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AAP में फंस गए अवध ओझा? बीच में रुकवा दिया गया इंटरव्यू

दो दिन पहले AAP में आए अवध ओझा नेता बनते ही विवादों में आ गए हैं। उनके एक इंटरव्यू को बीच में ही रुकवा दिया गया और इसका वीडियो अब तेजी से वायरल हो रहा है।

awadh ojha joining aap

दो दिन पहले AAP में शामिल हुए थे अवध ओझा, Photo: AAP

मशहूर शिक्षक अवध ओझा दो दिन पहले ही आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता बने हैं। अपनी बेबाकी के लिए चर्चित अवध ओझा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि अवध ओझा एक इंटरव्यू दे रहे हैं और अचानक उनका इंटरव्यू बीच में ही रुकवा दिया जाता है। इंटरव्यू लेने वाले BBC के पत्रकार ने अपनी बात रखने की कोशिश भी की लेकिन AAP कार्यकर्ताओं ने इंटरव्यू वहीं पर रुकवा दिया। खुद को फंसता देख अवध ओझा ने चालाकी दिखाते हुए यह कहा कि पार्टी लाइन तय करेगी कि क्या पूछा जा सकता है या नहीं। अब यह वीडियो चर्चा का विषय बन गया है।


हाल ही में AAP के मुखिया अरविंद केजरीवाल और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की मौजूदगी में अवध ओझा आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे। तब उनका कहना था कि वह AAP की 'शिक्षा क्रांति' से प्रभावित होकर पार्टी में शामिल हो रहे हैं। चुनाव लड़ने के सवाल पर अवध ओझा ने कहा था कि अब इसका फैसला पार्टी करेगी। राजनीति में आते ही उनके पुराने वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे। किसी वीडियो में वह राहुल गांधी की तारीफ करते तो किसी में नरेंद्र मोदी। इंटरनेट पर उनके ऐसे वीडियो भी मौजूद हैं जिनमें वह केजरीवाल की आलोचना भी करते रहे हैं।

 

अब इस मामले पर अवध ओझा ने कहा है, 'वो शिक्षक ही क्या जो सवाल का जवाब ना दे। कल बीबीसी के साथ बढ़िया इंटरव्यू हुआ। उसे अवश्य देखें। दुर्भाग्यवश साक्षात्कार के दौरान हमारे एक वालंटियर ने अनजान वश पत्रकार महोदय को रोक दिया जो कि बिल्कुल सही नहीं था। लोग कह रहे उसे दंड दो, बर्खास्त करो। उसे दंड देना उचित नहीं हैं क्योंकि भाववश गलती हो गई। बाक़ी मैं किसी भी प्रश्न के लिए हमेशा तैयार हूं। शिक्षक हूं, प्रश्नों से ही मुझे ऊर्जा मिलती है।'

 

कहां फंसे अवध ओझा?

 

ऐसे ही वीडियो से जुड़ा एक सवाल बीबीसी के पत्रकार अंशुल सिंह ने अवध ओझा से पूछा। सवाल था कि अवध ओझा पहले नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी की तारीफ करते थे, क्या आगे भी करते रहेंगे। इस पर अवध ओझा ने कहा, 'तारीफ करना एक अच्छे इंसान की निशानी है। पता नहीं क्यों लोग तारीफ करने को इतना बुरा क्यों मानते हैं। मान लीजिए आपकी शादी हो गई तो क्या इस दुनिया के सभी स्त्री और पुरुष आपके लिए बुरे हो गए? तारीफ करना एक पॉजिटिव माइंडसेट का काम है। राजनीति में, लोकतंत्र में किसी की किसी से दुश्मनी थोड़ी है। किसी की कोई बात अच्छी लगेगी तो आप उसकी तारीफ करोगे।'

 

अवध ओझा अपनी इसी बात को और मजबूती से रखने के लिए सचिन तेंदुलकर और ब्रायन लारा का उदाहरण दे ही रहे थे कि पीछे से इशारेबाजी शुरू हो गई। इसके तुरंत ही बाद पीछे से एक शख्स की आवाज आई, 'स्टॉप कर दीजिए इसे। आपको मैंने बोला था न कि उल्टे-सीधे सवाल नहीं करने के लिए।' इस पर पत्रकार ने कहा, 'यह तो बहुत नॉर्मल है।' इसके बाद पत्रकार और AAP कार्यकर्ता के बीच बात होती रही और अवध ओझा एकदम चुप हो गए।

 

इसके आगे जब पत्रकार ने अवध ओझा से पूछा, 'सर क्या हमने कोई गलत सवाल पूछा?' इस पर अवध ओझा का कहना था, 'देखिए पार्टी लाइन डिसाइड करेगी, ये तो ये लोग डिसाइड करेंगे।' इसके बाद अवध ओझा ने माइक उतार दिया और इंटरव्यू वहीं खत्म हो गया।

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