छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में रविवार को सुरक्षाकर्मियों ने तीन माओवादियों को ढेर कर दिया। सुरक्षाकर्मियों और माओवादियों के बीच भयंकर मुठभेड़ हुई, जिसमें हथियारों, आईईडी विस्फोटक और ऑटोमैटिक गन का बड़ा जखीरा बरामद किया गया है।
यह मुठभेड़ बीजापुर के नेशनल पार्क एरिया के घने जंगलों में हुई। दरअसल, यह मुठभेड़ शनिवार को हुए एक विस्फोट के बाद हुई है। पहले इस घटना में माओवादियों ने एक जगह पर विस्फोटक उपकरण लगाए थए, जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का एक जवान घायल हो गया था। घायल जवान को इलाज के लिए बीजापुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मार्च करने के दौरान हुआ हमला
यह विस्फोट उस समय हुआ था जब महादेव घाट पर तैनात सीआरपीएफ की 196 बटालियन की एक टीम इलाके में मार्च कर रही थी। माओवादी लगातार सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए आईईडी का इस्तेमाल करते हैं। इसके जवाब में सुरक्षाकर्मियों ने ऐसे खतरों से निपटने के लिए बारूदी सुरंगों को हटाने के प्रयासों को बढ़ा दिया है।
बता दें कि इससे पहले गुरुवार को सुकमा-बीजापुर बॉर्डर पर मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में भी तीन माओवादी मारे गए थे और उनके पास से भारी मात्रा में हथियार बरामद किए गए थे। यह ऑपरेशन जिला रिजर्व गार्ड, स्पेशल टास्क फोर्स और सीआरपीएफ की जंगल युद्ध इकाई की टीमों ने मिलकर चलाया।
6 जनवरी को सुरक्षाबलों की गाड़ियों को बनाया था निशाना
छत्तीसगढ़ के बस्तर में ही 6 जनवरी को सुरक्षाबलों की गाड़ियों को निशाना बनाकर एक IED ब्लास्ट हुआ था। इस हमले में कुल 9 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG) के 8 जवान शामिल थे। इस ऑपरेशन में कई नक्सली भी एनकाउंटर में मारे गए थे। पिछले दिनों अबूझमाड़ के जंगल में हुए एक एनकाउंटर में चार नक्सलियों को मार गिराया गया था।
इससे पहले 3 नजवरी को भी एनकाउंटर हुआ था जिसमें 3 नक्सली मारे गए थे और कुछ अन्य नक्सलियों के घायल होने की जानकारी भी सामने आई थी।
गृहमंत्री अमित शाह ने रखा था टारगेट
बीते साल दिसंबर के महीने में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ का दौरा किया था। इस दौरा उनके कई पूर्व नक्सलियों ने भी मुलाकात थी। ये नक्सली ऐसे थे जिन्होंने हथियार रखकर शांति का रास्ता चुना था। इसी दौरान अमित शाह ने कहा था कि 31 मार्च 2026 से पहले देश को नक्सलवाद से मुक्त कर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया था कि पिछले एक साल में कुल 287 नक्सलियों को मार गिराया गया, 837 नक्सलियों ने सरेंडर किया और एक हजार नक्सलियों को गिरफ्तार भी किया गया।