दुनियाभर में कोरोनावायरस का नया वैरिएंट तेजी से पैर पसर रहा है। यह वैरिएंट सबसे पहले दक्षिण पूर्वीय ऐशिया में पाया गया था और अब अमेरिका के कई राज्यों में तेजी से फैल रहा है। इस नए वैरिएंट का नाम एक्सएफजी (XFG) है जिसे स्ट्रेटस (Startus) भी कहा जाता है। जून तक यह वैरिएंट 38 देशों में फैल चुका था। इसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने स्ट्रेटस को 'SATS-CoV-2 variant under monitoring' श्रेणी में रखा था।
Centers for Disease Control and Prevention के मुताबिक अमेरिका के 9 राज्यों न्यूयॉर्क, न्यू जर्सी, डेलावेयर, वरमॉन्ट, मिशिगन, विस्कॉन्सिन, मिनेसोटा, नॉर्थ डकोटा और साउथ डकोटा में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। 15 सितंबर के आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में कोरोना से पीड़ित लोगों में एक्सएफजी नाम का वैरिएंट प्रमुख रूप से पाया गया है। हालांकि स्ट्रेटस पहला वैरिएंट नहीं है। इससे पहले Nimbus वैरिएंट आया था जो बहुत संक्रामक था।
यह भी पढ़ें- दिल्ली एनसीआर में इस वायरल बीमारी के मामले बढ़े, जानें लक्षण और बचाव
नया वैरिएंट है ज्यादा खतरनाक
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक स्ट्रेटस में ऐसे कई बदलाव आए हैं जो इम्यून सिस्टम को प्रभावित करता है और Nimbus से ज्यादा खतरनाक है। इसके अलावा जिन लोगों को पहले संक्रमण नहीं हुआ है या जिन्होंने वैक्सीन नहीं ली है। उनके लिए इस स्ट्रेन से लड़ना और भी मुश्किल हो सकता है।
स्ट्रेटस वैरिएंट के लक्षण
स्ट्रेटस वैरिएंट में कोरोनावायरस के ज्यादातर लक्षण सामान्य हैं। हालांकि जिन लोगों ने वैक्सीन लगवाई हैं उनमें हल्के लक्षण देखने को मिले हैं। इन लक्षणों में थकान, बुखार और सूखी खांसी है। इसके अलावा अन्य लक्षणों में सांस लेने में तकलीफ, सीने में जकड़न, गले में खराश, सिरदर्द, मितली, पेट खराब होना, स्वाद या गंध का चले जाना, दिमागी धुंधलापन शामिल है।
यह भी पढ़ें- कान में दर्द या खुजली के लक्षण को न करें इग्नोर, हो सकती है यह बीमारी
कैसे करें बचाव?
अगर ये लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर की मदद लें ताकि सही समय पर इलाज हो सकें। इन संकेतों को हल्के में नहीं लेना चाहिए। कोरोनावायरस से बचने के लिए मास्क लगाएं। हाथों को अच्छे से धोएं।