सूरज की हानिकारक अल्ट्रवॉयलेट किरणों की वजह से आंखें जलन लगती हैं इसे स्नो ब्लाइंडनेस कहा जाता है। ये कोई गंभीर बीमारी नहीं है। कुछ दिनों में ये अपने आप ठीक हो जाता है। सूरज से हानिकारक यूवी रे निकलती है जिसकी वजह से खासतौर पर गर्मियों में सनबर्न होता है। आपकी त्वचा की तरह आंखें भी बहुत सेंसिटिव होती है। आंंखों को नुकसान पहुंचाने के कुछ घंटे बाद या एक दिन बाद स्नो ब्लाइंडनेस के लक्षण दिखाई देते हैं। जब आपकी आंखें धूप से झुलस जाती हैं तो ये लक्षण दिख सकते हैं।
स्नो ब्लाइंडनेस के लक्षण
- आंखों में दर्द होना
- आंखों में पानी आना
- आंखों में सूजन
- सिरदर्द
- आंखों में रेडनेस होना
- पलकें फड़कना
- आंखों की रोशनी कमजोर हो सकती है
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स्नो ब्लाइंडनेस का कारण
स्नो ब्लाइंडनेस का स्नो से कोई लेना देना नहीं है। ये तभी होता है जब आंंखों में सूरज की रोशनी सीधा पड़ती है। आप जितना धरती की सतह से ऊपर रहेंगे, यूवी रे आपकी आंखों को उतना नुकसान पहुंचाएंगी।
किस जगह पर हो सकता है स्नो ब्लाइंडनेस
जब धरती पूरी बर्फ से ढकी हो
ऊंचे पहाड़ों पर ट्रैक के लिए निकलते हैं
बीच में सफेद रेत के बीच में
वेल्डिंग का काम करते समय
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स्नो ब्लाइंडनेस को कैसे ठीक करें
- सनग्लास या गॉग्लस का इस्तेमाल करें- अल्ट्रवायलेट किरणों की वजह से स्नो ब्लाइंडनेस होता है। आप धूप से बचने के लिए सनग्लास पहनें। ये आपको हानिकारक किरणों से बचाने का काम करता है।
- कॉन्टैक्ट लेंस हटा लें- अगर आप कॉन्टैक्ट लेंस पहनते हैं तो आंखों में किसी तरह का लक्षण दिखने पर उसे तुरंत हटा लें। कॉन्टैक्ट लेंस तब तक ना पहनें जब तक आंखें पूरी तरह से ठीक ना हो जाएं।
- कोल्ड आईस पैक का इस्तेमाल करें- आंखों को बंद करके 20 मिनट तक करीब आईस पैक लगाएं रखें। इससे आपकों आंखों में जलन कम होगी।
- आई ड्रॉप का इस्तेमाल करें- आंखों में हो रही जलन को कम करने के लिए आप आई ड्रॉप का इस्तेमाल कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारियों और सामान्य बातचीत पर आधारित है। खबरगांव इसकी पुष्टि नहीं करता है। विस्तृत जानकारी के लिए आप अपने किसी डॉक्टर की सलाह लें।