अरविंद केजरीवाल के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी के मामले पर AAP ने सवाल खड़े कर दिए हैं। AAP नेताओं ने कहा है कि अगर एलजी ने मंजूरी दी है तो ईडी सबूत दिखाए।
आम आदमी पार्टी (AAP) के मुखिया अरविंद केजरीवाल इन दिनों चुनाव की तैयारियों में व्यस्त हैं। दिल्ली आबकारी नीति मामले में वह लंबे समय तक जेल में थे और सितंबर के महीने में जेल से बाहर आए थे। आज सुबह से खबरें आ रही हैं कि उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ केस चलाने को मंजूरी दे दी है। एलजी दफ्तर के हवाले से न्यूज एजेंसी ANI ने लिखा है कि एलजी ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को मंजूरी दी है कि वह अरविंद केजरीवाल के खिलाफ केस चलाए। इस मामले पर AAP का कहना है कि ऐसी कोई मंजूरी ही नहीं दी गई है। मनीष सिसोदिया ने भी ट्वीट करके पूछा है कि अगर मंजूरी दी गई है तो ईडी उसकी कॉपी क्यों नहीं दिखा रही है?
दावा किया जा रहा है कि 5 दिसंबर को ईडी ने एलजी विनय सक्सेना से अनुमति मांगी थी कि दिल्ली आबकारी नीति मामले में केजरीवाल के खिलाफ केस चलाया जा सके। इसी को अब वीके सक्सेना ने मंजूरी दी है। हालांकि, अब AAP ने इस कथित मंजूरी पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में अरविंद केजरीवाल को 13 जुलाई को जमानत दे दी थी। वहीं, सीबीआई केस में 13 सितंबर को जमानत मिलने के बाद ही केजरीवाल जेल से बाहर आए थे। इस मामले में 17 जनवरी को फिर से सुनवाई होनी है। फिलहाल अरविंद केजरीवाल जमानत पर बाहर हैं।
क्या बोली आम आदमी पार्टी?
AAP के वरिष्ठ नेता और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने अपने X पोस्ट में लिखा है, 'अगर LG विनय सक्सेना जी ने अरविंद केजरीवाल जी के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है, तो ED उस मंजूरी की कॉपी क्यों नहीं दिखा रही? यह साफ है कि यह खबर झूठ और गुमराह करने वाली है। बाबा साहब के अपमान के मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए जुमलेबाजी बंद करो और दिखाओ कहां है ED को मुकदमा चलाने के लिए दी गई मंजूरी?'
पार्टी की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने भी यही सवाल पूछा है। उन्होंने लिखा है, 'LG सक्सेना ने ED को केजरीवाल जी के ख़िलाफ़ मुकदमा चलाने की कोई मंज़ूरी नहीं दी है। ये झूठी ख़बर है। अगर ED को मंज़ूरी दी है तो उसकी कॉपी दिखाओ।' सौरभ भारद्वाज और अन्य नेताओं ने भी इसी तरह के सवाल पूछे हैं।
बता दें कि इसी केस में मनीष सिसोदिया, अरविंद केजरीवाल, संजय सिंह और कई अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। धीरे-धीरे लगभग सभी आरोपी जमानत पर बाहर आ चुके हैं और केस अभी चल रहा है।