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अजमेर दरगाह में मंदिर होने का दावा? याचिका में की गई ये 4 मांग

एक हिंदू संगठन के नेता ने दावा किया कि अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह में एक शिव मंदिर मौजूद है। बुधवार को एक स्थानीय अदालत ने इस याचिका पर सुनवाई की।

Ajmer Sharif Dargah is actually a Shiva temple!

अजमेर दरगाह, Image Credit: PTI

संभल बवाल अभी थमा भी नहीं था कि अजमेर के दरगाह में शिव मंदिर होने के दावे से राजनीतिक विवाद पैदा हो गया है। हिंदू संगठन ने दावा किया है कि सूफी संत मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के अंदर शिव मंदिर है। अब इस मामले में विपक्ष कूद गई है और कह रही है कि यह सरकार की लोगों का ध्यान महत्वपूर्ण मुद्दों से भटकाने की एक चाल है।

 

राष्ट्रीय हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह में भगवान शिव का मंदिर होने का दावा करते हुए मामला दायर किया था। बुधवार को उन्होंने कहा कि शहर की एक स्थानीय अदालत ने दीवानी मुकदमे में तीन पक्षों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है। क्या है पूरा मामला आइये समझें...

अजमेर दरगाह विवाद और याचिका में क्या मांग की गई है?

विष्णु गुप्ता ने मांग कि हैं कि अजमेर दरगाह को 'संकट मोचन महादेव मंदिर' घोषित किया जाए और अगर दरगाह का किसी भी तरह का पंजीकरण है,तो उसे रद्द किया जाना चाहिए। गुप्ता ने यह भी मांग की कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के माध्यम से एक सर्वेक्षण किया जाए। साथ ही हिंदुओं को वहां पूजा करने का अधिकार दिया जाना चाहिए।

अजमेर कोर्ट ने जारी किया नोटिस

ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल के अध्यक्ष सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि अजमेर की एक अदालत ने अजमेर दरगाह के अंदर एक शिव मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका के जवाब में दरगाह समिति, एएसआई और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय सहित तीन पक्षों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है। 

अगली सुनवाई कब?

दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा करते हुए सितंबर में मुकदमा दायर किया गया था, जिसमें मंदिर में फिर से पूजा शुरू करने के निर्देश मांगे गए थे। अगली सुनवाई 20 दिसंबर को है।

संभल हिंसा

24 नवंबर को उत्तर प्रदेश के संभल में एक मस्जिद के कोर्ट के आदेश पर हुए सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क गई थी। इसमें 4 लोगों की मौत हो गई थी और  पुलिसकर्मियों समेत कई लोग घायल हो गए थे। एक स्थानीय अदालत ने मस्जिद के सर्वेक्षण का आदेश दिया था, जिसे याचिकाकर्ताओं ने खारिज कर दिया था। कहा जाता है कि यह मंदिर एक पुराने मंदिर को नष्ट करके बनाया गया था।

पिछले प्रधानमंत्रियों ने दरगाह पर 'चादरें' भेजी और अब...

इस मु्द्दें पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अजमेर दरगाह विवाद को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर निशाना साधा। ओवैसी ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू से लेकर पिछले प्रधानमंत्रियों ने दरगाह पर 'चादरें' भेजी हैं जो 800 सालों से वहां है। ओवैसी ने कहा, 'भाजपा-आरएसएस ने मस्जिदों और दरगाहों को लेकर इतनी नफरत क्यों फैलाई है?'

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