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'बहुमत होता तो संविधान बदल देते', संसद में बोलीं प्रियंका गांधी

वायनाड से सांसद बनने के बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी को आज पहली बार संसद में बोलने का मौका मिला। पढ़िए उन्होंने संविधान पर क्या कहा है।

priyanka gandhi on constitution

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी। Source- PTI

26 जनवरी को संविधान निर्माण के 75 साल पूरे होंगे। इसके उपलक्ष्य में संसद में शुक्रवार को संविधान पर चर्चा चल रही है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संविधान पर विषेश चर्चा की शुरुआत की, जिसमें उन्होंने कई महत्वपूर्ण बातों को सामने रखा। 

इस चर्चा में भाग लेते हुए केरल के वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी केंद्र सरकार को घेरा। सांसद बनने के बाद प्रियंका गांधी का यह संसद में पहला भाषण है। उन्होंने कहा, 'हमारे संविधान में संवाद, चर्चा की परंपरा रही है। संविधान इंसाफ, उम्‍मीद की ज्‍योत है। विधान न्‍याय की गांरटी है। संविधान स्‍वतंत्रता आंदोलन से निकली आवाज है। स्‍वतंत्रता संग्राम अंहिसा की लड़ाई थी। आजादी की लड़ाई में सभी वर्ग शामिल थे।' 

 

हमारा संविधान सुरक्षा कवच है

 

सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, 'हमारा संविधान सुरक्षा कवच है। ऐसा सुरक्षा कवच जो नागरिकों को सुरक्षित रखता है। यह न्याय और एकता का अभिव्यक्ति के अधिकार का कवच है। यह दुखद है कि 10 साल में बड़े-बड़े दावे करने वाले सत्ता पक्ष के साथियों ने इस कवच को तोड़ने की पूरी कोशिश की है। संविधान सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय का वादा करता है। ये वादे सुरक्षा कवच हैं और इसे तोड़ने का काम शुरू हो गया है। लेटरल एंट्री और निजीकरण के जरिए यह सरकार आरक्षण को कमजोर करने की कोशिश कर रही है।'

 

उन्होंने संविधान पर चर्चा करते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। प्रियंका ने कहा कि यह सरकार विपक्ष के नेताओं, पत्रकारों, विश्वविद्यालयों के प्रोफेसरों और छात्र नेताओं को डराती है। उन्होंने सरकार पर मीडिया का अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।

 

नेहरू को लेकर प्रियंका का सरकार पर पटलवार

सांसद प्रियंका गांधी ने देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर मोदी सरकार द्वारा किए जाने वाले हमलों को लेकर पटलवार किया। उन्होंने कहा, 'जिनका नाम लेने में कभी आप झिझकते हैं, कभी धाराप्रवाह बोलते हैं, तो कभी खुद को बचाने के लिए बोलते हैं। उन्होंने HAL, BHEL, SAIL, GAIL, ONGC, NTPC, रेलवे, IIT, IIM, तेल रिफाइनरियां और कई सार्वजनिक उपक्रम स्थापित किए। उनका नाम किताबों से मिटाया जा सकता है, भाषणों से मिटाया जा सकता है। लेकिन इस देश की आजादी में, इस देश के निर्माण में उनकी भूमिका को इस देश से कभी नहीं मिटाया जा सकता।'

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