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1926 से चल रही दिल्ली की वेंगर बेकरी, इतिहास है काफी रोचक

दिल्ली के दिल कनॉट प्लेस में वेंगर सबसे पुराने रेस्तरां में से एक है। इसकी शुरुआत एक स्विस कपल ने की थी।

Wenger The story of Delhi's oldest bakery

कनॉट प्लेस में आजादी से पहले का है वेंगर रेस्टोरेंट

जब आप दिल्ली के कनॉट प्लेस की चहल-पहल भरी गलियों से होकर गुजरते हैं तो आपको क्रीम रोल, चॉकलेट, नींबू टार्ट्स, चिकन और मशरूम पैटीज और रंगीन पन्नी में लिपटे चॉकलेट की खुश्बू वेंगर की ओर खींचते हुए ले आएगी। एक स्विस कपल ने 1926 में वेंगर (Wenger) बेकरी की शुरुआत की थी। इसे ब्रिटिश आर्किटेक्ट सर रॉबर्ट टोर रसेल ने डिजाइन किया और यह दिल्ली में स्विस चॉकलेट और मार्जरीन केक पेश करने वाली पहली बेकरी थी।

 

शुरुआती दिनों में केवल ब्रिटिश ही थे ग्राहक

साल 1920 में भारत के लोग केक और पेस्ट्री से बहुत कम परिचित थे। वहीं, वेंगर के प्रोडक्ट्स मंहगे थे, जिसके कारण शुरुआती दिनों में इसके ग्राहक भी ब्रिटिश ही रहे। जैसे-जैसे यह जगह मशहूर होती गई,  वेंगर ने अपने मेन्यू में पैटीज और कुकीज को भी शामिल कर दिया जो कि आज भी सबसे ज्यादा बिकता है। 1933 में कनॉट प्लेस बनकर तैयार हो गया था और तब-तक वेंगर भी काफी मशहूर हो चुका था।

 

पहले था रेस्तरां 

सीपी में आप जिस वेंगर को देखते है वो शुरुआती समय में एक रेस्तरां की तरह हुआ करता था,  इसलिए लोग अपने सीट की रिजर्वेशन पहले ही करा लेते थे। भारत की आजादी से कुछ साल पहले, वेंगर को चलाने वाले स्विस कपल ने अपनी बेकरी टंडन परिवार को बेच दी। उस समय बीएम टंडन एक कर्मचारी थे और उन्हीं के बेटे अतुल टंडन अब इस बेकरी के मालिक हैं। अतुल ने अपने दादा की विरासत को बहुत सावधानी और गुणवत्ता पर ध्यान देते हुए आगे बढ़ाए रखा।

 

आजादी के बाद ऐसे बदली वेंगर की तस्वीर

आजादी के बाद अंग्रेजों ने भारत छोड़ दिया और पीछे रह गया वेंगर। दिल्ली के आसपास कई रेस्तरां खुलने लगे जिससे वेंगर का महत्व धीरे-धीरे खत्म होने लगा। 60 के दशक में वेंगर ने अपने मेन्यू में बदलाव किए और कई राजनयिकों और दूतावासों को अपना कस्टमर बनाया। शायद इसलिए, वेंगर बेकरी में मशहूर हस्तियों का आना-जाना बना रहा। इसमें एमएफ हुसैन, अभिनेत्री हेलेन और प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी जैसी हस्तियां शामिल हैं।

 

पुरानी रेसिपीज की बनाए रखी पहचान

1979 में रेस्तरां बंद कर दिया गया और वेंगर ने अपना आउटलेट छोटा कर लिया। वेंगर ने ज्यादातर अपनी पुरानी रेसिपीज की पहचान बनाए रखी। क्रिसमस के समय वेंगर के मशहूर प्लम केक, हॉट क्रॉस बन्स और पुडिंग सबसे ज्यादा बिकते हैं। वेंगर को टक्कर देने के लिए दिल्ली भर में फैंसी बेकरी और पेस्ट्री की दुकानें खुल गई हैं लेकिन यह अभी भी अपनी पहचान बनाए हुए है। आज दिल्ली की अन्य बेकरियों की तुलना में इसकी कीमतें काफी कम हैं। अगर आप सच में दिल्लीवासी हैं,  तो आपने उनके स्वादिष्ट और मशहूर डेनिश,  पेस्ट्री,  टार्ट्स, स्विस रोल्स का लुत्फ उठाया होगा। वेंगर का स्वाद और यादें उसके इतिहास की एक झलक हमेशा पेश करती रहेंगी।

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