा में, महीने में एक या दो बार जो लोग शराब पीते हैं, उनकी सेहत पर इसका खराब असर नहीं पड़ता, लिवर दुरुस्त रहता है। क्या हकीकत में ऐसा ही होता है? रेडियोलॉजिस्ट और लिवर एक्सपर्ट डॉक्टर, इन बातों से इनकार करते हैं। 

वडोदरा के एक रेडियोलॉजिस्ट डॉ. हर्ष व्यास ने कहा कि लोग अक्सर मानते हैं कि ज्यादा शराब पीना तो हानिकारक है, कभी-कभी या थोड़ी-थोड़ी शराब पीना कोई बड़ी समस्या नहीं है। उन्होंने एक केस का जिक्र किया, जिसमें कभी-कभी शराब पीने वाले एक 28 साल के युवक का लिवर डैमेज होने की कगार पर पहुंच गया था। 

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कभी-कभी पीना भी बन सकता है सिरोसिस की वजह

डॉ. व्यास ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक अल्ट्रासाउंड तस्वीर पोस्ट की। यह अल्ट्रासाउंड, एक 28 साल के युवक की है। उन्होंने लिखा, 'यह एक 28 साल के सो कॉल्ड 'कभी-कभी पीने वाले' शख्स के लिवर की अल्ट्रासाउंड सोनोग्राफी इमेज है। मेडिकल बैकग्राउंड वाले लोग इसे देखते ही समझ जाएंगे कि यह सिरोसिस है। एक ऐसी स्थिति जो ठीक नहीं हो सकती और कैंसर का खतरा बढ़ाती है।'

डॉ. हर्ष व्यास, रेडियोलॉजिस्ट:-
अगर आप शराब पीते हैं या आपके जानने वाले पीते हैं तो उन्हें अलर्ट करें। अगर ऐसा हमारे परिवार के किसी सदस्य के साथ हो जाए तो हम क्या जवाब देंगे? अगर अभी तक समस्या नहीं हुई तो इसका मतलब यह नहीं कि आप सुरक्षित हैं। यह सिर्फ इतना है कि जहर अभी तक असर नहीं दिखाया। जहर के साथ प्रयोग मत कीजिए।'


डॉ. व्यास ने बताया, 'मरीज के पेट में ज्यादा पानी जमा हो गया था। मेडिकल की जुबान में इसे एसाइटिस कहते हैं। इसलिए उसे दर्द हो रहा था।' मरीज की मां ने डॉक्टर से पूछा कि मेरा बेटा ठीक हो जाएगा ना? डॉ. व्यास ने कहा, 'हालत इतनी गंभीर थी कि अब सिर्फ लिवर ट्रांसप्लांट ही विकल्प बचा है।'

यह भी पढ़ें: डेस्क जॉब वालों में बढ़ा फैटी लिवर का जोखिम, डाक्टर से जानें लक्षण

लिवर सिरोसिस क्या है?

लिवर सिरोसिस, ऐसी बीमारी है, जिसमें लिवर की स्वस्थ कोशिकाएं, स्कार टिशू में बदलने लगती हैं। आसान भाषा में इसे लिवर का घाव कह सकते हैं। लिवर सिरोसिस से पीड़ित लोगों के लिवर की कार्यक्षमता प्रभावित होती है और शरीर का 'ब्लड फ्लो' प्रभावित होता है। कुछ मामलों में पहले किडनी फिर हार्ट फेल होता है। सिरोसिस के रोगियों में लिवर ट्रांसप्लांट ही विकल्प होता है। 

क्यों होता है लिवर सिरोसिस?

  • ज्यादा शराब का सेवन
  • क्रोनिक हेपेटाइटिस बी या सी संक्रमण
  • नॉन-एल्कोहलिक फैटी लिवर रोग
  • अनुवांशिक परेशानियां
  • दवाइयों का सेवन

कैसे पहचानें कि लिवर की सेहत बिगड़ रही है?

डॉ. शाहिद अख्तर बताते हैं कि लिवर सिरोसिस के शुरुआती लक्षण तत्काल नजर नहीं आते। थकान, भूख कम लगना, अचानक वजन घटना, लगातार पीलिया बना रहना, पेट में सूजन, पैरों में सूजन और खुजली जैसे लक्षण नजर आते हैं। लिवर खराब होने से रोका जा सकता है लेकिन इसका पूरी तरह से ठीक होना मुश्किल होता है।


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