आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान को बड़ी राहत मिली है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आप विधायक को रिहा करने का आदेश दिया है। अदालत ने अमानतुल्लाह खान के खिलाफ दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लेने से भी इनकार कर दिया है।
विशेष न्यायाधीश जितेन्द्र सिंह ने कहा, 'अमानतुल्ला खान के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत मौजूद हैं, लेकिन उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी नहीं है। इसलिए संज्ञान लेने से इनकार किया जाता है।' अदालत ने अमानतुल्लाह खान को 1 लाख रुपये के जमानत बांड और इतनी ही राशि की जमानत पर न्यायिक हिरासत से तुरंत रिहा करने का निर्देश दिया है।
इस मामले में हुई थी गिरफ्तारी
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 29 अक्टूबर को 110 पन्नों की शिकायत दायर की थी, जिसमें दावा किया गया था कि अमानतुल्लाह खान ने दिल्ली वक्फ बोर्ड में भ्रष्टाचार के माध्यम से कथित रूप से अर्जित धन को लूटा था। चार्जशीट में मरियम सिद्दीकी का भी नाम था, जिन्हें ईडी ने मामले में आरोपी के तौर पर गिरफ्तार नहीं किया था। अदालत ने सिद्दीकी के खिलाफ कोई सबूत नहीं होने के कारण बरी कर दिया था।
अमानतुल्लाह खान के खिलाफ संज्ञान लेने से इनकार
खान के वकील रजत भारद्वाज ने समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा, 'अदालत ने अमानतुल्लाह खान के खिलाफ संज्ञान लेने से इनकार कर दिया है। अदालत ने एक लाख रुपये की जमानत के साथ उन्हें रिहा करने का निर्देश दिया है। बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग का मामला 2016 से 2021 के बीच खान के अध्यक्ष के रूप में दिल्ली वक्फ बोर्ड में कथित अनियमितताओं से संबंधित है।
ईडी के अनुसार, खान ने बोर्ड में अवैध रूप से सदस्यों की नियुक्ति की, जिससे सरकारी खजाने को कथित नुकसान हुआ। एजेंसी ने यह भी आरोप लगाया कि खान के एजेंटों ने विभिन्न संपत्तियों में 36 करोड़ रुपये की लूट की। ईडी ने दो एफआईआर के आधार पर मामला दर्ज किया है।