ब्रेन कैंसर से ल्यूकेमिया तक, कितने तरह के होते हैं कैंसर? समझिए
आज विश्व कैंसर दिवस है। इस दिन को कैंसर जागरूकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। आइए जानते हैं कैंसर के प्रकार, लक्षण और बचाव।

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Freepik)
कैंसर एक जानलेवा बीमारी है। ये बीमारी सिर्फ उस व्यक्ति को नहीं पूरे परिवार को निचोड़ देती है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को आर्थिक ही नहीं मानसिक तौर पर भी स्ट्रांग होने की जरूरत होती है। आज वर्ल्ड कैंसर डे है। इस दिन को खासतौर पर लोगों को कैंसर के प्रति जागरूक करना, उसके बारे में सही जानकारी देना, रोकथाम करना और उपायों को बढ़ावा देने के मक्सद से मनाया जाता है। आइए जानते हैं कैंसर कितने प्रकार के होते हैं।
लिम्फोमा कैंसर
लिम्फोमा कैंसर एक तरह का कैंसर होता है जो लिम्फोसाइट्स (व्हाइट ब्लड सेल्स की कोशिकाओं का एक प्रकार होता है जो बीमारियों से बचाने में मदद करता है) को अटैक करता है।
लक्षण- सीने में दर्द, खांसी, सांस लेने में परेशानी, लगातार थकान, बिना किसी वजह से बुखार आना।
बचाव- हाईजीन मेंटेन रखें ताकि संक्रमण से बचे रहेंगे। इसके अलावा जरूरी टीकाकरण जरूर करवाएं।
ब्रेस्ट कैंसर
महिलाओं में सबसे आम ब्रेस्ट कैंसर है। इसमें ब्रेस्ट सेल्स अनियंत्रत रूप से बढ़ने लगते हैं और ट्यूमर का रूप ले लेते हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक, '2022 में विश्व भर में 670,000 मौतें हुई थीं'।
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण- शुरुआत में ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों के बारे में पता नहीं चलता है। ब्रेस्ट में गांठ पड़ना, ब्रेस्ट या निप्पल के आकार में बदलाव होना, त्वचा में लालिमा और गड्ढे आना, निप्पल के एरिओला वाले हिस्से का रंग बदलना आदि शामिल है।
बचाव- रोजाना एक्सरसाइज करें, वेट मैनेजमेंट, शराब और धूम्रपान से दूरी बनाएं, प्रोसेस्ड मीट खाने से बचें।
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पैंक्रियाज कैंसर
ये कैंसर पैंक्रियाज के सेल्स में शुरू होता है जो आपके पाचन एंजाइमों को रिलीज करता है और ब्लड में शुगर के लेवल को मेंटेन रखता है। ये कैंसर दो तरह के होते हैं, एक्सोक्राइन ट्यूमर और न्यूरोएंडोक्राइन। दोनों के मुकाबले में एक्सोक्राइन ट्यूमर अधिक आम है। शुरुआत में इस बीमारी के बारे में पता लगाना बहुत मुश्किल है।
लक्षण- शुरुआत में पेट में दर्द होता है जो पीठ तक पहुंच जाता है, आंखों और त्वचा का पीला पड़ना, गहरे रंग का पेशाब, ब्ल़ड में शुगर का लेवल बढ़ जाता है। मोटापा और जेनेटिक या फैमिली हिस्ट्री कारण हो सकता है।
सर्वाइकल कैंसर
ये महिलाओं में होने वाला दूसरा सबसे आम कैंसर है। इसकी वजह से लाखों महिलाओं की मौत होती हैं। ये कैंसर मुख्य रूप से एचपीवी संक्रमण से होता है। ये वायरस यौन संपर्क के जरिए फैलता है।
लक्षण- योनी के बाहरी हिस्से में दर्द होना, योनी से खून निकलना, संभोग के दौरान दर्द होना।
बचाव- एचपीवी की वैक्सीन जरूर लगवाएं, सेक्स करते समय कंडोम का इस्तेमाल करें, धूम्रपान से बचें।
ल्यूकेमिया कैंसर
ल्यूकेमिया एक तरह का ब्लड कैंसर है। WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में साल 2022 में ब्ल्ड कैंसर से 70 हजारे मौतें हुई थीं और एक लाख से ज्यादा मामले सामने आए थे। इसमें बोन मैरो असामानय तरह से व्हाइट सेल्स पैदा करता है जिसकी वजह से रेड बल्ड सेल्स के कामों पर असर पड़ता है। व्हाइट बल्ड सेल्स ठीक से काम नहीं कर पाते हैं जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
इसे दो हिस्सों में बांटा गया है, नॉन मॉडिफाइबल और मॉडिफाइबल।
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नॉन मॉडिफाइबल- जब किसी की फैमिली हिस्ट्री हो। कोई इम्यून डिसऑर्डर हो या कोई वायरल इंफेक्शन हो। कुछ तरह की कीमोथेरेपी या पेस्टिसाइड के संपर्क में आने से ल्यूकेमिया हो सकता है।
मॉडिफाइबल- तंबाकू इसका मुख्य कारण है। इसके अलावा गैसोलीन(पेट्रोल) या बेंजीन के संपर्क में आने से ल्यूकेमिया का खतरा बढ़ता है।
लक्षण- नाक या मुंह से खून आना, यूरिन या स्टूल से खून आना, छोटी सी चोट लगने पर थक्का बनना, चलने से सांस फूलना, थकावट लगना, पेट में दर्द होना, बेवजह वजन घटना, रात में खूब पसीना आना, बार-बार इंफेक्शन होना।
ब्रेन कैंसर
ब्रेन ट्यूमर एक ऐसी स्थिति है जब दिमाग में असामानाएं कोशिकाएं बन जाती है। हालांकि हर ट्यूमर कैंसर नहीं होता है। कैंसर वाले ट्यूमर (मैलिग्रेंट) बेहद घातक हो सकता है और समय रहते इलाज नहीं करवाया तो जानलेवा हो सकता है।
लक्षण- अक्सर सिर में दर्द होना, उल्टी, नजर की कमजोरी, यादाशत की कमी, चलते- फिरते बैलेंस खो देना शामिल है।
लंग कैंसर
ये फेफड़ों की कोशिकाओं में होने वाला कैंसर है। दुनियाभर में इस कैंसर से सबसे ज्यादा मौतें होती है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक, धूम्रपान इस कैंसर का मुख्य कारण है लेकिन स्मोकिंग ना करने वालों को भी ये बीमारी हो सकती है।
कैसे करें बचाव- धूम्रपान ना करें, पैसिव स्मोकिंग से बचें, वायू प्रदूषण से बचें, हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज
डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारियों और सामान्य बातचीत पर आधारित है। खबरगांव इसकी पुष्टि नहीं करता है। विस्तृत जानकारी के लिए आप अपने की डॉक्टर की सलाह लें।
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