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महिलाओं को पैसा, मतलब जीत की गारंटी, अब केजरीवाल भी आजमाएंगे किस्मत!

महाराष्ट्र हो, MP हो या फिर झारखंड हो, जहां महिलाओं को सीधे तौर पर पैसे देने वाली योजना बनी, वहां राजनीतिक दलों को कामयाबी मिली। अब अरविंद केजरीवाल भी इसी रास्ते पर चल पड़े हैं।

Arvind Kejriwal

चुनावी सभा में भाषण देते अरविंद केजरीवाल, Image Source: AAP

दिल्ली में विधानसभा के चुनाव होने हैं। इस बीच चर्चाएं शुरू हो गई हैं कि चुनाव से ठीक पहले दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार महिलाओं के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) की शुरुआत कर सकती है। महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव में इस तरह की योजनाएं वहां की सरकारों के लिए फायदेमंद साबित हुई हैं। ऐसे में AAP के मुखिया अरविंद केजरीवाल भी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि जल्द ही रजिस्ट्रेशन शुरू हो जाएगा और हर महिला के खाते में हर महीने एक-एक हजार रुपये आने शुरू हो जाएंगे। अरविंद केजरीवाल के इस ऐलान से स्पष्ट है कि AAP भी उस तरह की योजना के पीछे जाने वाली है जो हरियाणा से ओडिशा तक और पश्चिम बंगाल से महाराष्ट्र तक चल रही है।

 

शुक्रवार को बुराड़ी में एक जनसभा के दौरान अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'जितनी महिलाएं, मां-बहने खड़ी हैं, आपके लिए मैं काम कर रहा हूं। जल्द ही आपके अकाउंट में हर महीने हजार-हजार रुपये आने शुरू हो जाएंगे। बहुत जल्दी रजिस्ट्रेशन शुरू होने वाला है। उसमें एक शर्त है कि आपका वोट बना होना चाहिए। जिसका वोट नहीं बना है, वोट बनवा लेना जल्दी से।'अरविंद केजरीवाल की इन बातों से स्पष्ट है कि फिलहाल यह योजना चुनाव को ध्यान में रखकर शुरू की जा रही है, जैसा कि पहले भी कई राज्यों में किया जा चुका है।

 

इसी साल मई महीने में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली में कुल मतदाताओं की संख्या 1.47 करोड़ थी। इसमें महिला मतदाताओं की संख्या 67.30 लाख थी। विधानसभा चुनाव में इस संख्या में थोड़ा बहुत इजाफा और हो सकता है क्योंकि अंतिम मतदाता सूची अभी तैयार की जा रही है। महिला मतदाता हर राज्य में निर्णायक साबित हो रही हैं, ऐसे में दिल्ली में आम आदमी पार्टी भी महिला मतदाताओं को रिझाने की पूरी कोशिश कर रही है और चुनाव से ठीक पहले यह दांव खेला जा रहा है। देखा गया है कि हाल ही में जितने भी राज्यों में चुनाव हुए हैं, हर जगह लगभग हर दल या गठबंधन ने इस तरह के वादे जरूर किए हैं।

जीत की गारंटी बन गई हैं ऐसी योजनाएं

 

मध्य प्रदेश के चुनाव से ठीक पहले लाडली बहन योजना को शिवराज सिंह ने शुरू किया था। यह योजना गेमचेंजर साबित हुई और तमाम दावों के उलट बीजेपी की सरकार फिर से बन गई। महाराष्ट्र में माझी लाड़की बहन योजना के तहत लड़कियों को 1500 रुपये देने की योजना चुनाव से पहले शुरू हुई और महायुति की जीत में इसका भी बहुत बड़ा योगदान रहा। झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार ने चुनाव से कुछ महीने पहले ही मैया सम्मान योजना की शुरुआत की थी और उनके लिए भी यह योजना फायदेमंद साबित हुई। इसी तरह की योजनाएं तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक जैसे राज्यों में भी चल रही हैं।

 

हरियाणा में बीजेपी ने वादा किया था कि उसकी सरकार बनने के साथ ही प्रदेश की महिलाओं को लाडो बहन योजना के तहत हर महीने 2100 रुपये दिए जाएंगे। जैसा कि दिल्ली में वादा किया जा रहा है उम्मीद है कि चुनाव से ठीक पहले यहां भी महिलाओं को पैसे मिलने की शुरुआत करके चुनावी माइलेज लेने की कोशिश की जाएगी।

कैसा रहा है इन योजनाओं का ट्रैक रिकॉर्ड?

