logo

ट्रेंडिंग:

आंध्र में साइबर क्राइम में सजा देने की दर कम, किस राज्य में सबसे ज्यादा हुई जेल?

आंध्र प्रदेश में साइबर क्राइम केसों में सजा देने की दर पूरे देश में सबसे कम है। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि राज्य में साइबर क्राइम की जांच कोर्ट में धीमी गति से चल रही है, जबकि पुलिस के स्तर पर साइबर अपराधों को बेहतर ढंग से निपटाया जा रहा है।

Cyber crime records

प्रतीकात्मक तस्वीर।

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

देश में बढ़ रहे साइबर अपराधों के बीच आंध्र प्रदेश से दिलचस्प खबर सामने आई है। दरअसल, आंध्र प्रदेश में साइबर क्राइम केशों में सजा देने की दर पूरे देश में सबसे कम है। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि राज्य में साइबर क्राइम की जांच कोर्ट में धीमी गति से चल रही है, जबकि पुलिस के स्तर पर साइबर अपराधों को बेहतर ढंग से निपटाया जा रहा है। रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि राष्ट्रीय स्तर पर पुलिस और एजेंसियां, न्यायलयों से ज्यादा तेजी से काम कर रही हैं।

 

हालांकि, नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के जारी 'क्राइम इन इंडिया' डेटा के मुताबिक, राज्य में पुलिस और कोर्ट के मामलों के निपटारे के बीच का अंतर बहुत बड़ा है।

 

यह भी पढ़ें: 'महबूबा, महबूबा' पर डांस, थिरकते लोग, फिर अचानक लगी आग, गोवा हादसे की पूरी कहानी

आंध्र पुलिस ने 5,228 केस निपटाए

इसमें बताया गया है कि 2023 में आंध्र प्रदेश पुलिस ने 5,228 साइबर क्राइम केस निपटाए। इसके बावजूद आंध्र में 34.3% आरोप-पत्र दर और 77.7% लंबित रेट दिखा। यह प्रदर्शन राष्ट्रीय आरोप-पत्र औसत 33.9% और लंबित रेट 62.4% के काफी करीब है लेकिन आंध्र प्रदेश में लंबित केस काफी ज्यादा है।

किस राज्य में कितने लंबित केस?

पुलिस निपटारे की कार्यक्षमता में आंध्र प्रदेश मध्यम प्रदर्शन वाले राज्यों में से एक हैइसमें मध्य प्रदेश में 93.7%, बिहार में 82.7% और छत्तीसगढ़ में 84.4% जैसे राज्यों में सबसे अधिक आरोप-पत्र दर दर्ज किए गए हैं वहीं, कर्नाटक में 18.1% और असम में 18.3% आरोप-पत्र दर के साथ पीछे हैंआंध्र प्रदेश का केस दर्ज करने और कोर्ट में इन केसों को ले जाने में एक जैसा रवैया दिखाता है कि राज्य में साइबर क्राइम की जांच तेजी से हो रही है

 

यह भी पढ़ें: ऑफिस के बाद बॉस ने कॉल किया तो क्या होगा? सुप्रिया सुले के बिल की ABCD

132 केस में ट्रायल

रिपोर्ट में बताया गया है कि एक बार जब साइबर केस कोर्ट में पहुंच जाते हैं, तो इसमें सुनवाई करने की रफ्तार धीमी हो जाती हैNCRB डेटा के मुताबिक, आंध्र प्रदेश की अदालतों ने 132 केस में ट्रायल पूरे किए और 159 केसों का निपटारा किया हैजबकि 1,768 केस पेंडिंग हैं, राज्य में यह 91.7% पेंडेंसी रेट दिखता हैइसमें सजा देने का रेट महज 1.5 फीसदी है, जो देश में सबसे कम है

 

इसकी तुलना में, साइबर क्राइम केस के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सजा देने का रेट 27.6 फीसदी है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर लंबित रेट 92.6 फीसदी हैवहीं, कर्नाटक और राजस्थान साइबर अपराधियों के सजा देने के मामले में देश में सबसे आगे हैं

 


और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap