कांग्रेस के सीनियर नेता शिवराज पाटिल का शुक्रवार को निधन हो गया। वह 90 साल के थे। शिवराज पाटिल गृह मंत्री और लोकसभा स्पीकर भी रह चुके थे। शुक्रवार को उन्होंने महाराष्ट्र के लातूर में अपने घर में आखिरी सांस ली। वह कुछ समय से बीमार चल रहे थे।
न्यूज एजेंसी PTI ने परिवार के हवाले से बताया कि शिवराज पाटिल कुछ वक्त से बीमार चल रहे थे। शुक्रवार सुबह उनका निधन हो गया।
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26/11 के बाद दे दिया था इस्तीफा
उनके निधन की खबर सामने आने के बाद लातूर स्थित उनके आवास के बाहर समर्थकों की भीड़ जुटने लगी है। शिवराज पाटिल लातूर लोकसभा से ही सांसद थे। उन्होंने यहां से 7 बार चुनाव जीता था।
1980 से 1999 तक लगातार 7 बार उन्होंने लातूर सीट से लोकसभा चुनाव जीता था। 2004 का चुनाव वह बीजेपी उम्मीदवार रुपाताई पाटिल से हार गए थे। इस हार के बावजूद उन्हें मनमोहन सरकार में गृह मंत्री बनाया गया था।
शिवराज पाटिल जब गृह मंत्री थे तब 26 नवंबर 2008 को मुंबई में आतंकी हमले हुए थे। इन हमलों में 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। इन हमलों के लिए नैतिकता के आधार पर उन्होंने गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था।
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कई दशकों तक राजनीति में सक्रिय रहे
शिवराज पाटिल का जन्म 12 अक्टूबर 1935 को लातूर के चाकूर गांव में हुआ था। उन्होंने हैदराबाद की उस्मानिया यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की।
धीरे-धीरे शिवराज पाटिल की दिलचस्पी राजनीति में बढ़ती गई। उन्होंने 1972 में लातूर सीट से पहली बार विधानसभा चुनाव जीता। इसके बाद 1978 का चुनाव भी उन्होंने जीता।
1980 के बाद उनकी केंद्रीय राजनीति में एंट्री हुई। उन्होंने 1980 में पहली बार लोकसभा चुनाव जीता और संसद पहुंचे। वह 1990 में लोकसभा में डिप्टी स्पीकर बने। 1991 से 1996 तक वह लोकसभा के स्पीकर रहे। 2004 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद उन्हें राज्यसभा भेजा गया। 2010 से 2015 तक वह पंजाब के गवर्नर और चंडीगढ़ के प्रशासक रहे।