हरियाणा के विधानसभा चुनाव में मुश्किल से जीत पाने वाले भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता अनिल विज ने अपने दावे से सबको हैरान कर दिया है। अनिल विज ने कहा है कि इस विधानसभा चुनाव में उनको हराने की कोशिश प्रशासन ने की। इतना ही नहीं, हरियाणा सरकार के मंत्री अनिल विज का यह भी कहना है कि पूरी कोशिश की गई कि खूनखराबा हो और इस सबमें अनिल विज या उसके किसी कार्यकर्ता की मौत हो जाए। अपनी बेबाक बयानी के लिए हमेशा चर्चा में रहने वाले अनिल विज ने जो गंभीर आरोप लगाए हैं वह हरियाणा के प्रशासन पर ही सवाल खड़े कर रहे हैं। बता दें कि नई सरकार बनने के बाद से ही हरियाणा में बड़े स्तर पर प्रशासनिक फेरबदल भी हो रहा है और अधिकारियों का जमकर ट्रांसफर हो रहा है।
अंबाला में एक सभा को संबोधित करते हुए अनिल विज ने कहा, 'इस चुनाव में तीसरा पक्ष था प्रशासन। प्रशासन ने पूरी कोशिश की कि अनिल विज को हराया जाए। पूरी कोशिश की। किसके कहने से की, क्यों की यह जांच का विषय है। मैं कोई आरोप नहीं लगा रहा हूं लेकिन जो घटित हुआ, नगर पालिका ने हमारी मंजूरशुदा सड़कें बनाने से रोक दीं। जो सड़कें मंजूर थीं, अब शुरू हो गईं, अब तो कोई टेंडर नहीं हुआ, कैसे शुरू हो गईं? अगर उनके टेंडर पहले हो चुके थे तो चुनाव में भी बनाई जा सकती थीं। आचार संहिता इससे नहीं रोकती है लेकिन इसे रोका गया। सारे काम रोक दिए गए।'
किस ओर इशारा कर रहे हैं अनिल विज?
उन्होंने आगे गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, 'यहां तक ही बात सीमित नहीं है। मैं आपसे शेयर जरूर करूंगा कि उन्होंने यह भी कोशिश की कि इस चुनाव में कोई खूनखराबा हो जाए, उसमें अनिल विज मर जाए या अनिल विज का कोई कार्यकर्ता मर जाए ताकि इस चुनाव को प्रभावित किया जा सके।' बताते चलें कि चुनाव के दौरान अनिल विज ने दावा कर दिया था कि वह भी मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। हालांकि, बाद में वह कहने लगे कि पार्टी जो जिम्मेदारी देगी वही निभाएंगे।
खूनखराबे वाली बात के समर्थन में अनिल विज ने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा, 'शाहपुर गांव में मेरे एक कार्यक्रम के दौरान बहुत सारे लोग लाठी डंडे लेकर घुस आए और लड़ाई शुरू हो गई लेकिन मैंने अपना धैर्य नहीं खोया। मैं सवाल पूछना चाहूंगा कि उस दौरान पुलिस कहां चली गई थी? मेरे पास जेड सुरक्षा थी लेकिन इस घटना से पहले ही आधी सुरक्षा वापस ले ली गई थी। उस दिन सीआईडी कहां थी? अगर कुछ अप्रिय हो जाता तो उसका जिम्मेदार कौन होता? पुलिस प्रशासन पूरी ताकत लगा रहा था कि अनिल विज हार जाए लेकिन कुछ कार्यकर्ता बागी हो गए और उन्हीं के समर्थन से मुझे जीत मिली।' बता दें कि इस सीट से लगातार जीतते आ रहे अनिल विज बार लगभग 7 हजार वोटों के अंतर से ही जीत मिली है।