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क्या शांत हो पाएगा मणिपुर, शाह भेजेंगे CAPF की 50 कंपनियां

मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए शाह ने सीएपीएफ की 50 कंपनियां भेजने का फैसला किया है।

Amit Shah : PTI

अमित शाह । फोटोः पीटीआई

मणिपुर में सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल यानी सीएपीएफ की 50 कंपनियां मणिपुर भेजने का फैसला किया है। इसमें कुल 5 हज़ार सुरक्षा बल होंगे।

 

सोमवार को नॉर्थ ब्लॉक में सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अर्धसैनिक बलों को मणिपुर में शांति और व्यवस्था बहाल करने पर ध्यान केंद्रित करने के निर्देश भी दिए।

 

यह घटना रविवार को शाह द्वारा मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की निगरानी के लिए महाराष्ट्र में अपने राजनीतिक कार्यक्रमों को रद्द करने के एक दिन बाद हुई है, जहां चुनाव नजदीक हैं।

CRPG के DG को भेजा इम्फाल

बाद में उसी दिन उन्होंने अपने आवास पर वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की, जो लगभग चार-पांच घंटे तक चली। इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक एक सूत्र ने बताया कि शाह ने सीआरपीएफ के डीजी अनीश दयाल सिंह को भी इम्फाल भेजा था, जो मणिपुर काडर से हैं, ताकि वे जमीनी हकीकत का पता लगा के रिपोर्ट भेज सकें और सभी बलों के साथ समन्वय कर सकें।

 

इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक सूत्रों ने बताया कि मीटिंग में सुरक्षा बलों से अधिक से अधिक समन्वय करने करने को कहा है ताकि मणिपुर में शांति को बहाल किया जा सके।

 

पिछले हफ्ते एक बयान में केंद्र ने कहा था कि मणिपुर में सुरक्षा की स्थिति पिछले कुछ दिनों से काफी नाज़ुक बनी हुई है। सभी सुरक्षा बलों को आवश्यक कदम उठाने के लिए कहा गया है ताकि शांति व्यवस्था को कायम किया जा सके। बयान में कहा गया कि जो कोई भी शांति भंग करने की कोशिश करेगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


इसके बाद केंद्र ने मणिपुर में 5,000 से ज़्यादा कर्मियों वाली 50 अतिरिक्त CAPF कंपनियां भेजने का फ़ैसला किया है। यह तब हुआ जब केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने 12 नवंबर को जिरीबाम ज़िले में हिंसा भड़कने और दूसरे स्थानों पर फैलने के बाद जारी एक आदेश के बाद राज्य में 20 अतिरिक्त CAPF कंपनियां भेजी थीं, जिनमें 15 सीआरपीएफ़ से और पांच बीएसएफ से थीं।

NIA ने दर्ज किया मामला

इस बीच मणिपुर में हाल ही में हुई घटना तीन मामले दर्ज किए थे। वास्तव में ये मामले मणिपुर पुलिस द्वारा भी रजिस्टर किए गए थे लेकिन एनआईए ने इसे दोबारा रजिस्टर किया।

 

एनआईए द्वारा अपने हाथ में लिए गए मामले सशस्त्र उग्रवादियों द्वारा जिरीबाम में एक महिला की हत्या (8 नवंबर को जिरीबाम स्थानीय पुलिस में एफआईआर दर्ज), सशस्त्र उग्रवादियों द्वारा जिरीबाम में जकुराधोर करोंग और बोरोबेकरा पुलिस स्टेशनों पर स्थित सीआरपीएफ चौकी पर हमला (11 नवंबर को बोरोबेकरा पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज), और बोरोबेकरा में घरों को जलाने और नागरिकों की हत्या (11 नवंबर को बोरोबेकरा पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज) से संबंधित हैं।

क्यों भड़की हिंसा

मणिपुर के जिरीबाम जिले में बराक नदीं में तीन लाशें तैरती हुई पाई गई थीं। इनमें एक लाश महिला की थी और दो लाशें बच्चों की थीं। माना जा रहा था कि यह लाशें उन्हीं 6 लोगों में से थीं जिन्हें कुछ दिन पहले अगवा कर लिया गया था। इसके बाद मणिपुर में फिर एक बार हिंसा भड़क उठी। यह हिंसा इतनी बढ़ी कि राजधानी इम्फाल तक पहुंच गई। प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी विधायकों और मंत्रियों के घरों पर भी हमला किया। यहां तक कि मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के घर भी हमले की कोशिश की गई और उनके दामाद के घर पर भी हमले किए गए।



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