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CJI के साथ सुप्रीम कोर्ट के सभी जज सार्वजनिक करेंगे अपनी संपत्ति

सुप्रीम कोर्ट इसे पहले साल 1997 और 2009 में इस तरह का प्रस्ताव पारित कर चुका है, जिसमें जजों को अपनी संपत्ति सार्वजनिक करने को कहा गया था।

\Supreme Court judges

फाइल फोटो। Photo Credit (Supreme court website)

पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण फैसले सुनाने वाली सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को खुद अपने लिए फैसला लिया है। दरअसल, शीर्ष कोर्ट के सभी 33 मौजूदा जजों ने अपनी संपत्ति को सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर डालकर देश के सामने सार्वजनिक करने का फैसला किया है। सभी न्यायधीशों ने इसको लेकर एक प्रस्ताव पारित किया है कि यह प्रथा आगे भविष्य में जो भी सुप्रीम कोर्ट में जज होंगे उनपर भी लागू होगी।

 

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पहले बार साल 2009 में जजों की संपत्ति को सार्वजनिक करने पर एक साथ सहमति जताई थी। उस साल 26 अगस्त को, शीर्ष कोर्ट ने इन जानकारियों को अपनी वेबसाइट पर शेयर करने का फैसला किया था।

 

1997 में सुप्रीम कोर्ट ने प्रस्ताव पारित किया 

 

बता दें कि साल 1997 में सुप्रीम कोर्ट ने ही एक प्रस्ताव पारित किया था। उसके मुताबिक, सीप्रीम कोर्ट के जजों को भारत के मुख्य न्यायधीश के सामने अपनी संपत्ति का खुलासा करने को कहा गया था। जबकि सीजेआई के सामने संपत्ति का खुलासा अनिवार्य था, लेकिन जानकारी को सार्वजनिक करना वैकल्पिक बनाया गया था।

 

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जस्टिस यशवंत वर्मा केस के बाद फैसला

 

सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला दिल्ली हाई कोर्ट के तत्कालीन न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से बड़ी मात्रा में नकदी बरामद होने के बाद आया है। दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा फिलहाल कोई ज्यूडिशियल काम नहीं कर पाएंगे। उनके घर से कुछ दिन पहले कथित तौर पर 15 करोड़ रुपये कैश मिले थे। उनके घर से जो कैश मिला था वो बोरी में रखे हुए थे और वह जल चुके थे। 

 

हालांकि, जस्टिस वर्मा का दावा है कि उनके घर से बरामद कैश न उनका है और न ही उनके परिवार के किसी सदस्य का है। जस्टिस वर्मा ने इसके पीछे साजिश होने का दावा किया है। दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय ने चीफ जस्टिस संजीव खन्ना को सौंपी रिपोर्ट में बताया है कि जस्टिस वर्मा के घर के बाहर 4-5 बोरियों में अधजले नोट मिले हैं।

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