'सुनते नहीं, चमड़ी मोटी है', दिल्ली में अफसरों से परेशान हुई BJP?
दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुई बीजेपी भी अधिकारियों से परेशान हो गई है। विधानसभा के स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने तो इसके लिए चीफ सेक्रेटरी को चिट्ठी तक लिख डाली है।

अधिकारियों से परेशान हुए BJP नेता, Photo Credit: Khabargaon
दिल्ली की पिछली आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार लगातार शिकायत करती थी कि अधिकारी मंत्रियों की बात ही नहीं सुनते। इसको लेकर AAP और तब विपक्ष में रही भारतीय जनता पार्टी (BJP) में खूब जुबानी जंग भी होती थी। अब सत्ता में आने के बाद BJP को भी ब्यूरोक्रेसी के सामने ऐसी ही चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। खुद विधानसभा के स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने इसको लेकर दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी को चिट्ठी लिखी कि अधिकारी विधायकों की बात ही नहीं मान रहे हैं। कुछ ऐसी ही बातें आज मंत्री परवेश वर्मा ने कहीं। उन्होंने तो यह भी कह दिया कि कुछ अधिकारियों की चमड़ी मोटी हो गई है। इस बारे में आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि वह इस मुद्दे पर विधानसभा स्पीकर के साथ खड़े हैं, चुने हुए विधायकों की बात सुनी ही जानी चाहिए।
सरकार बनने के बाद से ही खुद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और पीडब्ल्यूडी मंत्री परवेश वर्मा लगातार नालों की डीसिल्टिंग के काम का जायजा ले रहे हैं। इसी क्रम में आज वह पटपड़गंज विधानसभा में पहुंचे थे। इस दौरान वह अधिकारियों पर भड़क गए और एक इंजीनियर को सस्पेंड भी कर दिया। नालों की सफाई को लेकर परवेश वर्मा ने कहा, 'सड़क के साथ जो नाले हैं, उनकी सफाई का काम भी पीडब्ल्यूडी का है, वह बिल्कुल भी नहीं हो रहा है इसलिए मैं यहां के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को सस्पेंड करने को कहा है। सारे अधिकारियों को स्पष्ट रूप से बोला है कि अगर आप लोग अपना काम ठीक से नहीं करेंगे तो कार्रवाई होगी। हम हमारी राजधानी दिल्ली को इस हाल में नहीं छोड़ सकते हैं।'
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अधिकारियों के काम करने तरीके पर सवाल उठाते हुए मंत्री परवेश वर्मा ने कहा, 'कई अधिकारियों की खाल पिछले 10 साल में मोटी हो गई है। उनकी चर्बी को हम लोग निकालेंगे। सबको दौड़ा रहे हैं सड़क पर। हमें भी पसीने आएंगे, उनको भी आएंगे। जब पसीने आएंगे तो चर्बी कम होगी तो खाल पतली होगी तो काम करना पड़ेगा।' बता दें कि दिल्ली सरकार इन दिनों नालों की डीसिल्टिंग के अभियान में लगी हुई है ताकि मानसून शुरू होने से पहले सभी नालों का साफ कर लिया जाए और बारिश के समय जलभराव की स्थिति न पैदा हो।
क्या बोली आम आदमी पार्टी?
सौरभ भारद्वाज ने कहा, 'मैं इस मुद्दे पर दिल्ली विधानसभा के स्पीकर विजेंद्र गुप्ता जी के साथ खड़ा हूं। मैं उन तमाम विधायकों के भी साथ खड़ा हूं जो चुनकर आए हैं, चाहे वे बीजेपी के ही विधायक क्यों न हों। उनको लोगों ने चुना है, उनकी बात सुनी जानी चाहिए। उनके काम होने चाहिए। हम तो यह बात पहले से कहते थे कि ऐसे अधिकारी हैं जो विधायकों की छोड़िए, मंत्रियों तक की बात नहीं सुनते, उनके फोन नहीं उठाते हैं, मैसेज का जवाब नहीं देते हैं, मीटिंग में नहीं आते हैं। तब बीजेपी को वह कल्चर सूट करता था लेकिन आज हम चाहते हैं कि प्रजातंत्र को मजबूत किया जाए।'
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Delhi: On Assembly Speaker Vijender Gupta accusing officials of ignoring MLAs, AAP leader Saurabh Bhardwaj says, "I stand with Speaker Vijender Gupta and all elected MLAs, even from the BJP. Their voices must be heard, and their work should be done. We have long highlighted that… pic.twitter.com/QQOfQc5tnm
