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क्या होता है डिजिटल हेल्थ प्रोग्राम, डिप्रेशन से लड़ने में करता है मदद

आज के समय में डिजिटल हेल्थ प्रोग्राम पर ध्यान दिया जा रहा है। सरकार इन प्रोग्राम की मदद से ग्रामीण इलाकों में डॉक्टर्स की कमी को पूरा करने की कोशिश कर रही है।

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डिजिटल हेल्थ (प्रतीकात्मक तस्वीर) क्रेडिट इमेज- फ्रीपिक

आज के समय में सभी चीजें डिजिटल होती जा रही है। पेमेंट से लेकर खाने-पीने तक की चीजें सब कुछ ऑनलाइन मिल जाता है। ऐसी कोई चीज नहीं है जो आपको ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर नहीं मिलेगी। ऐसे में डिजिटल हेल्थ का भी सेक्टर काफी तेजी से बढ़ा है। आपको अपने मोबाइल पर फिटनेस से लेकर दवाइंया कहां से मंगवाएं।आपके पास हर चीज का ऑप्शन है। किस तरह की डाइट लें और बीमार होने पर दुनिया के बेस्ट डॉक्टर्स से कंसल्ट कर सकते हैं। कुछ दिनों पहले स्टडी आई थी जिसमें कहा गया कि ग्रामीण इलाकों में डिजिटल हेल्थ प्रोगाम की मदद से लोगों के डिप्रेशन और एंग्जायटी को दूर करने में मदद मिली है। ऐसे में ये जानना बेहद जरूरी है कि डिजिटल हेल्थ क्या? इसका क्या फायदा होता है।

 

क्या होता है डिजिटल हेल्थ

 

डिजिटल हेल्थ आपको एक प्लेटफॉर्म देता है जहां पर डॉक्टर्स और मरीज के बीच में बेहतर तरीके से बातचीत होती है। इसमें टेलीहेल्थ सेवाओं, स्वास्थ्य सूचना प्रौद्योगिकी और मोबाइल स्वास्थ्य (एमहेल्थ) समेत विभिन्न तकनीकों का उपयोग होता है। डिजिटल हेल्थ अपने उपभोक्ताओं तक ज्यादा से ज्यादा जानकारी देने का काम करता है। इसी के साथ मरीज अपने डॉक्टर्स से अपने स्वास्थ्य से जुड़ी बातों को खुलकर पूछ सकता है।

 

डिजिटल हेल्थ का इस्तेमाल खासतौर पर कोरोना काल में हुआ था। नए दौर के डिजिटल हेल्थ प्लेटफॉर्म पर डॉक्टर और मरीज के बीच के रिलेशनशिप को ज्यादा मजबूत बनाने की तरफ ध्यान दिया जा रहा है। इसकी मदद से आप गंभीर बीमारियों से भी बच सकते हैं। आप डॉक्टर्स से ऑनलाइन सलाह ले सकते हैं। हेल्थ केयर प्लेटफॉर्म को ज्यादा इंटरैक्टिव बनाया जा रहा है।

 

डिप्रेशन से लड़ने में कैसे करता है मदद

 

मेंटल हेल्थ दुनियाभर में चिंता का विषय है। खासतौर से भारत जैसे देश में जहां डॉक्टर्स की इतनी कमी है। देश में 150 मिलियन लोगों को ट्रीटमेंट की जरूरत हैं लेकिन मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल की कमी की वजह से ग्रामीण इलाकों में सुविधाएं और कम है। The George Institute for Global Health ने अपनी स्टडी में बताया कि वेस्ट गोदावरी, फरीदाबाद, आंध्र प्रदेश के परवल जिले के हेल्थ वर्कर्स को Systematic Medical Appraisal, Referral and Treatment (SMART) तकनीक के बारे में जानकारी दी गई। इस प्रोग्राम के तहत लोगों को मेंटल हेल्थ के बारे में जागरूक किया गया।

 

स्मार्ट (SMART) तकनीक के जरिए ग्रामीण इलाकों में डिप्रेशन और एंग्जायटी के बारे में जानकारी दी गई। इस प्रोग्राम में आशा वर्कर्स और डॉक्टर्स ने लोगों से मेंटल हेल्थ पर बात की। इसी के साथ उन्हें बताया कि इससे कैसे निपट सकते हैं। लोगों को इसका फायदा भी मिला।

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