लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी बुधवार को सांसद प्रिंयका गांधी वाड्रा के साथ उत्तर प्रदेश के हिंसा प्रभावित संभल जाने की तैयार में थे। जब वह गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे तो फोर्स ने उनके कााफिले को रोक दिया और इस बीच उनकी पुलिस के साथ दो घंटे तक तीखी नोकझोंक भी हुई।
इस बीच लोकसभा में कांग्रेस सांसदों ने राहुल गांधी का मुद्दा उठाया। कांग्रेस नेताओं ने विरोध किया कि नेता विपक्ष को रोका नहीं जा सकता। इस पर स्पीकर की कुर्सी पर बैठे जगदंबिका पाल ने कहा कि 'एलओपी को सदन में रहना चाहिए, बाहर क्यों घूम रहे हैं?' उन्होंने पूछा कि 'राहुल गांधी संसद में क्यों नहीं हैं?'
क्या बोले भाजपा के जगदंबिका पाल?
दरअसल, जब राहुल और प्रियंका गांधी और पार्टी के अन्य नेताओं को दिल्ली-यूपी सीमा पर रोका गया तो कांग्रेस के मोहम्मद जावेद ने लोकसभा में इस मुद्दे को उठाया। ओम बिरला की जगह उस समय अध्यक्ष पद पर बैठे भाजपा के जगदंबिका पाल ने बीच में ही अपनी बात रोककर पूछा, 'विपक्ष के नेता बाहर क्या कर रहे हैं? उन्हें सदन में मौजूद होना चाहिए था।'
अकेले संभल जाने को तैयार राहुल, जताई नाराजगी
संभल जाने के लिए राहुल गांधी के काफिले को जब गाजीपुर बॉर्डर रोका गया तो राहुल ने कहा कि वह अकेले वहां जाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि यह विपक्ष के नेता के अधिकारों और संविधान के खिलाफ है। उन्होंने कहा, 'हम संभल जाने की कोशिश कर रहे हैं, पुलिस मना कर रही है, हमें जाने नहीं दे रही है। विपक्ष के नेता के तौर पर मेरा अधिकार है कि मैं जाऊं, लेकिन वे मुझे रोक रहे हैं।
मैं अकेले जाने के लिए तैयार हूं, मैं पुलिस के साथ जाने के लिए तैयार हूं, लेकिन उन्होंने यह भी नहीं माना। वे कह रहे हैं कि अगर हम कुछ दिन बाद वापस आए तो वे हमें जाने देंगे।यह विपक्ष के नेता के अधिकारों और संविधान के खिलाफ है। हम सिर्फ संभल जाना चाहते हैं और देखना चाहते हैं कि वहां क्या हुआ, हम लोगों से मिलना चाहते हैं। मेरा संवैधानिक अधिकार मुझे नहीं दिया जा रहा है। यह नया भारत है, यह संविधान को खत्म करने वाला भारत है। यह अंबेडकर के संविधान को खत्म करने वाला भारत है।'
'हम लड़ते रहेंगे'
राहुल ने आगे कहा कि 'हम लड़ते रहेंगे।' इससे पहले मंगलवार को संभल के जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पेंसिया ने गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद के पुलिस आयुक्तों और अमरोहा और बुलंदशहर जिलों के पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखकर उनसे आग्रह किया था कि वे राहुल गांधी को उनके जिलों की सीमाओं पर ही रोक दें। हालांकि, कांग्रेस पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल संभल पहुंचा और 24 नवंबर की हिंसा में मारे गए और जिले से जाने वाले कुछ परिवारों से मिला।
प्रतिनिधिमंडल में यूपी कांग्रेस कमेटी (यूपीसीसी) के महासचिव सचिन चौधरी और इसके उपाध्यक्ष रिजवान कुरैशी के साथ अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव प्रदीप नरवाल और गांधी की टीम के कुछ सदस्य शामिल थे। उन्होंने कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा और पीड़ितों के परिजनों के बीच फोन पर बातचीत भी करवाई।
5 लोगों की हुई थी मौत
जमीयत उलेमा-ए-हिंद (जेयूएच) के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी हिंसा प्रभावित शहर का दौरा किया और साथ ही मृतकों के परिवारों को 5-5 लाख रुपये के चेक के साथ वित्तीय सहायता प्रदान किया। उत्तर प्रदेश के संभल में मुगलकालीन जामा मस्जिद को लेकर भड़की हिंसक झड़पों में कम से कम 5 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, 20 से अधिक पुलिसकर्मियों सहित कई अन्य घायल हो गए।