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क्या है पेटीकोट कैंसर? साड़ी पहनते समय भूल से भी न करें ये गलती

रोजाना साड़ी पहनने का शौक रखने वालों के लिए जरूरी खबर। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि साड़ी के साथ पहने जाने वाले पेटीकोट को कसकर पहनने से त्वचा कैंसर हो सकता है।

Petticoat cancer Doctors warn against wearing tight waist cords in saree

Saree, Image Credit: Pexels

भारतीय परिधान में महिलाओं के लिए साड़ी एक विशेष महत्व रखती है। देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी साड़ी पहनने का कल्चर बढ़ता जा रहा है, लेकिन क्या आपको यह पता है कि साड़ी पहनने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी भी हो सकती हैं? अगर आप भी साड़ी पहनने का शौक रखते हैं तो आपको थोड़ा सावधान होने की जरूरत है। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि अगर महिलाएं साड़ी के साथ पहने जाने वाले पेटीकोट को कसकर पहनती है तो इससे त्वचा कैंसर हो सकता है। 

 

हाल ही में हुए एक स्टडी के बाद दो महिलाओं का 'पेटीकोट कैंसर' का इलाज किया जा रहा है। साड़ी के नीचे की स्कर्ट या पेटीकोट की कमर की डोरी को कसकर बांधने से पेटीकोट कैंसर होने की संभावना बढ़ सकती है। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (BMJ) केस रिपोर्ट्स में पब्लिश इस रिसर्च में पेटीकोट को कसकर बांधने से होने वाली बीमारी पर जोर डाला गया है। 

 

कैसे होता है पेटीकोट कैंसर

समाचार एजेंसी PTI के अनुसार, उत्तर प्रदेश के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों सहित अन्य ने इस पर रिसर्च किया। इसमें बताया गया कि पेटीकोट की डोरी को कमर पर लंबे समय तक बांधने से त्वचा में जलन पैदा हो सकती है। इस जलन के कारण अल्सर हो सकता है, जो कुछ मामलों में त्वचा कैंसर का रूप भी ले सकता है। 

 

इन दो महिलाओं को हुआ 'पेटीकोट कैंसर'

पहला मामला 70 वर्षीय महिला का है, जिन्हें कई दिनों से पसलियों और कूल्हे की हड्डी के बीच लगभग 18 महीनों से दर्द हो रहा है और वो ठीक होने का नाम भी नहीं ले रहा। इलाज के दौरान पता चला कि महिला के त्वचा के आसपास का रंग बिल्कुल हट गया है। पता चला कि महिला अपनी कमर पर कसकर पेटीकोट पहनती थी।

 

वहीं, दूसरा मामला 60 वर्षीय महिला का है जिसके पेट के दाहिने हिस्से में एक अल्सर था जो दो साल से ठीक नहीं हुआ था। वह 40 साल तक रोजाना लुग्डा पहनती थी। बता दें कि लुग्डा को बिना पेटीकोट के कमर के चारों ओर बहुत कसकर बांधा जाता है। जब दोनों ही महिलाओं की बायोप्सी की गई तो पता चला कि दोनों मार्जोलिन अल्सर से पीड़ित है। मार्जोलिन अल्सर जिसे स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (अल्सरेटेड स्किन कैंसर) भी कहा जाता है।

 

डॉक्टरों ने दी चेतावनी 

अगर आप भी कमर पर कसकर पेटीकोट बांधते है तो सावधान हो जाएं। डॉक्टरों ने चेतावनी दी कि कमर पर बन रहे लगातार दबाव अल्सर का रूप ले सकता है। टाइट कपड़ों के कारण लगातार दबाव के कारण अल्सर पूरी तरह से ठीक नहीं होता है। इससे त्वचा पर घाव बन जाता है। डॉक्टरों ने साड़ी के नीचे एक ढीला पेटीकोट पहनने की सलाह दी है। डॉक्टरों ने कहा कि त्वचा की गंभीर समस्या से बचने के लिए ढीले कपड़े पहनना जरूरी है। 

 

अनदेखा न करें ये लक्षण

त्वचा कैंसर से पीड़ित एक महिला ने कहा, 'मैंने अपने जीवन में अधिकतर कमर के चारों ओर कसकर लपेटी हुई नौवारी साड़ी पहनी। छह साल पहले मैंने अपने कमर के दाहिने हिस्से पर अपनी त्वचा का रंग कुछ अजीब सा होता देखा। हालांकि, मैंने इसे एक स्कीन इंफेक्शन समझ कर अनदेखा कर दिया। समय के साथ दर्द बढ़ता गया और अल्सर में बदल गया। इससे मेरी चिंता बढ़ गई। स्किन स्पेशलिस्ट से परामर्श करने के बाद महिला को पता चला की उसे स्किन कैंसर है, जो साड़ी को कसकर बांधने के कारण हुआ। 

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