दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को नेशनल हेराल्ड मामले में बड़ी राहत देते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) की मनी लॉन्ड्रिंग शिकायत पर संज्ञान लेने से मना कर दिया। स्पेशल जज विशाल गोगने ने कहा कि ED की यह शिकायत कानूनी रूप से ठीक नहीं है।
नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कुछ अन्य लोगों पर संगीन आरोप लगे हैं। ED ने अप्रैल 2025 में चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग का इल्जाम लगाया गया था। ईडी की जांच, इस आदेश के बाद भी जारी रहेगी।
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नेशनल हेराल्ड केस पर एक नजर
नेशनल हेराल्ड अखबार को चलाने वाली कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की संपत्तियां करीब 2000 करोड़ रुपये की बताई जाती हैं। आरोप है कि 2010 में कांग्रेस पार्टी ने AJL को 90 करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया। कर्ज माफी के बाद एक नई कंपनी यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (YIL) बनी, जिसमें सोनिया और राहुल गांधी की बड़ी हिस्सेदारी है। शिकायक इस बात की है कि सिर्फ 50 लाख रुपये में YIL ने AJL का कंट्रोल ले लिया।
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ED को ऐतराज किस बात पर है?
ED का कहना है कि इस लेनदेन से कांग्रेस के पैसे का गलत इस्तेमाल हुआ और गांधी परिवार को फायदा पहुंचाया गया। ED ने इस मामले में AJL से जुड़ी करीब 661 करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त करने की भी कोशिश की थी।
गांधी परिवार के लिए राहत कैसे यह है यह फैसला?
नेशनल हेराल्ड केस की जांच साल 2014 से चल रही है। कोर्ट के इस फैसले से गांधी परिवार को बड़ी राहत मिली है। कांग्रेस इसे राजनीतिक दुर्भावना के तहत की गई कार्रवाई बताती है, बीजेपी पर सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप लगाती है। अब कोर्ट ने ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान लेने से इनकार किया है।