सुबह की बजाय रात 1 बजे क्यों किया PAK पर अटैक? CDS चौहान ने बताया राज
सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने बताया कि हमला करने का सबसे अच्छा समय सुबह 5:30 से 6 बजे के बीच का था लेकिन रात 1 बजे पहला हमला किया गया। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी कई बातें बताई हैं।

सीडीएस जनरल अनिल चौहान। (Photo Credit: PTI)
पहलगाम अटैक के जवाब में भारतीय सेना ने जो 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया था, उस पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने 'नए तरह के युद्ध की शुरुआत' बताया है। उन्होंने कहा कि पहले जीत का पैमाना इस बात से तय होता था कि कितनी जमीन कब्जाई या कितने युद्धबंदी पकड़े लेकिन यहां जीत का पैमाना हाई टेक्नीक थी। सीडीएस चौहान ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमने पाकिस्तान को हर बार हराया।
रांची के एक स्कूल के कार्यक्रम के दौरान सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के बारे में काफी कुछ बताया। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर पारंपरिक युद्ध के उलट यह जंग जमीन, हवा, समंदर और साइबर क्षेत्र में लड़ा गया, जहां दुश्मन को सिर्फ सैटेलाइट, इलेक्ट्रॉनिक इमेज और सिग्नल इंटेलिजेंस की मदद से ही देखा जा सकता था।
उन्होंने यह भी बताया कि पहला हमला रात 1 बजे किया गया था, ताकि नागरिकों को हताहत होने से बचाया जा सके।
ऑपरेशन सिंदूर 6 और 7 मई की रात को 1 से 1:30 बजे के बीच चला था। इस दौरान भारतीय सेना ने पाकिस्तान और PoK में बने 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था। भारतीय सेना ने लश्कर-ए-तैयबा, हिज्बुल मुजाहिद्दीन और जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर हमला किया था। इस ऑपरेशन में 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए थे।
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यह नए तरह का युद्ध था: सीडीएस चौहान
स्कूली बच्चों को सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी कई बातें बताई। उन्होंने कहा, 'यह एक नए तरह का युद्ध था। अब तक हम जीत को जमनी पर कब्जा करने, नष्ट किए गए उपकरणों की संख्या या पकड़े गए युद्धबंदियों या मारे गए सैनिकों की संख्या के आधार पर मानते थे। ये युद्ध लड़ने के पारंपरिक तरीकों से जुड़े थे।'
उन्होंने कहा, 'लेकिन यहां जीत का एक पैमाना हमारे हमले की हाई टेक्नीक थी जिसका प्रदर्शन वहां हुआ। रात के समय लंबी दूरी के लक्ष्यों पर सटीक हमले के लिए विशेष प्रयासों की जरूरत थी। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमने हर बार पाकिस्तान को निर्णायक रूप से हराया।'
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रात 1 बजे क्यों चलाया गया ऑपरेशन?
उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर 7 मई की रात 1 से 1:30 बजे के बीच चलाया गया, ताकि नागरिकों को हताहत होने से बचाया जा सके।
उन्होंने कहा, 'पहले हमने बालाकोट ऑपरेशन किया था लेकिन हमारे पास सैटेलाइट इमेज या तस्वीरें नहीं थीं लेकिन रात के अंधेरे में सबूत इकट्ठा करने में कठिनाई होने के बावजूद हमने रात 1 बजे जो ऑपरेशन चलाया, उसके दो कारण थे। पहला- हमें अपनी क्षमताओं पर भरोसा था कि हम तस्वीरें ले सकते हैं और दूसरा- हम नागरिकों को हताहत होने से बचाना चाहते थे।'
#WATCH | Ranchi, Jharkhand: CDS Gen Anil Chauhan says, "... On the 7th (of May), the terrorist targets we had chosen, we struck them between 1:00 and 1:30 at night… Why did we strike at 1:30 at night? That is the darkest time, it would be the most difficult to get satellite… pic.twitter.com/Rxtuubk8Kg
— ANI (@ANI) September 18, 2025
जनरल चौहान ने कहा, 'सबसे अच्छा विकल्प सुबह 5:30 से 6 बजे का समय होता लेकिन पहली अजान या नमाज के समय कई नागरिकों की जान चली जाती। हम इससे पूरी तरह बचना चाहते थे।'
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उरी-बालाकोट से कितना अलग था ऑपरेशन सिंदूर?
सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहा कि भारत पिछले कुछ समय से पाकिस्तान की गतिविधियों की नजर रख रहा था और 7 मई की रात को हमला इसलिए किया गया क्योंकि मौसम साफ था और बारिश की कोई भविष्यवाणी नहीं थी।
उन्होंने बताया कि '7 ठिकानों पर आर्मी और 2 पर वायुसेना तैनात थी। नेवी भी S400 और S120 के साथ थी। अरब सागर के अलावा जम्मू-कश्मीर और पंजाब में भी नौसेना के कमांडो तैनात किए गए थे।'
उन्होंने आगे बताया, 'उरी और बालाकोट के दौरान हमने जमीनी और हवाई हमला किया था लेकिन इस ऑपरेशन में हमने एक नई रणनीति अपनाई जो सफलता के लिए जरूरी थी। हमने ड्रोन का इस्तेमाल किया।'
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दुश्मन के इलाकों में गहराई तक हमला किया: सीडीएस
उन्होंने कहा कि 'आधुनिक युद्ध की मांग है हम आज की जंग को कल की तकनीक से लड़ें। जंग अब जमीन, हवा और समंदर तक सीमित नहीं रही बल्क अब इसमें स्पेस, साइबर और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम भी शामिल हो गया है। हाल में यह बदलाव साफ दिखाई दिया है।' उन्होंने बताया कि सैटेलाइट इमेज, इलेक्ट्रॉनिक और सिग्नल इंटेलिजेंस की मदद से लंबी दूरी के सटीक हथियारों से दुश्मन के इलाकों में गहराई तक हमला किया गया।
उन्होंने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सरजाल गांव पर हमले का उदाहरण देते हुए कहा, 'यह एक आम जगह दिखती है जिसमें सिर्फ एक पुराना स्वास्थ्य केंद्र था। मगर खुफिया जानकारी ने पुष्टि की कि यह बार-बार आतंकवादी घुसपैठ का अड्डा रहा है।'
#WATCH | Ranchi, Jharkhand: CDS Gen Anil Chauhan says, "... I have come from a very ordinary family... There is no nepotism in the armed forces. You get recognised for your work..." pic.twitter.com/uUnvIEBacu
— ANI (@ANI) September 18, 2025
जनरल चौहान ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर से आर्मी, नेवी और वायु सेना ने कई सबक सीखे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि फौज ही एकमात्र जगह है जहां भाई-भतीजावाद नहीं चलता। यहां योग्यता को इनाम मिलता है और काम को मान्यता मिलती है।
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