इन दिनों आंध्र प्रदेश में स्क्रब टाइफस बीमारी के मामले तेजी से बढ़े हैं। इस बीमारी के बारे में ज्यादातर लोग नहीं जानते हैं। आंध्र प्रदेश के चिकित्सा, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के आयुक्त वीरपांडियन ने कहा कि संदिग्ध स्क्रब टाइफस बीमारी के कारण राज्य भर में नौ लोगों की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि स्क्रब टाइफस का परीक्षण राज्य भर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) में किए जा रहे हैं और नमूने गुंटूर और तिरुपति में गहन जीनोम अनुक्रमण परीक्षणों के लिए भेजे जा रहे हैं।
वीरपांडियन ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, 'स्क्रब टाइफस के कारण अभी तक किसी भी मौत की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है और जीनोम अनुक्रमण सटीक कारण निर्धारित करेगा। आइए इस बीमारी के बारे जानते हैं।
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क्या होता है स्क्रब टाइफस?
स्क्रब टाइफस एक प्रकार का बैक्टीरियल इंफेक्शन है जो ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी (Orientia tsutsugamushi) नाम के बैक्टीरिया से होता है। यह संक्रमण संक्रमित चिगर (एक निश्चित प्रकार के घुन का लार्वा चरण) के काटने से फैलता है। यह कीड़ा मुख्य रूप से घास या झाड़ियों में पाया जाता है। जब यह कीड़ा काटता है तब त्वचा पर काले रंग का धब्बा बनता है जो इस रोग का मुख्य लक्षण माना जाता है। यह बीमारी ग्रामीण इलाकों में होती है।

इस बीमारी के लक्षण 6 से 21 दिन में दिखाई देना शुरू करते हैं।
स्क्रब टाइफस का लक्षण
- अचानक तेज बुखार
- सिरदर्द
- रैशेज
- मांसपेशियों और शरीर में दर्द
- बहुत ज्यादा थकान और कमजोरी
- लिम्फ नोड्स में सूजन
- सांस लेने में तकलीफ।
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अगर इस बीमारी को सही समय पर इलाज नहीं किया गया तो हालत गंभीर हो सकती है। यह बीमारी आपके फफेड़े, लिवर, गुर्दे और दिमाग तक को प्रभावित कर सकता है।
इलाज
इस बीमारी का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं से होता है। समय पर उपचार मिलने पर अधिकतर मरीज पूरी तरह ठीक हो जाते हैं।