कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद; वक्फ को लेकर देश में कई जगह विरोध प्रदर्शन
देश
• DELHI 04 Apr 2025, (अपडेटेड 04 Apr 2025, 10:16 PM IST)
वक्फ बिल पास होने के साथ ही देश में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। इस दौरान प्रशासन अलर्ट पर रहा और स्थिति को नियंत्रण में लेने की कोशिश की गई।

वक्फ (संशोधन) विधेयक का विरोध करते हुए लोग । Photo Credit: PTI
सदन में वक्फ बोर्ड (संशोधन) विधेयक के पारित होते ही शुक्रवार को पूरे देश में जगह जगह पर काफी संख्या में लोग इकट्ठे हो गए और विरोध प्रदर्शन होने लगे। कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद औऱ और एआएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने तो सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटा दिया। बिल को बुधवार को लोकसभा में पेश किया गया था और गुरुवार को राज्यसभा में। लोकसभा में इसके पक्ष में 288 वोट मिले थे और विपक्ष में 232 वोट पड़े थे, जबकि राज्यसभा में इसके पक्ष में 128 वोट पड़े और विपक्ष में 95 वोट पड़े।
विधेयक का विरोध करने के लिए हजारों की संख्या में लोग कोलकाता, चेन्नई और अहमदाबाद में जुम्मे की नमाज के बाद विरोध के लिए सड़कों पर उतर आए। बंगाल और चेन्नई में इसका काफी असर देखने को मिला। बंगाल में लोग भारी संख्या में हाथों में झंडे और पोस्टर लिए हुए दिखे जिसमें लिखा था- 'हम वक्फ संशोधन को रिजेक्ट करते हैं।' इनमें से काफी विरोध प्रदर्शन वक्फ प्रोटेक्शन ज्वाइंट फोरम द्वारा ऑर्गेनाइज किया गया था.
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अहमदाबाद और चेन्नई में भी विरोध
वहीं अहमदाबाद में भी एएनआई द्वारा जारी किए गए वीडियो में दिख रहा है कि काफी लोग सड़कों पर बैठ गए। पुलिस ने बडी मुश्किल से उन्हें सड़कों से हटाया। पुलिस ने इस दौरान ऑल इंडिया इत्तेहादुल मुस्लिमीन के राज्य इकाई के अध्यक्ष और 40 अन्य सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया।
#WATCH | Ahmedabad: Various Muslim organisations hold protests against the Waqf Amendment Bill. pic.twitter.com/viavsuqf3D
— ANI (@ANI) April 4, 2025
#WATCH | West Bengal: Members of the Muslim community take to the streets in Kolkata to protest against the Waqf Amendment Bill. pic.twitter.com/pKZrIVAYlz
— ANI (@ANI) April 4, 2025
इसी तरह की स्थितियां चेन्नई में भी देखने को मिलीं जहां पर ऐक्टर विजय की पार्टी तमिल वेत्री कड़गम ने पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की। टीवीके के कार्यकर्ता चेन्नई और अन्य बड़े शहरों जैसे कोयंबटूर और तिरुचिरापल्ली में इकट्ठे हो गए। उन्होंने 'रिजेक्ट वक्फ बिल' और 'मुस्लिमों के अधिकार मत छीनों' जैसे नारे लगाए।
लखनऊ में दिखा तनाव
इसके अलावा लखनऊ में भी तनावपूर्ण स्थिति देखने को मिली। सेंट्रल लखनऊ के डिप्टी कमिश्नर आशीष श्रीवास्तव ने कहा, 'हमने सबसे कहा है कि पूरा बिल पढ़ने के बाद ही अपने विचार इस बारे में बनाएं। हम लोग सोशल मीडिया पर पूरी नजर रख रहे हैं।'
VIDEO | Actor Vijay-led Tamilaga Vettri Kazhagam (TVK) holds protest in Tamil Nadu's Thoothukudi over Waqf (Amendment) Bill, which was recently passed by the Parliament.
