भारतीय क्रिकेटर श्रेयस अय्यर को कैच लेते समय गंभीर चोट लग गई थी जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। बीसीसीआई (BCCI) ने बताया था कि श्रेयस को स्प्लीन में इंजरी हुई थी जिसकी वजह से उन्हें इंटरनल ब्लीडिंग हुई थी। आइए जानते हैं क्या होता है स्प्लीन और शरीर के इस अंग में चोट लगना कितना खतरनाक हो सकता है।
स्प्लीन पसलियों के नीचे और पेट के ऊपर एक छोटा सा अंग है। इसे हिंदी में तिल्ली भी कहा जाता है। स्प्लीन शरीर के 25% खून को साफ करने का काम करता है। साथ ही व्हाइट ब्लड सेल्स को बनाने का काम करता है ताकि किसी भी तरह से संक्रमण से लड़ सकें। इसके अलावा स्प्लीन खून को साफ करने का काम करता है।
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क्या होता है स्प्लीन लैसरेशन?
जब किसी व्यक्ति को अचानक से पेट के ऊपरी हिस्से में गहरी चोट लगती है तो स्प्लीन फट सकता है। इसी इंजरी को स्प्लीन लैसरेशन कहा जाता है। स्प्लीन में चोट लगने पर पेट में तेज दर्द या दबाव महसूस होता है। स्प्लीन फटने की वजह से इंटरनल ब्लीडिंग भी होने लगती है। अगर इंटरनल ब्लीडिंग बढ़ जाए तो मरीज की मौत भी हो सकती है। स्प्लीन में अगर हल्की चोट आती है तो दवाइयों के जरिए ठीक किया जाता है।
अगर चोट अधिक गंभीर है तो स्प्लीन का कुछ हिस्सा या पूरा ऑर्गन हटा दिया जाता है। स्प्लीन हटाने के बाद व्यक्ति की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है। The Cleveland Clinic के मुताबिक स्प्लीनिक इंजरी में 5 ग्रेड होते हैं। पहले दो ग्रेड में दवाओं की मदद से ठीक किया जाता है लेकिन तीसरे से पांचवें ग्रेड में मरीज की सर्जरी की जाती है। अगर समय पर इलाज नहीं किया गया तो यह समस्या जानलेवा भी हो सकती है।

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श्रेयस अय्यर को क्या हुआ था?
दरअसल यह हादसा तब हुआ था जब अय्यर ने बैकवर्ड प्वाइंट के पीछे की और दौड़ते हुए कैच पकड़ा था। इस दौरान उनकी बाईं पसली में चोट आई थी। शनिवार को जब वह ड्रेसिंग रूम में लौटे तो उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया।