देश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। लगातार घट रहा तापमान हर किसी को परेशान कर रहा है। वैसे तो सर्दियों के मौसम में ठंड महसूस करना एक आम बात है लेकिन अगर इससे बचाव न किया जाए तो इंसान बीमार हो जाता है।
हर इंसान के शरीर की प्रकृति अलग-अलग होती है। कुछ लोगों को सर्दियां ज्यादा महसूस होती हैं तो कुछ लोगों को कम। पर एम्स की डॉक्टर प्रियंका सहरावत, एमडी मेडिसिन के मुताबिक महिलाओं को पुरुषों की मुकाबले में ज्यादा ठंड लगती है।
डॉक्टर सहरावत ने अपने एक इन्स्टाग्राम पोस्ट में बताया कि हमारे शरीर में मेटाबॉलिज़म ऊर्जा या गर्मी पैदा करने का काम करता है और चूंकि महिलाओं का मेटाबॉलिक रेट कम होता है, इसकी वजह से उनको ठंड का अनुभव ज्यादा होता है। दरअसल, मेटाबॉलिज्म शरीर में एनर्जी देने का काम करता है और साथ ही हीट भी जेनरेट करता है।
लो मसल मास का होना
उनके मुताबिक दूसरा कारण होता है महिलाओं में मसल मास का कम होना। लो मसल मास होने की वजह से उनकी बॉडी में हीट प्रोडक्शन कम होता है इसलिए उनको पुरुषों की तुलना में ज्यादा ठंड लगती है। इसके मुकाबले मर्दों के शरीर में ज्यादा मासपेशियां होती हैं। जो उनके शरीर में ज्यादा गर्मी पैदा करती हैं और उन्हें कम ठंड लगती है।
हार्मोन में बदलाव
महिलाओं में प्रोजेस्टेरॉन जैसे हार्मोन्स जिसे कि फीमेल हॉर्मोन भी कहा जाता है, उसकी वजह से भी महिलाओं को ज्यादा ठंड लगती है। दरअसल, प्रोजेस्टेरॉन स्किल की ब्लड वेसेल यानी कि खून की नलियों को सिकोड़ देता है जिससे शरीर में मौजूद हीट ज्यादा मात्रा में बाहर निकलती है और साथ ही हीट का प्रोडक्शन भी शरीर में कम होता है, इसलिए महिलाओं को पुरुषों की तुलना में ठंड ज्यादा लगती है।