— Press Trust of India (@PTI_News) April 4, 2025
The Bill was passed in the Rajya Sabha with 128 members voting in favour and 95 opposing it. It was passed… pic.twitter.com/jFSli0bajg
#WATCH | Bengaluru, Karnataka: Muslim organisations hold protests against the Waqf Amendment Bill. pic.twitter.com/EV9Ba9rROC
— ANI (@ANI) April 4, 2025
ममता कर रहीं विरोध
बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं ऐसे में वहां पर वक्फ की राजनीति पर ममता बनर्जी की खासी निगाह है। वह पहले भी कह चुकी हैं कि वह मुसलमानों की जमीनें छिनने नहीं देंगी। इसके अलावा उन्होंने गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए यह भी कहा था कि अगर नई सरकार आती है तो वह इस विधेयक को रद्द कर देंगी।
इस बिल को लेकर प्रदर्शनकारियों की चिंता है कि यह बिल पहले से भी जारी वक्फ की संपत्तियों को लेकर भी लागू होगा। हालांकि, सदन में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था कि यह अब से ही लागू होगा।
अब लोकसभा और राज्यसभा में पारित होने के बाद इसे राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलना बाकी है।
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जेडीयू के सदस्यों ने छोड़ा
जेडीयू द्वारा वक्फ विधेयक का समर्थन करने के बाद पार्टी को पांच नेता छोड़ चुके हैं। इनमें नदीम अख्तर, राजू नय्यर, तबरेज सिद्दीकी, मोहम्मद शाहनवाज मलिक और मोहम्मदा कासिम शामिल हैं। इन नेताओं का कहना है कि जेडीयू द्वारा इस बिल का समर्थन करने की वजह से ये नेता काफी दुखी हैं। पूर्वी चंपारण जिले के नेता मोहम्मद कासिम अंसारी ने पार्टी छोड़ दी है। कई दूसरे नेताओं ने भी पार्टी छोड़ने की धमकी दी है। नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी में भी वक्फ पर उनके रुख की वजह से कई अल्पसंख्यक नेता नहीं पहुंचे थे। इसके अलावा टीडीपी नेताओं ने भी विधेयक के कुछ प्रस्तावों पर आपत्तियां जताई थीं, जिन पर सीएम एन चंद्रबाबू नायडू ने तर्क दिया है कि उनकी चिंताओं का समाधान किया जाएगा।
वक्फ बिल में विवाद वाले बिंदु
सेंट्रल वक्फ काउंसिल और वक्फ बोर्ड में अब गैर-मुस्लिम और महिला सदस्य भी होंगी। काउंसिल और वक्फ बोर्ड में दो गैर-मुस्लिम और दो महिलाओं की नियुक्ति की जाएगी।
प्रस्तावित बिल में 'वक्फ बाय यूजर' को खत्म कर दिया गया है। अब तक यह होता था कि अगर किसी संपत्ति पर सालों से मस्जिद या मदरसा बना है तो वह वक्फ की होगी। मगर अब ऐसी संपत्ति वक्फ की तभी मानी जाएगी, जब इसके वैध दस्तावेज होंगे।
अब तक मस्जिद समेत इस्लामिक काम में इस्तेमाल होने वाली संपत्ति खुद-ब-खुद वक्फ की हो जाती थी। मगर अब जब तक संपत्ति दान नहीं की गई होगी, तब तक वह वक्फ की संपत्ति नहीं कहलाएगी। भले ही उस पर मस्जिद ही क्यों न बनी हो।
अभी वक्फ की संपत्ति का सर्वे करने का अधिकार सर्वे कमिश्नर या एडिशनल कमिश्नर के पास है। मगर प्रस्तावित बिल में सर्वे का अधिकार जिला कलेक्टर को मिल गया है। अब कोई संपत्ति वक्फ है या नहीं, इसका फैसला वक्फ बोर्ड नहीं कर सकेगा।
मौजूदा कानून के मुताबिक, अगर वक्फ बोर्ड किसी संपत्ति पर दावा करता है तो ट्रिब्यूनल में ही उसकी अपील की जा सकती थी। अब ट्रिब्यूनल के अलावा रेवेन्यू कोर्ट, सिविल कोर्ट या हाईकोर्ट में भी अपील की जा सकती है।
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