मकर सक्रांति से एक दिन पहले लोहड़ी का त्योहार मनाया जाता है। यह त्योहार भारत के पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ राज्यों में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार आनंद से भरा हुआ होता है। माना जाता है कि लोहड़ी सर्दियों के खत्म होने और लंबे दिनों के शुरुआत की प्रतीक है। लोहड़ी का सबसे प्रिय पहलू पांरपरिक भोज है, जिसे लोहड़ी की थाली के नाम से जाना जाता है।
इस दिन लोग शाम को लकड़ी और उपलों से अलाव जलाते है। सभी इसके चारों ओर इकट्ठा होकर गीत गाते हैं और नृत्य करते हैं। लोहड़ी का त्योहार कुछ चीजों के बिना अधूरा है। इस दिन लोग उन चीजों को खाते हैं जो स्वाद के साथ -साथ सेहत के लिए भी फायदेमंद होती है। आइए जानते हैं कि लोहड़ी की थाली में किन चीजों का शामिल करना जरूरी होता है।
काले चने की दाल की खिचड़ी
यह लोहड़ी की पारंपरिक थाली में दूसरी सबसे ज्यादा पकाई जाने वाली रेसिपी है। यह देसी घी से बनाई जाती है। यह स्वादिष्ट खिचड़ी विशेष रूप से लोहड़ी पर साबुत काली उड़द की दाल और चावल के साथ बनाई जाती है। यह एक पारंपरिक पंजाबी व्यंजन है, जो सर्दियों के दौरान पंजाब में बनाया जाता है।
आटा से बने लड्डू
आटा पिन्नी, तिल लड्डू, बेसन लड्डू आटे, तिल, बेसन और सूखे मेवों से बने मीठे लड्डू बनाए जाते हैं। हलवा पूरी भी इस दिन खूब खाया जाता है। आटा पिन्नी सर्दियों के मौसम में लोग खाते हैं। कहा जाता है कि इससे शरीर गर्म होता है। शरीर में इम्यून सिस्टम को भी बढ़ाता है।
मूंगफली और रेवड़ी
ये दोनों व्यंजन लोहड़ी के अवसर पर विशेष रूप से बनाए जाते हैं और इनका सेवन किया जाता है। इस दिन लोग अलाव जलाते हुए जब उसके चारों और इकट्ठा होते हैं तो उस अलाव में मूंगफली और रेवड़ी को ड़ालते हुए लोहड़ी का त्योहार मनाते हैं।
सरसों का साग और मक्के की रोटी
पंजाब की पारंपरिक डिश में सरसों के साग और मक्का के आटे की रोटी लोहड़ी वाले दिन बनाई जाती है। सरसों का साग विटामिन ए, सी, और के से भरपूर होता है। जबकि मक्के की रोटी में फाइबर और प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है। ज्यादातर यह सर्दियों के मौसम में खाई जाती है।
गजक और तिल की बर्फी
यह एक पारंपरिक पंजाबी व्यंजन है। जो तिल और गुड़ से बनाया जाता है और तिल की बर्फी तिल और चीनी से बनाई जाती है। यह एक स्वादिष्ट और पौष्टिक मिठाई बनाती है। लोहड़ी के त्योहार में ज्यादातर यह मिठाई बनाई जाती है।