भारत ने अफगानिस्तान के लिए बड़ा दिल दिखाते हुए अटारी-वाघा सीमा के रास्ते 160 अफगान ट्रकों को विशेष प्रवेश की अनुमति दी है। ये ट्रक सूखे मेवे औप नट्स जैस सामान लेकर भारत आए हैं। 16 मई को 8 ट्रकों ने अटारी इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट से प्रवेश किया, जो 24 अप्रैल से लाहौर और वाघा बॉर्डर के बीच फंसे थे। यह कदम पहलगाम आंतकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान सीमा पर व्यापार और आवाजाही बंद होने के बावजूद उठाया गया, जबकि पाकिस्तान ने इन ट्रकों की मंजूरी रोक रखी है।
बता दें कि 15 मई को भारत और तालिबान के बीच पहली आधिकारिक राजनीतिक बातचीत हुई थी। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी से फोन पर चर्चा की। इस बातचीत में पहलगाम आतंकी हमले की निंदा, द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने, व्यापार और राजनयिक सहयोग जैसे मुद्दों पर जोर दिया गया। जयशंकर ने मुत्ताकी द्वारा हमले की निंदा और भारत-अफगानिस्तान के बीच अविश्वास पैदा करने वाली झूठी खबरों को खारिज करने की सराहना की।
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भारत-पाक तनाव
इस बातचीत के अगले ही दिन, भारत ने 160 अफगान ट्रकों को अटारी-वाघा सीमा के रास्ते प्रवेश की विशेष अनुमति दी, जो सूखे मेवे जैसे सामान लेकर आए थे। 16 मई को 8 ट्रकों ने अटारी इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट से प्रवेश किया, जो 24 अप्रैल से लाहौर और वाघा बॉर्डर पर फंसे थे। यह कदम भारत-पाकिस्तान तनाव और सीमा पर व्यापार बंद होने के बावजूद उठाया गया, जो भारत की अफगानिस्तान के प्रति मानवीय और कूटनीतिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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भारत और अफगानिस्तान के व्यापारिक रिश्ते
भारत और अफगानिस्तान के बीच व्यापारिक रिश्ते हाल के वर्षों में मजबूत हुए हैं। वर्ष 2023-24 में द्विपक्षीय व्यापार लगभग 600 मिलियन अमेरिकी डॉलर था, जिसमें भारत का निर्यात प्रमुख रहा। भारत अफगानिस्तान को चाय, कॉफी, चीनी, दवाइयां, कपड़ा और मशीनरी जैसी वस्तुएं निर्यात करता है, जबकि अफगानिस्तान से सूखे मेवे, ताजे फल, मसाले और कुछ खनिज आयाज होते हैं।