logo

ट्रेंडिंग:

पत्नी का किसी से मिलना, पर्दा न करना, तलाक की वजह नहीं: इलाहाबाद HC

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यह मानने से इनकार कर दिया है कि पर्दा प्रथा अपनाने से इनकार करना पति के खिलाफ क्रूरता है। क्या है पूरा माजरा, आइए समझते हैं।

Allahabad High Court

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने क्रूरता पर अहम केस की सुनवाई की है। (तस्वीर- इलाहाबाद हाई कोर्ट, वेबसाइट)

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि किसी आजाद ख्याल पत्नी का अकेले यात्रा करना, किसी अवैध या अनैतिक संबंध में शामिल हुए लोगों से मिलना-जुलना, बात करना पति के खिलाफ क्रूरता है।  जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह और जस्टिस डी. रमेश की बेंच ने कहा कि अगर पत्नी सिर्फ दिखावे के लिए रिश्ते में है, संबंध बनाने से इनकार कर रही है, रिश्ते को बनाए रखना नहीं चाहती है तो इसे पति के खिलाफ क्रूरता कहा जा सकता है।

कोर्ट ने पति की अपील मंजूर कर ली। पति ने फैमिली कोर्ट के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसे अदालत ने मंजूरी दे दी। फैमिली कोर्ट ने तलाक के मुकदमे को खारिज कर दिया था। हाई कोर्ट में पति ने मानसिक क्रूरता और पत्नी के साथ न रहने के आधार पर तलाक मांगा था। पति ने याचिका में कहा था कि उसकी पत्नी, उसके साथ नहीं रहती है, उसने छोड़ दिया है। यह क्रूरता है और इसलिए तलाक की अर्जी स्वीकार कर ली जाए। 

केस क्या है?
पति ने अपनी याचिका में कोर्ट से कहा कि दोनों पक्षों की शादी फरवरी 1990 में हुई थी। दिसंबर 1995 में दोनों के घर एक बच्चे का जन्म हुआ। दोनों सिर्फ 8 महीने ही साथ रहे। आखिरी बार दिसंबर 2001 में दोनों के बीच संबंध बना था। दोनों पक्षों ने माना है कि उनके साथ रहे हुए 23 साल बीत चुके हैं। अब वे अलग-अलग रहते हैं। प्रतिवादी के कहने पर भी वैवाहिक अधिकारों की बहाली के लिए कोई कार्यवाही दायर नहीं की गई थी।

पति का कहना है कि उसकी पत्नी किसी दूसरे शख्स के साथ रिश्ते में थी। वह आजाद ख्याल थी, बाजार और दूसरी जगहों पर अकेले जाती थी, घूंघट नहीं करती थी। उसकी पत्नी, खराब आर्थिक स्थिति की वजह से उसे ताना मारती थी। ऐसे कृत्य क्रूरता हैं, इसलिए तलाक मंजूर किया जाए।

हाई कोर्ट ने क्या कहा?
हाई कोर्ट ने कहा कि अगर पत्नी अकेले कहीं जाती है, लोगों से मिलती है, किसी के साथ अनैतिक रिश्ते में नहीं है तो यह क्रूरता नहीं है। ओरल ऑब्जर्वेशन के दौरान कोर्ट ने कहा कि जब शादी के वक्त पत्नी को पारिवारिक स्थिति पता थी, शादी हुई थी तो क्या अपमान करना गलत नहीं है। कोर्ट ने कहा कि अपमान से जुड़े तथ्य पेश नहीं किए गए हैं इसलिए उन पर नहीं कुछ किया जा सकता है।

कोर्ट ने कहा कि यह भी साबित नहीं हुआ है कि पत्नी किसी दूसरे व्यक्ति के साथ अनैतिक संबंधों में शामिल थी। कोर्ट ने कहा कि दोनों पक्ष 23 साल से अलग-अलग रह रहे हैं। पत्नी शादी को बरकरार रखना नहीं चाहती है, वह पति के साथ सहवास से भी इनकार करती रही हैं। यह बताता है कि आप रिश्ते में नहीं है। यह शादी टूटने की एक वजह बन सकती है। 

कोर्ट ने कहा है कि प्रतिवादी (पत्नी) ने अपीलकर्ता (पति) के साथ शादी को बचाने की कोई कोशिश नहीं की है। तलाक की अर्जी मंजूर की जाती है। कोर्ट ने फैमिली कोर्ट के आदेश को पलट दिया है। 

डिस्क्लेमर: गोपनीयता की वजह से पति-पत्नी का नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है, न ही केस का नाम बताया गया है।

Related Topic:#allahabad high court

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap