दिल्ली के विधानसभा चुनाव से पहले कई मुद्दे वाद-विवाद की वजह बन रहे हैं। ऐसा ही एक मुद्दा अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों का है। इसी को लेकर सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (AAP) और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (BJP) आमने-सामने हैं। अब इसी मुद्दे पर दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने दिल्ली पुलिस के कमिश्नर और चीफ सेक्रेटरी को कहा है कि वे इस पर सख्त ऐक्शन लें। उपराज्यपाल के सचिवालय की ओर से लिखी गई चिट्ठी में कहा गया है कि अगले दो महीने तक एक स्पेशल ड्राइव चलाएं और दिल्ली में रह रहे अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ तय समय में कार्रवाई करें। कहा गया है कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को देखते हुए दिल्ली के उलेमाओं और मुस्लिम नेताओं ने एलजी से मुलाकात की थी और बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
हाल ही में AAP ने केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के 2 साल पुराने ट्वीट को शेयर करते हुआ दावा किया था कि उन्होंने रोहिंग्याओं को दिल्ली के बक्करवाला में EWS फ्लैट दिलाने में मदद की थी। AAP नेताओं ने दावा किया था कि बीजेपी के लोगों ने रोहिंग्याओं को EWS फ्लैट, बिजली और पानी जैसी सुविधाएं दीं और लोगों को गुमराह किया।
क्या चाहते हैं उपराज्यपाल?
उपराज्यपाल सचिवालय की ओर से लिखा गया है कि चीफ सेक्रटरी और दिल्ली पुलिस के कमिश्नर राजधानी क्षेत्र में रह रहे अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के खिलाफ सख्त ऐक्शन लें। साथ ही, तय समय सीमा के हिसाब से काम करें। इसके बारे में कहा गया है कि शनिवार को बस्ती हजरत निजामुद्दीन और दरगाह हजरत निजामुद्दीन के उलेमाओं और मुस्लिम नेताओं ने उपराज्यपाल वी के सक्सेना से मुलाकात की थी। सचिवालय के मुताबिक, इन नेताओं ने बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही गतिविधि पर चिंता जताई थी और मांग की थी कि दिल्ली में रहने वाले अवैध घुसपैठियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए।
इस मुद्दे पर दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा था, 'कानूनी तौर पर आए शरणार्थियों की समस्या असली समस्या नहीं है। समस्या लाखों रोहिंग्या और अवैध बांग्लादेशी हैं। दिल्ली ही नहीं, यूपी, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और झारखंड में भी यही समस्या है। AAP के जो नेता खुद को पढ़ा-लिखा बताते हैं वे 2022 की एक पोस्ट के जरिए लोगों को गुमराह कर रहे हैं। उस पोस्ट में कानूनी रूप से रह रहे शरणार्थियों का जिक्र है, घुसपैठियों का नहीं।'