— IANS (@ians_india) March 21, 2025
उन्होंने कहा, 'पिछले 10 साल से बीजेपी की केंद्र सरकार दिल्ली की अफसरशाही को यही सिखा रही थी कि चुने हुए विधायक हों, उनकी बात नहीं सुननी, चुने हुए मंत्री हों उनकी बात नहीं सुननी, उनके ऑर्डर नहीं लेने, उनके फोन का जवाब नहीं देना। अब दिल्ली की ब्यूरोक्रेसी को इसकी आदत हो गई। आपने दिल्ली को 10 साल में लोकशाही से अफसरशाही बना दिया। यह सब अपने राजनैतिक कारणों से किया। अब बीजेपी की सरकार बन गई, बीजेपी के 48 विधायक आ गए और अधिकारी उनके फोन नहीं उठा रहे। जनता ने जिसको चुना है, वह काम तो अफसरों से ही कराएगा और अगर अफसर विधायकों और मंत्रियों की सुनेंगे ही नहीं तो काम कैसे होगा। यही चीज जब 10 साल से AAP और दिल्ली सरकार कहती थी तो बीजेपी हमारा मजाक उड़ाती थी। LG साहब हमें ज्ञान देते थे, केंद्र सरकार उपदेश देती थी, अजय माकन भी कूद-कूदकर बताते थे कि नहीं ऐसे नहीं, ऐसे सरकार चलती है। अब अपनी ही दवाई का स्वाद बीजेपी चख रही है। इसके बावजूद मैं कहूंगा कि प्रजातंत्र की मजबूती इसी में है कि अफसरशाही, लोकशाही के नीचे हो। जो जनता के चुने हुए प्रतिनिधि हैं, उनके फोन उठाए जाएं, उनको जवाब दिए जाएं और उनके पत्रों का जवाब दिया जाए। तभी तो जनता के काम होंगे। मुझे बड़ी खुशी है कि बीजेपी को यह सबक अपनी सरकार बनने के बाद मिला है।'
#WATCH | Delhi: AAP leader Saurabh Bhardwaj says, "For the last 10 years, the BJP's central government was teaching Delhi's bureaucracy that elected MLAs should not be listened to... Now the bureaucracy has become used to it. You (BJP) turned Delhi from a democracy into a… https://t.co/Gumwr3yRJV pic.twitter.com/XcwbzTiUXh
— ANI (@ANI) March 20, 2025
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पूर्व CM आतिशी ने भी कसा तंज
अधिकारियों की चमड़ी मोटी बताए जाने पर पूर्व सीएम और मौजूदा समय में नेता विपक्ष आतिशी ने कहा, 'ऐसा क्या होगा कि जो अफसर पिछले 10 साल से विपरीत परिस्थिति में भी काम करके दिखा रहे थे, दिल्ली वालों को बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर, अच्छे स्कूल, अच्छे हॉस्पिटल और अच्छी-पढ़ाई लिखाई करवा रहे थे, ऐसा क्या हो गया कि एक महीने में इन अफसरों ने काम करना छोड़ दिया? हमें दिल्ली सरकार के अलग-अलग लेवल के अफसर, चाहे वे लोअर लेवल के फील्ड ऑफिसर हों या सीनियर लेवल के IAS अधिकारी हों, वे फोन करके बता रहे हैं कि बीजेपी की दिल्ली सरकार के मंत्रियों ने उन सबसे कमिशन मांगना शुरू कर दिया है। उनको कहा जा रहा है कि कोई भी सड़क बनेगी तो उसका 10 पर्सेंट कमिशन मंत्री को जाएगा। कोई भी अस्पताल की बिल्डिंग बनेगी तो उसका 10 पर्सेंट कमिशन मंत्री को जाएगा। यही कारण है कि आज जब अफसर ये कमिशन देने से मना कर रहे हैं तो उनके साथ गाली-गलौज हो रही है।'
VIDEO | On Delhi Minister Parvesh Verma's 'thick skin' remark on state officials, AAP MLA Atishi (@AtishiAAP) says, "What has suddenly happened that officials, who provided hospitals, better education facilities to Delhiites in the past 10 years, have stopped working? Different… pic.twitter.com/ngiF91jiLI
— Press Trust of India (@PTI_News) March 21, 2025
यहां यह भी बता दें कि दिल्ली में ब्यूरोक्रेसी का मामला पहले भी काफी पेचीदा रहा है। कई बार पहले भी ऐसा हो चुका है जब दिल्ली सरकार के मंत्री शिकायत करते थे कि अधिकारी उनके निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं। यह स्थिति उस वक्त से और बदतर हो गई थी जब दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए एलजी की अध्यक्षता में कमेटी का गठन कर दिया गया था। पहले AAP के नेता इसको लेकर सवाल उठाते थे, अब बीजेपी को भी ऐसी ही समस्या से दो-चार होना पड़ रहा है।
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