logo

ट्रेंडिंग:

SC की ED को दू टूक- वकील को न सिखाएं कैसे लड़ें केस

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा है कि ईडी और इसके निदेशक लोक अभियोजक को केवल तथ्यों की जानकारी दे सकते हैं। कोर्ट में किसी मुकदमे की पैरवी कैसे करते हैं, यह जांच एजेंसी नहीं सिखा सकती है।

Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सरकारी वकील कोर्ट का अधिकारी है, उसे कार्यवाही जांच एजेंसी न सिखाए। (तस्वीर-PTI)

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

सुप्रीम कोर्ट ने जीशान हैदर बनाम प्रवर्तन निदेशालय (ED) केस में कहा है कि जांच एजेंसी किसी लोक अभियोजक को केवल केस से जुड़े तथ्यों पर निर्देशित कर सकती है लेकिन वह उसे अदालत में कैसे कार्यवाही करनी है, इस पर निर्देश नहीं दे सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि लोक अभियोजकों को अदालती कार्यवाही के दौरान यह नहीं बताया जा सकता है कि मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों में वे किस तरह से खुद को कोर्ट में पेश करें। 

सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ कर दिया है न्यायिक प्रक्रियाओं की कार्यवाही में जांच एजेंसियों की सीमित भूमिका है, सरकारी वकील कोर्ट का अधिकारी है, उन पर जांच एजेंसी प्रभाव नहीं जमा सकती है। जस्टिस अभय ओका और जस्टिस अगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने बुधवार को ये बातें कही हैं। 

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को जीशान हैदर और दाउद नासिर को जमानत देते हुए यह फैसला सुनाया है। दोनों को दिल्ली वक्फ बोर्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया गया था। बेंच ने उनकी लंबी हिरासत को देखते हुए यह भी कहा है कि भविष्य में इनका ट्रायल नहीं होगा। 

'तथ्य बताएं, मुकदमे की पैरवी न सिखाएं'
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'हमें यह ध्यान देना होगा कि ईडी और इसके निदेशक केवल केस से जुड़े तथ्यों पर लोक अभियोजक को निर्देश दे सकते हैं। ईडी या इसके निदेशक पब्लिक प्रॉसीक्यूटर को यह नहीं निर्देशित कर सकते हैं कि क्या उसे कोर्ट में करना होगा, वह कोर्ट का अधिकारी है।'

'याचिका दायर करने से न रोकें अदालतें'
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि अगर केस के ट्रायल में देरी ईडी की वजह से नहीं हुई है तो लोक अभियोजकों को जमानत याचिका दायर करने से अदालतों को नहीं रोकना चाहिए। ट्रायल कोर्ट ने ईडी की आलोचना करते हुए कहा था कि ट्रायल में देरी जांच एजेंसी की वजह से हुई है। कोर्ट ने कौसर इमाम सिद्दीकी को इस केस में जमानत दे दी थी। 

'निष्पक्ष और सही तरीके से काम करें लोक अभियोजक'

जस्टिस ओका ने बताया कि ईडी डायरेक्टर के पहले के निर्देश कठोर थे। लोक अभियोजक को पारदर्शी और ईमानदारी से काम करना चाहिए। उन्होंने कहा, 'यह जरूरी है कि लोक अभियोजक को निष्पक्ष होना चाहिए। अगर कोई केस किसी पहले ही सुनाए गए केस के आधार पर दायर है तो उसे अदालत को बताना चाहिए। लोक अभियोजक को निष्पक्षता के साथ काम करना चाहिए।'

 

Related Topic:#supreme court

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap