पूर्व भारतीय क्रिकेटर रविचंद्रन अश्विन एक बयान से बखेड़ा खड़ा हो गया है। चेन्नई स्थित इंजीनियरिंग कॉलेज के कार्यक्रम में छात्रों को संबोधित करते हुए शुक्रवार को उन्होंने कहा कि हिंदी भारत की राष्ट्रीय भाषा (National Language) नहीं है।
अब इस बयान का तमिलनाडु भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने भी समर्थन किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह एक संपर्क भाषा के रूप में काम करती है। अन्नामलाई ने अश्विन को अपना 'प्रिय मित्र' बताते हुए क्रिकेटर के बयान से सहमति जताई और इस बात पर जोर दिया कि हिंदी 'सुविधा की भाषा' है।
'यह हमारी राष्ट्रीय भाषा नहीं'
भाजपा नेता ने मीडिया से कहा, 'सही है। यह हमारी राष्ट्रीय भाषा नहीं है। यह एक संपर्क भाषा थी, यह सुविधा की भाषा है।' दरअसल, अश्विन ने हिंदी के राष्ट्रीय या आधिकारिक भाषा होने के बारे में चल रही बहस पर अपनी राय रखी थी। अश्विन ने स्पष्ट किया कि हिंदी आधिकारिक भाषा है, राष्ट्रीय भाषा नहीं। डीएमके (DMK) ने भी आर.अश्विन के बयान का समर्थन किया है। डीएमके नेता टीकेएस एलंगोवन ने कहा, 'जब कई राज्य अलग-अलग भाषाएं बोलते हैं तो हिंदी राजभाषा कैसे हो सकती है।'
क्या कहा था अश्निन ने?
अश्विन ने अपने संबोधन के दौरान छात्रों से पूछा कि क्या कोई हिंदी में सवाल पूछने में रुचि रखता है, जिसे लेकर किसी ने रुचि नहीं दिखाई। इसके बाद अश्विन के कहा, 'मैंने सोचा कि मुझे यह कहना चाहिए. हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा नहीं है, यह एक आधिकारिक भाषा (Official Language) है।' बता दें कि भारतीय संविधान हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में नामित करता है, न कि राष्ट्रीय भाषा के रूप में।