 

मध्य प्रदेश- लाडली बहन योजना

 

साल 2023 के आखिर में मध्य प्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने थे। एंटी इन्कम्बेंसी और कई अन्य आधार पर कहा जा रहा था कि इस बार बीजेपी और शिवराज सिंह चौहान के सामने चुनौती बड़ी है। ऐसे में मार्च में ही शिवराज सिंह चौहान ने लाडली बहन योजना की शुरुआत की। इन महिलाओं को उनके खाते में हर महीने 1000 रुपये भेजे जाने लगे। नतीजा बीजेपी के लिए फायदेमंद रहा और यहीं से महिला मतदाताओं को रिझाने के लिए इस तरह की योजनाओं की शुरुआत हो गई।

ओडिशा- सुभद्रा योजना

 

पीएम नरेंद्र मोदी ने इस साल 17 सितंबर को अपने जन्मदिन पर ओडिशा की सुभद्रा योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत 21 से 60 साल की महिलाओं को ओडिशा सरकार हर साल 10 हजार रुपये देगी। अभी के लिए यह कहा गया है कि यह योजना 5 साल तक चलेगी। यानी एक महिला को कुल 50 हजार रुपये मिलेंगे। हालांकि, इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है।

पश्चिम बंगाल- लक्ष्मी भंडार योजना

 

पश्चिम बंगाल में साल 2021 में विधानसभा चुनाव थे। ममता बनर्जी ने वादा किया किया कि उनकी सरकार बनी तो महिलाओं को हर महीने पैसे दिए जाएंगे। चुनावी जीत उन्हीं को मिली और इसमें महिला वोटर्स की अहम भूमिका भी रही। सरकार बनते ही ममता बनर्जी ने इसकी शुरुआत भी कर दी। इसके तहत 25 से 60 साल उम्र की महिलाओं को 1000 रुपये हर महीने दिए जाते हैं। SC-ST की महिलाओं को हर महीने 1200 रुपये दिए जाते हैं।

झारखंड- मुख्यमंत्री मैया सम्मान योजना

 

हेमंत सोरेन की सरकार तमाम संकटों से जूझ रही थी। खुद हेमंत सोरेन को जेल जाना पड़ा। वह जेल से लौटे तो तुरंत महिलाओं को पैसे देने वाली योजना का ऐलान हुआ। रक्षाबंधन पर झारखंड में मुख्यमंत्री मैया सम्मान योजना की शुरुआत कर दी गई। हर महीने महिलाओं को 1000 रुपये दिए जा रहे हैं जिसे हेमंत सोरेन ने बढ़ाने का भी वादा किया है।

महाराष्ट्र- माझी लाड़की बहिन योजना

 

लोकसभा चुनाव में महा विकास अघाड़ी के हाथों मुंह की खाने के बाद महायुति ने भी इसी तरह की योजना शुरू की। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले महिलाओं को 1500 रुपये हर महीने देने शुरू किए गए और सरकार ने भरसक प्रयास भी किए कि यह योजना हर घर तक पहुंचे। महायुति ने भी इस रकम को बढ़ाने का वादा किया। नतीजा रहा कि चुनाव में महायुति को बंपर जीत मिली।

कर्नाटक- गृह लक्ष्मी योजना

 

इस तरह की योजनाओं को कांग्रेस ने भी अपनाना शुरू कर दिया है। 2023 में कर्नाटक में हुए विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने गृह लक्ष्मी योजना का वादा किया था। कर्नाटक में 2023 से सरकार चला रही कांग्रेस ने बीपीएल श्रेणी के परिवारों की महिलाओं को हर महीने 2000 रुपये की आर्थिक मदद देने वाली गृह लक्ष्मी योजना की शुरुआत साल 2023 में शुरू की।


तमिलनाडु- मगलीर उरिमई योजना

 

साल 2023 में तमिलनाडु की डीएमके सरकार ने भी इसी तरह की योजना शुरू कर दी। मगलीर उरिमई नाम से शुरू की गई इस योजना के तहत राज्य की महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये दिए जा रहे हैं।

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